१. नेत्र विकार
अ. आंखों में जलन होना, आंखें लाल होना
श्रीराम जय राम जय जय राम (तेज, वायु)
आ. सभी प्रकार के नेत्र विकार
१. श्रीराम जय राम जय जय राम (आप),
२. श्री दुर्गादेव्यै नमः (तेज),
३. ॐ शं शङ्खिनीभ्यान् नमः (देवता : श्री दुर्गादेवी, तत्त्व : तेज),
४. ॐ घृणि सूर्याय नमः / श्री सूर्यदेवाय नमः (टिप्पणी) (ग्रह : सूर्य, तत्त्व : तेज),
५. ॐ शुं शुक्राय नमः (ग्रह : शुक्र, *),
६. ह्रूं (*) तथा ७. ॐ (आप, तेज)
टिप्पणी – ‘विकार सूर्य ग्रह की पीडा से हुआ है’, यह निश्चित ज्ञात हो, तो ही यह नामजप करें, अन्यथा वैकल्पिक नामजप करें ।
२. नाक के विकार
अ. पीनस (सर्दी)
१. श्री गणेशाय नमः (पृथ्वी) तथा
२. गँ (*)
आ. बार-बार होनेवाली पीनस (सर्दी)
१. श्री गणेशाय नमः(पृथ्वी, आप),
२. श्री दुर्गादेव्यै नमः (तेज),
३. धीमहि (तेज),
४. ऊ (देवता : ब्रह्मदेव, *) तथा
५. षट् (वायु)
विशेष न्यासस्थान : स्वाधिष्ठानचक्र से दो इंच ऊपर
३. रक्तपरिसंचरण तंत्र के विकार
अ. उच्च रक्तचाप
१. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय (आप, तेज, वायु, आकाश),
२. ॐ वं वज्रहस्ताभ्यान् नमः (देवता : श्री दुर्गादेवी, तत्त्व :तेज),
३. ह्रूं (*),
४. ॐ (आप, तेज) तथा
५. ॐ शान्तिः (*)
आ. न्यून रक्तचाप
१. ॐ (आप, तेज) तथा
२. ॐ शान्तिः (*)
४. श्वसनतंत्र के विकार
अ. सभी प्रकार की खांसी
१. श्री विष्णवे नमः (देवता : श्रीविष्णु, तत्त्व : आप),
२. श्री सूर्यदेवाय नमः (तेज),
३. हं (आकाश) तथा
४. ॐ (आप, तेज)
आ. दमा (अस्थमा)
१. श्री विष्णवे नमः (देवता : श्रीविष्णु,तत्त्व : आप),
२. श्री हनुमते नमः (वायु),
३. ॐ नमः शिवाय(आकाश),
४. श्री चंद्रदेवाय नमः / ॐ सों सोमाय नमः (ग्रह :चंद्र, तत्त्व : आप),
५. ॐ शं शनैश्चराय नमः (ग्रह : शनि, *),
६. श्री सूर्यदेवाय नमः (तेज),
७. धीमहि (तेज),
८. ऊ (देवता :ब्रह्मदेव, *),
९. यं (वायु),
१०. हं (आकाश),
११. ह्रां (*),
१२. ह्रूं (*),
१३. ॐ (आप, तेज) तथा
१४. षट् (वायु)
विशेष न्यासस्थान : अनाहतचक्र से एक इंच ऊपर
५. पाचनतंत्र के विकार
अ. भूख न लगना
१. श्री गणेशाय नमः (पृथ्वी),
२. श्री दुर्गादेव्यै नमः (तेज),
३. श्री अग्निदेवाय नमः (तेज),
४. श्री सूर्यदेवाय नमः (तेज),
५. यो (तेज),
६. ऐ (देवता : श्री गणपति,तत्त्व : पृथ्वी),
७. रं (तेज),
८. ॐ (आप, तेज),
९. द्विम् (आप, तेज),
१०. सप्तन् (तेज) तथा
११. अष्टन् (पृथ्वी)
विशेष न्यासस्थान : स्वाधिष्ठानचक्र
आ. पाचनशक्ति अल्प रहना (अग्निमांद्य)
१. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय (आप, तेज, वायु, आकाश),
२. श्री विठ्ठलाय नमः(*),
३. ॐ नमः शिवाय (आकाश),
४. श्री दुर्गादेव्यै नमः(तेज),
५. ॐ बुम् बुधाय नमः (ग्रह : बुध, *),
६. ‘श्री दुर्गादेव्यै नमः – ॐ नमः शिवाय’ (देवता : श्री दुर्गादेवी, तत्त्व : तेज; देवता :शिव, तत्त्व : आकाश),
७. श्री अग्निदेवाय नमः (तेज),
८. श्रीसूर्यदेवाय नमः (तेज),
९. श्री आकाशदेवाय नमः (आकाश),
१०. खं (आकाश),
११. रं (तेज),
१२. हं (आकाश),
१३. ह्रां(*),
१४. ॐ (आप, तेज),
१५. एकम् (आकाश),
१६. द्विम्(आप, तेज) तथा
१७. सप्तन् (तेज)
इ. अजीर्ण अथवा अपचन होना
१. श्री दुर्गादेव्यै नमः (तेज),
२. श्री अग्निदेवाय नमः (तेज),
३. श्री सूर्यदेवाय नमः (तेज),
४. रं (तेज),
५. ॐ (आप, तेज),
६. द्विम् (आप, तेज) तथा
७. सप्तन् (तेज)
ई. भोजन के पूर्व मिचली
१. ‘ॐ नमः शिवाय – श्री गुरुदेव दत्त’ (देवता : शिव, तत्त्व : आकाश; देवता : दत्त, तत्त्व : पृथ्वी, आप),
२. सवितुः (तेज),
३. आ (देवता : श्रीविष्णु, तत्त्व : आप) तथा
४. द्विम् (आप, तेज)
विशेष न्यासस्थान : मणिपुरचक्र से दो इंच ऊपर
उ. अम्लपित्त (‘एसिडिटी’ – छाती-पेट में जलन, पित्त होना)
१. श्रीराम जय राम जय जय राम (तेज, वायु),
२. ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय – श्री गणेशाय नमः’ (देवता : श्रीकृष्ण, तत्त्व :आप, तेज, वायु, आकाश; देवता : श्री गणपति, तत्त्व : पृथ्वी),
३. यो (तेज),
४. ऐ (देवता : श्री गणपति, तत्त्व : पृथ्वी),
५. हं(आकाश) तथा
६. अष्टन् (पृथ्वी)
विशेष न्यासस्थान : विशुद्धचक्र से चार इंच ऊपर
६. आंतों के विकार
अ. पेट फूलना
श्री हनुमते नमः (वायु)
आ. पेट में ‘गैस’ होना (वायु विकार)
१. श्री हनुमते नमः(वायु),
२. ॐ वं वज्रहस्ताभ्यान् नमः (देवता : श्री दुर्गादेवी, तत्त्व :तेज) तथा
३. हं (आकाश)
इ. बद्धकोष्ठता (कॉन्स्टिपेशन)
१. श्री गणेशाय नमः (पृथ्वी, आप) तथा
२. गँ (*)
कुछ सूचनाएं
१. अधिकतर नामजपों के आगे कोष्ठक में उस नामजप से संबंधित महाभूत (तत्त्व) बताए हैं । उस तत्त्व के आधार पर मुद्रा आैर न्यास जानने की क्रिया सूत्र ‘२’ में बताई है । कुछ नामजपों के आगे ‘*’ संकेत है । उन नामजपों के समय की जानेवाली सामान्य मुद्रा के
विषय में विश्लेषण सूत्र ‘२’ में किया है ।
२. न्यासस्थान (न्यास करने हेतु आवश्यक स्थान) जानने की क्रिया सूत्र ‘२’ में बताई है । विकारसूची में दिए कुछ विकारों में ‘विशेष
न्यासस्थान’ दिया है । इसका विश्लेषण भी सूत्र ‘२’ में किया है ।