आगामी संकटकाल में साधकों की रक्षा हो; इसके लिए सनातन के रामनाथी, गोवा के आश्रम में ‘मृत्युंजय याग’ संपन्न !

बाईं ओर से शिवजी का पूजन करती हुईं सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी, पुरोहित श्री. चैतन्य दीक्षित तथा श्री. सिद्धेश करंदीकर

रामनाथी (गोवा) : हिन्दू राष्ट्र स्थापना में उत्पन्न सभी बाधाएं दूर हों, परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी को स्वास्थ्यमय दीर्घायु प्राप्त हो, साथ ही आगामी संकटकाल में साधकों की रक्षा हो तथा उनके अपमृत्यु टलें; इसके लिए भृगु महर्षिजी की आज्ञा से रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम में १३ जनवरी २०१९ को संतों की वंदनीय उपस्थिति में तथा भावपूर्ण वातावरण में ‘मृत्युंजय याग’ संपन्न हुआ ।

सनातन की सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने याग का संकल्प लिया । इस समय बाणलिंग का षोडशोपचार पूजन कर ‘षट्प्रणवी महामृत्युंजय मंत्र’ के उच्चारण के साथ हवन किया गया । पूर्णाहुति के साथ याग का समापन किया गया । श्री. दामोदर वझेगुरुजी के मार्गदर्शन में पुरोहितों ने याग का पौरोहित्य किया । इस याग के समय प.पू. दास महाराजसहित सनातन के अन्य संत भी उपस्थित थे ।

क्षणिकाएं

१. पेडणे के मूर्तिकार श्री. देवघरे द्वारा आश्रम को भेंट की गई शिवजी की मूर्ति को पूजन में रखा गया था । इस मूर्ति की ओर देखकर भाव जागृत हो रहा था । संत एवं साधकों को इस मूर्ति में सजीवता प्रतीत हुई ।

२. याग के समय पूजा की रचना में नंदी की २ मूर्तियां रखी गई थीं । पूजनपश्‍चात सद्गुुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने बाईं ओर स्थित नंदी की मूर्ति को पुष्प समर्पित करनेपर कुछ समय में वह नीचे गिर गया । नंदी के पूजन के बिना शिवजी की पूजा पूर्ण नहीं होती । इसलिए नंदी को अर्पित फूल का नीचे गिर जाना, इसका अर्थ ‘भगवान शिवजी ने पूजाविधि का स्वीकार किया’, यह शुभसंकेत मिला ।

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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