पुणे में सनातन प्रभात के पाठक, शुभिंचतक,
विज्ञापनदाताओं की भावना – हम सनातन के साथ हैं !
पुणे – अन्वेषण तंत्र द्वारा हिन्दुत्वनिष्ठों को बंदी बनाने के उपरांत प्रसिद्धीमाध्यमों द्वारा सनातन संस्था के विरोध में वातावरण कलुषित किया जा रहा है । तथाकथित पुरोगामी एवं हिन्दुत्वविरोधक द्वारा संस्था पर प्रतिबंध की मांग की जा रही है; ऐसे में पाठक, शुभिंचतक, विद्यापनदाता ने सनातन का दृढता से समर्थन किया है ।
इतनी बारिश में भी आप आए, यह अत्यंत प्रशंसनीय है । आजकल जो चल रहा है, वह राजनीति है । आप दृढता एवं आत्मविश्वास से डटे रहो । हम सदैव आपके साथ हैं । – श्री. समीर कुलकर्णी, उद्योजक, वेळू
प्रथम मैं हिन्दू हूं । शिवसेना का कट्टर हिन्दू हूं । जो भी चल रहा है, वह सब राजनीति है । हम आपका सदैव साथ देंगे । कोई अडचन आए, तो कभी भी आएं । – श्री. महेश नलवडे, शिवसैनिक एवं शिवापुर के पथकर नाके के प्रबंधक
मैं रात-दिन सनातन के साथ हूं । चिंता न करना । जब भी कोई अडचन आए, तो आवाज देना । मैं आपके साथ हूं । – श्री. रमेशबापू कोंडे, पुणे जिलाप्रमुख, शिवसेना
सनातन संस्था पर प्रतिबंध न लगाकर, उसके विचारों का
अध्ययन करें ! – महेश आचार्य उत्पात, सनातन वैदिक धर्म मंडल, पंढरपुर
सनातन पर प्रतिबंध अर्थात पवित्र सीतामाता को रावण द्वारा लंका में बंद करने समान है । सनातन संस्था पर सरकार प्रतिबंध न लगाए अपितु उसके विचारों का अध्ययन करें । सनातन पर प्रतिबंध लगाने पर आनेवाले चुनावों में सरकार को उसका परिणाम भोगना पडेगा ।
भाजपा के नगरसेवकों की प्रतिक्रिया
भाजप के कर्वेनगर के नगरसेवक श्री. सुशीलकुमार मेंगडे ने स्वयं ही सनातन की साधिका को भ्रमणभाष कर आस्था से पूछताछ की और बोले, आज समाचारपत्र में जो पढ रहे हैं, उससे आपको कोई कष्ट तो नहीं हुआ न ? किसी भी सहायता की आवश्यकता लगे, तो बताना ।
सनातन संस्था पर प्रतिबंध की मांग करना तो ऐसे ही हुआ जैसे चोर को छोड,
सन्यासी को फांसी दो ! – रामकृष्ण वीर महाराज, राष्ट्रीय प्रवक्ता, वारकरी संप्रदाय पाईक संघ
सनातन संस्था भारतीय राष्ट्रध्वज का अवमान रोकने हेतु गत १६ वर्षों से निरंतर प्रबोधन एवं प्रयत्न करनेवाली, प्लास्टर ऑफ पैरिस के स्थान पर चिकनी (शाडू) मिट्टी की गणेशमूर्ति की स्थापना का आग्रह कर धर्मशास्त्र एवं निसर्ग समतोल का समन्वय विचार अंकित करने हेतु आगे आनेवाली, अपनी किसी भी धर्मसभा, प्रचारफेरी इत्यादि के लिए कानूनन अनुमति पूर्ण करके ही कानूनन तथा संविधान का पालन करनेवाली हिन्दू धर्मजागृति, प्रथा-परंपराओं का पालन करने हेतु कार्य करनेवाली एकमेव हिंदुत्वनिष्ठ संस्था है । यह कार्य करते हुए सनातन के साधकों का, केवल भगवान की नामसाधना के बल पर भक्कम अध्यात्मिक प्रवास हो रहा है । ऐसी ईश्वर, देश एवं धर्म का कार्य करनेवाली संस्था पर कुछ बुद्धिभेदी लोगों द्वारा हो रही प्रतिबंध की मांग यह कहावत सार्थक करती है कि चोर को छोड कर सन्यासी को फांसी दो ।
‘सत्यमेव जयते ।’ इस पर हमारा दृढ विश्वास है इसलिए प्रामाणिक एवं निष्काम भावना से काम करनेवाली सनातन संस्था के निर्मल साधकों का हम दृढता से समर्थन करते हैं ।