बेळगाव (कर्नाटक) के राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन में हिन्दुआें द्वारा मांग
बेळगाव : आगामी चलचित्र ‘केदारनाथ’ का नाम, पोस्टर, ट्रेलर तथा टीजर को देखते हुए यह चलचित्र हिन्दूविरोधी होने का दिखाई देता है । इस चलचित्र में यह कपोल्कल्पित शोध लगाया गया है कि वर्ष २०१३ में श्रीक्षेत्र केदारनाथ में आया जलप्रलय, इस चलचित्र में दिखाए गए कथित प्रेमप्रकरण का विरोध करने से आ गया । साथ ही इस चलचित्र के पोस्टपर ‘लव इज अ पिलीग्रिमेज’ अर्थात ‘प्रेम एक तीर्थयात्रा है’, इस प्रकार की टैगलाईन देकर इसमें हिन्दुआें की तीर्थयात्राआें के उद्देश्य को ही कालीख पोंछ दी गई है । इसलिए यह चलचित्र प्रदर्शित न हो तथा इस चलचित्रपर प्रतिबंध लगाया जाए, इस मांग को लेकर २८ नवंबर को बेळगाव के धर्मवीर संभाजी चौकपर राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन किया गया । आंदोलन के पश्चात निवासी जिलाधिकारी श्री. बुद्धेप्पा को निवेदन सौंपा गया । इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति के आधुनिक वैद्य अंजेश कणगलेकर, योग वेदांत सेवा समिति के श्री. विनोदानंद महाराज, गोरक्षा समिति के श्री. भरमाणी पाटिल तथा इस्कॉन के श्री. श्रीधर भूते ने मनोगत व्यक्त किया । धर्मप्रेमी सर्वश्री सदानंत मासेकर, दशरथ पालेकर, श्रीपाद देशपांडे, सुरेश माळी, शुभम आपटेकर, श्रीमती मीलन पवार, योग वेदांत सेवा समिति के श्री. गणेशभाईसहित हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता तथा सनातन संस्था के साधक उपस्थित थे ।
विशेष : इस्कॉन के श्री. श्रीधर भूते आंदोलन देखकर आंदोलन में सहभागी हुए और उन्होंने आंदोलन के समय उन्हें बुलाने का आग्रह किया ।
आंदोलन में की गई मांगें
१. जनभावनाआें का विस्फोट होने के पूर्व ही केंद्रीय परिनिरीक्षण विभाग (सेन्सर बोर्ड) चलचित्र ‘केदारनाथ’ पर प्रतिबंध लगाए ।
२. जबतक इस चलचित्र में विद्यमान प्रसंग हटाकर यह चलचित्र हिन्दू संगठन अथवा हिन्दू धर्माचार्यों के शिष्टमंडल को दिखाया नहीं जाता, तबतक इस चलचित्र को प्रमाणपत्र न दिया जाए ।
३. इस चलचित्र के माध्यम से हिन्दुआें के मंदिर, आस्था के केंद्र, धर्मग्रंथ तथा देवताआें का अयोग्य पद्धति से उपयोग न किया जाए; इसके लिए केंद्रीय चलचित्र परिनिरीक्षण विभाग एक नियमावली बनाए ।
४. इस चलचित्र की ‘लव इज अ पिलिग्रिमेज’ इस टैगलाईन को बदला जाए ।