विजयपुर : यहां की सिद्धेश्वर संस्था एवं बागलकोट की बसवेश्वर वीरशैव विद्यावर्धक संस्था के संयुक्त आयोजन में हाल ही में यहां भारतीय संस्कृति उत्सव मनाया गया । इस उत्सव में सनातन संस्था की ओर से ग्रंथ एवं सात्त्विक उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई थी, साथ ही हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से अध्यात्मप्रसार का कार्य किया गया ।
प्रदर्शनी की विशेषताएं तथा प्राप्त प्रत्युत्तर
१. ३ विद्यालयों के लगभग ५४० छात्रों को भारतीय संस्कृति के आचरण के विषय में तथा हिन्दू संस्कृति के अनुसार गुढी पडवे के दिन नववर्ष मनाने का महत्त्व विशद किया गया । उसके कारण विद्यालय के शिक्षक बहुत आनंदित हुए । उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिन्दू जनजागृति समिति का कार्य प्रशंसनीय है और समिति के कारण हमें भारतीय संस्कृति के विषय में उपयुक्त जानकारी मिली ।
२. एक धर्मप्रेमी लगभग ५ वर्षों से सनातन संस्था के सात्त्विक उत्पाद मिलने की प्रतीक्षा में थे; परंतु उन्हें वो कहीं नहीं मिले; परंतु इस समय उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस उत्सव में सनातन संस्था की प्रदर्शनी अवश्य होगी; यह विचार कर मैं सात्त्विक उत्पादों का विक्रय करने आया हूं ।
३. एक धर्मप्रेमी को उत्सवस्थलपर एक विशिष्य सुगंध का अनुभव हुआ, जिससे की उस धर्मप्रेमी के मन में ‘यह सुगंध तो यहां सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी होने का चिन्ह है’, यह विचार आया; इसलिए वे प्रदर्शनी ढूंढते हुए वहां आए और उन्होंने सात्त्विक उत्पादों का विक्रय कर अपना मनोदय व्यक्त किया ।
४. उत्सव समिति की ओर से संस्था की प्रदर्शनी के उपक्रम के लिए संपूर्ण सहयोग मिला ।
५. नियतकालिक ‘विजय कर्नाटक’ के प्रतिनिधि ने स्वयंस्फूर्ति से संस्था की प्रदर्शनी का अवलोकन कर उसका समाचार अपने समाचारपत्र में छापा ।
६. विजयपुर के ज्ञानयोगाश्रम के पू. श्री. सिद्धेश्वर स्वामीजी ने सनातन संस्था की ग्रंथप्रदर्शनी का अवलोकन किया । इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति के बागलकोट समन्वयक श्री. व्यंकटरमण नाईक ने स्वामीजी को ग्रंथों के विषय में जानकारी दी । इस संदर्भ में श्री सिद्धेश्वर स्वामीजी ने कहा कि आपके गुरु प.पू. डॉ. जयंत आठवलेजी महान हैं । सनातन का कार्य बहुत अच्छा है ।