स्नान हेतु जाता हुआ विदेशी नागरिकों का समूह
कुंभपर्व के प्रारंभ में महानिर्वाणी अखाडे के राजयोगी स्नान के पश्चात क्रमशः निरंजनी अखाडा, आनंद अखाडा, जूना अखाडा, आवाहन अखाडा, श्री शंभू पंच अग्नि अखाडा स्नान के लिए आ गए । इन शैव अखाडों का स्थान होेनेपर निर्मोडी, निर्वाणी तथा दिगंबर इन वैष्णव अखाडों का स्नान संपन्न हुआ । उसके पश्चात नया उदासीन, बडा उदासीन तथा निर्मल इन उदासीन अखाडों ने स्नान किया । इनमें से जूना अखाडा में सबसे बडी संख्या में साधु और संन्यासियों का सहभाग था । वैष्णव अखाडों को स्नान के लिए आने में २ घंटे विलंब हुआ, जिससे की अगला स्नान विलंब से हुआ ।
कुंभपर्व की विशेषताएं
- शरीर से अपाहिज साधु भी राजयोगी स्नान के लिए प्रयागराज के त्रिवेणी संगमपर जा रहे थे ।
- त्रिवेणी संगम का अत्यंत ठंडा पानी तथा बाहर प्रातःकाल में कडाके की ठंड होते हुए भी साधु और श्रद्धालु उत्साह के साथ स्नान करते हुए आनंदित मुद्रा में लौट रहे थे ।
- विदेशी नागरिकों के एक बडे समूह ने भी कुंभपर्व में स्नान किया ।
- उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कुंभपर्व में सहभागी संत एवं श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से १.३० घंटे से भी अधिक समयतक पुष्पवृष्टि की जा रही थी, जिससे की संत और श्रद्धालुओं का उत्साह और बढा ।
- शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज तथा अन्य वयस्क संतों को उनके भक्तों ने उठा लेकर संगमपर स्नान करवाया । संगमपर स्नान के पश्चात अनेक साधु-संत और श्रद्धालुओं ने पूजन, नामजप और भजन कर अधिकाधिक चैतन्य प्राप्त करने का प्रयास किया ।
- कुंभपर्व में बडे साधुओं सहित ४-५ वर्ष आयु के एक छोटे साधु ने भी स्नान किया ।
- कुंभपर्व में श्रद्धालुओं सहित उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग, राज्य आरक्षित पुलिस बल, राष्ट्रीय आपदा सहायता बल (एन्डीआर्एफ्) के ८० समूह, बमशोधक दल, स्काऊट आदि बलों के सहस्रों लोग सुरक्षा के लिए नियुक्त किए गए थे ।
- कुंभपर्व के छायाचित्रण के लिए विदेश से ५० से भी अधिक पत्रकार आए थे । अच्छे छायाचित्र खींचना संभव हो; इसके लिए देश-विदेश के अनेक पत्रकारों ने नदी के ठंडे पानी में कुछ घंटोतक निरंतर खडे रहकर छायाचित्र खींचे ।