मुंबई – सनातन संस्था बहुत अच्छे उद्देश्य के साथ कार्यरत संस्था है । जिस संस्था के साधक सामाजिक तथा धार्मिक दृष्टि से तथा सहिष्णुता के साथ कार्य करते हैं । ऐसी एक संस्थापर प्रतिबंध की मांग करना घोर मूर्खता है । जिस उद्देश्य के लिए यह संस्था कार्यरत है, उस मुलभूत भावना को समझ लेना चाहिए । सनातन संस्थापर प्रतिबंध की मांग होना, एक संकटकालीन स्थिति है । संस्था जब अपनी भूमिका स्पष्ट कर रही है, तो उसे सुन क्यों नहीं लिया जाता ? यह षड्यंत्र देश के लिए घातक है । करणी सेना सनातन संस्थापर प्रतिबंध की मांग के षड्यंत्र का उत्तर देने के लिए सिद्ध है । करणी सेना के संस्थापक श्री. लोकेंद्रसिंहजी कालवी ने ऐसा प्रतिपादित किया । ६ सितंबर को श्री राजपूत करणी सेना, मुंबई की ओर से घाटकोपर में आयोजित वर्ष २०१८ के पद्मिनी गौरव सम्मान समारोह के लिए वे मुंबई आए थे । इस कार्यक्रम के पश्चात उन्होंने पत्रकारों से संवाद किया |
कुछ आधुनिकतावादी तथा हिन्दूद्वेषी गिरोह की ओर से सनातन संस्थापर प्रतिबंध की तथा परात्पर गुुरु डॉ. जयंत आठवलेजी को बंदी बनाने की मांग की जा रही है । इस विषय में दैनिक सनातन प्रभात के प्रतिनिधि द्वारा श्री. कालवी से उनका मत पूछे जानेपर उन्होंने उत्स्फूर्तता के साथ उपर्युक्त प्रतिपादन किया । इस अवसरपर उन्होंने २३ सितंबर २०१८ को राजस्थान में आयोजित किए जानेवाले सबसे बडे क्षत्रिय सम्मेलन में चलचित्र पद्मावत तथा आरक्षण की नीति की समीक्षा किए जाने की बात भी कही । इस समय करणी सेना के श्री. जगदीशसिंह भानुजा तथा अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे ।
ऐतिहासिक चलचित्रों के परीक्षण के लिए
चलचित्र प्रदर्शनपूर्व परिनिरीक्षण विभाग होना चाहिए !
चलचित्र परिनिरीक्षण विभाग द्वारा नियुक्त त्रिसदस्यीय समिति ने चलचित्र पद्मावत के प्रदर्शन के लिए अनुमति अस्वीकार कर दी थी । उसके पश्चात इस चलचित्र में अनेक बदलाव किए जाने के पश्चात ही चलचित्र परिनिरीक्षण विभाग ने इस चलचित्र के प्रदर्शन की अनुमति प्रदान की; परंतु इस चलचित्र में रानी पद्मावती के स्थानपर अल्लाऊद्दिन खिलजी की व्यक्तिरेखा को ही अधिक महत्त्व दिया गया है । करणी सेना के विरुद्ध इस चलचित्र के निर्माता संजय लीला भन्साळी के साथ हाथ मिलाकर इस चलचित्र के प्रचार का आरोप लगाया जा रहा था; परंतु यह चलचित्र एक कचरा था । इस प्रकार से कोई यदि अपने घर की महिला के विषय में चित्रण करता हो, तो हम उसे थप्पड मारेंगे । मैं महाराणा प्रताप का वंशज हूं और रानी पद्मावती के पीढी का भी हूं । हम हमारे इतिहास का विकृतिकरण सहन नहीं करेंगे । इस प्रकार से चलचित्रों के माध्यम से इतिहास के किए जानेवाले विकृतिकरण को रोकने के लिए चलचित्रपूर्व परिनिरीक्षण विभाग बनाए जाने की मांग भी श्री. कालवी ने की ।
परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी में एक अलौकिक शक्ति है, जो राष्ट्रहित के लिए कार्यरत है !
लोकेंद्रसिंहजी कालवी द्वारा व्यक्त किए गए गौरवोद्गोर !
सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी के विषय में गौरवोद्गार वक्त करते हुए श्री. कालवी ने कहा, गुरुजी (परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी) में एक बडी अलौकिक शक्ति है, जो राष्ट्रहित के लिए कार्यरत है । मैं करणी सेना के संस्थापक के रूप में यह कहना चाहता हूं कि उनके विरुद्ध कोई आरोप लगाए जाते हैं, तो करणी सेना उन आरोपों का उत्तर देने के लिए सिद्ध है ।