केवल संत ही राष्ट्र का भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं ! सद्गुुरु श्री श्री श्री ब्रह्मानंद सरस्वती स्वामी
धर्मसंसद में उपस्थित संत तथा (१) सनातन के पू. रमानंद गौडा
मंगलुरू : राजनेताआें को राष्ट्र की आध्यात्मिक तथा नैतिक उन्नति के लिए संतों से मार्गदर्शन लेना आवश्यक है । राष्ट्रहित के लिए कौन सी व्यवस्था, कानून तथा धर्म आवश्यक है, यह केवल संत ही बता सकते हैं तथा वे ही राष्ट्र का भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं । सद्गुुरु श्री श्री श्री ब्रह्मानंद सरस्वती स्वामी ने ऐसा प्रतिपादित किया । उन्होंने आगे कहा, मेकैले की अंग्रेजी शिक्षापद्धति को बंद कर भारत की संस्कृति के साथ समरस होनेवाली गुरुकुल शिक्षापद्धति को अपनाया जाना चाहिए । उससे धर्म तथा नैतिकता वृद्धिंगत होगी । उसके लिए विद्यालय तथा महाविद्यालयों में हिन्दू धर्मपर आधारित पाठ्यक्रम का होना आवश्यक है । ऐसा होने से ही भारत पुनः एक बार विश्वगुरु का स्थान प्राप्त करेगा । कर्नाटक के दक्षिण कन्नड जिले के नित्यानंदनगर धर्मस्थल के श्री रामक्षेत्र महासंथानम् में सद्गुुरु श्री श्री श्री ब्रह्मानंद सरस्वती स्वामी की पीठारोहण जयंती दिवस के उपलक्ष्य में धर्मसंसद का आयोजन किया गया था । इस कार्यक्रम में वे ऐसा बोल रहे थे । इस धर्मसंसद में सनातन हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए रामराज्य स्थापना के उद्देश्य से संत और सहस्रों श्रद्धालुआें ने सहभाग लिया ।
क्षणचित्र : इस कार्यक्रम में सनातन के ७५वें संत पू. रमानंद गौडा की वंदनीय उपस्थिति थी । कार्यक्रमस्थलपर सनातन के सात्त्विक उत्पाद तथा ग्रंथों की प्रदर्शनी लगाई गई थी ।
सनातन निर्मित कन्नड भाषा के गणेश पूजन तथा आरती एप का विमोचन
सनातन निर्मित कन्नड भाषा का एन्ड्रॉईड एप गणेश पूजन तथा आरती का विमोचन करते हुए श्री श्री श्री ब्रह्मानंद सरस्वती स्वामी
इस अवसरपर सनातन संस्था द्वारा बनाए गए कन्नड भाषा का एन्ड्रोईड एप गणेश पूजन तथा आरती का विमोचन श्री श्री श्री ब्रह्मानंद सरस्वती स्वामीजी के शुभहस्तों से किया गया । इस एप में श्री गणेशजी का पूजन शास्त्रोक्त पद्धति से कैसे करें, आरती, स्तोत्र, गणेशोत्सव मनाने की तथा श्री गणेशमूर्ति के विसर्जन की पद्धति की ध्वनिचित्रचक्रिकाएं हैं । साथ ही वैधानिक पद्धति से श्री गणेशजी का अनादर कैसे रोके, इसकी जानकारी दी गई है । इस अवसरपर हिन्दू जनजागृति समिति के राज्य समन्वयक श्री गुुरुप्रसाद गौडा, दक्षिण कन्नड जिला समन्वयक श्री. चंद्र मोगेर तथा धर्माभिमानी श्री. दिनेश उपस्थित थे ।
Main sanatan dharm ko manta hun aur mujhe sanatan dharm ki Pradesh acchi nishtha se kam karna hai
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