रामनाथी (गोवा) : हिन्दू राष्ट्र स्थापना में उत्पन्न सभी बाधाएं दूर होकर हिन्दू राष्ट्र की यथाशीघ्र स्थापना हो, इस संकल्प को लेकर सनातन के रामनाथी, गोवा के आश्रम में ११ जनवरी २०१९ को संतों की वंदनीय उपस्थिति में तथा भावपूर्ण वातावरण में राजमातंगी यज्ञ संपन्न हुआ । इसी दिन राजमातंगीदेवी का स्वरूप श्री मीनाक्षी देवी के मदुराई, तमिलनाडू के मंदिर में सद्गुुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने नवार्चना की । सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी के हस्तों संकल्प कर यज्ञ का प्रारंभ हुआ । उसके पश्चात देवताओं का आवाहन, देवताओं का पूजन, हवन आदि विधि संपन्न होने के पश्चात पूर्णाहुति के साथ यज्ञ का समापन हुआ । साधक-पुरोहित श्री. दामोदर वझेगुरुजीसहित सनातन के अन्य पुरोहितों ने यज्ञ का पौरोहित्य किया । इस यज्ञ के समय प.पू. दास महाराजसहित सनातन के अन्य संत भी उपस्थित थे ।
श्री राजमातंगीदेवी विशुद्धचक्र की अधिष्ठात्री देवता है । विशुद्धचक्र वाणी से संबंधित होता है । श्री विष्णुजी की आकर्षणशक्ति को राजमातंगी कहा गया है । प्राचीन ग्रंथ ‘मुंडकमाला’ में यह उल्लेख मिलता है कि जिस प्रकार से महाविष्णु के १० अवतार हैं, उसी प्रकार से दुर्गादेवी के दशमहाविद्या जैसे १० रूप होते हैं । विष्णुजी के प्रत्येक अवतार के समय इन दशमहाविद्याओं में से एक देवी अवतारकार्य में सहायता करती है । असुरों का वशीकरण कर उनका निर्दालन करना, श्री राजमातंगीदेवी का कार्य है । इसी उद्देश्य से हिन्दू राष्ट्र में उत्पन्न बाधाएं दूर होने हेतु यह यज्ञ किया गया ।