हिन्दू धर्म में विद्यमान विविधता, सर्वसमावेशीता, एकता और अखंडता का सर्वांगसुंदर दर्शन करानेवाले तथा विश्व का सबसे बडा एकमात्र धार्मिक महोत्सव ‘कुंभपर्व’ के उपलक्ष्य में इस विशेष स्तंभ का आरंभ किया गया है । इस स्तंभ के माध्यम से हमारे पाठकों को प्रयागराज का स्थलदर्शन, कुंभपर्व में सहभागी विविध अखाडों, उनकी पेशवाई शोभायात्राएं, संत-महंतों के दर्शन, त्रिवेणी संगमपर भक्तिभाव से स्नान करने आए हिन्दुओ के मुखमंडलोंपर विद्यमान उत्कट भाव, हिन्दू धर्म की ख्याति सुनकर सातसमुद्रपार कर आनेवाले विदेशी लोगों का कुंभ में सहभाग आदि का छायाचित्रण तथा इस विषय में विशेषतापूर्ण जानकारी देने का हमारा प्रयास रहेगा । इससे पाठकों को हिन्दू धर्म का अनन्यसाधारण महत्त्व तथा साधना क्यों आवश्यक है ?, यह समझ में आ जाएगा । इस स्तंभ के कारण आपको घरबैठे भक्तिभाव का तनिक अनुभव निश्चितरूप से होगा; किंतु ऐसा होते हुए भी आगामी संकटकाल में केवल साधना ही हमारी तारणहार सिद्ध होगी, यह निश्चित है !
प्रयागराज (कुंभनगरी), १८ जनवरी (संवाददाता) : सनातन संस्था समाज में जागृति लाने का प्रभावशाली कार्य कर रही है और हिन्दू राष्ट्र स्थापना का लक्ष्य रखकर देश में सुधार ला रही है । ‘धर्मो रक्षति रक्षितः ।’, इस वचन के नउसार सनातन संस्था संस्कृति की रक्षा कर रही है, साथ में संस्कृति के विरुद्ध आचरण करनेवालों का विरोध भी कर रही है । इस संस्था का कार्य करनेवाले सभी साधकों की मैं प्रशंसा करता हूं । जम्मू कश्मीर खालसा के अध्यक्ष महामंडलेश्वर श्री महंत रामेश्वरदास महाराज ने १७ जनवरी को यह गौरवोद्गार व्यक्त किए ।
महामंडलेश्वर श्री रामेश्वरदास महाराज तथा उनके साथ गोरक्षा का कार्य करनेवाले जम्मू के श्री. राजाभैय्या ने कुंभनगरी में सनातन की राष्ट्र एवं धर्मजागृति प्रदर्शनी का अवलोकन किया । तब वे ऐसा बोल रहे थे । इस अवसरपर सनातन संस्था के धर्मप्रचारक श्री. अभय वर्तक ने इन दोनों महानुभावों को सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी की संपूर्ण जानकारी दी । इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी के मंगलहस्तों महंत श्री रामेश्वरदास महाराज को सनातन का हिन्दी भाषी ग्रंथ ‘गंगाजी की महिमा’ भेंट किया गया ।