प्रयागराज (कुंभनगरी, उत्तर प्रदेश) : सनातन की प्रदर्शनी बहुत ही सुंदर है । आप तो साधुओं से भी श्रेष्ठ कार्य कर रहे हैं । सभी साधुओं ने यदि इस पद्धति से धर्मकार्य किया, तो हिन्दू राष्ट्र स्थापना में विलंब नहीं लगेगा । कई लोक अपना संप्रदाय और पंथ को बढाने हेतु कार्य करते हैं; किंतु आप (सनातन) केवल हिन्दू धर्म के लिए कार्य कर रहे हैं । त्र्यंबकेश्वर (नासिक, महाराष्ट्र) के पू. फरशीवालेबाबा ने २४ जनवरी को ऐसा प्रतिपादित किया । इस अवसर पर महामंडलेश्वर ईश्वर चरहाटे महाराज भी उपस्थित थे ।
पू. फरशीवालेबाबा ने सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी के अवलोकन के पश्चात सनातन के कार्य की प्रशंसा की और हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंळेजी तथा उत्तर-पूर्व भारत के मार्गदर्शक पू. नीलेश सिंगबाळजी से राष्ट्र एवं धर्मकार्य के विषय पर संवाद भी किया । सनातन के धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तक ने पू. फरशीवालेबाबा को ग्रंथप्रदर्शनी की विस्तृत जानकारी दी ।