नई मुंबई के पाठकों ने नालासोपारा  की घटना के पश्चात साधकों को दी हुई प्रतिक्रियाएं

असे निष्ठावान वाचक ही सनातनची शक्ति हैं !

प्रसार माध्यम संतों की कितनी भी अपकीर्ति करें, तब भी पाठकों का सनातन पर  जो विश्‍वास है, वह थोडा भी कम नहीं हुआ है! 


छापे में मिली हुई सामग्री इतनी छुपाकर क्यों रखी जा रही है ? सत्य है, तो ले पत्रकार परिषद और दिखाएं सबको !

सनातन प्रभात के हिन्दी पाक्षिक के एक पुराने पाठक सिक्ख पंथीय हैं तथा उनका बैटरीज का व्यवसाय है । उन्होंने साधकों से पूछा कि नालासोपारा प्रकरण में क्या चल रहा है ? वे बोले क्या कोई इस प्रकार अपने घर पर बम बनाकर रखेगा ? करनेवाला दूसरा स्थान खोजेगा । छापे में मिली हुई सामग्री इतनी छुपाकर क्यों रखी है ? सत्य है, तो ले पत्रकार परिषद तथा सबको दिखाएं ।

हिन्दू राष्ट्र के संबंध में दृढता से बोलते हैं, उसका उत्तर न होने के कारण आप पर ऐसी कार्यवाही होती होगी !

सनातन प्रभात साप्ताहिक के पाठक का मसाला बाजारपेठ में व्यवसाय है । उन्होंने प्रतिक्रिया देते हुए कहा सनातन संस्था आध्यात्मिक संस्था है तथा आपका सर्व कार्य वैधानिक मार्ग से चलता है; परंतु आप हिन्दू राष्ट्र के संबंध में जिस दृढता से बोलते हैं, उसका उत्तर न होने के कारण आप पर इस प्रकार की कार्यवाही हो रही होगी ।

यह सर्व हिन्दुत्वनिष्ठों के विरोध में रचा हुआ षड्यंत्र !

दैनिक सनातन प्रभात के एक पाठक ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, प्रतिबंध आदि सब पुराना हो गया है । लोग अब अभ्यस्त हो गए हैं । यह सर्व हिन्दुत्वनिष्ठों के विरोध में षड्यंत्र रचा जा रहा है ।

एक पाठक बोले कि आप कठोर शब्दों में भाजपा सरकार की आलोचना करते हैं । भाजपा के अनेक लोगों का बीफ माफिया और गुजरात कनेक्शन है । इसलिए गोरक्षक राऊत को बंदी बनाया गया है तथा अब सनातन की अपकीर्ति का अभियान प्रारंभ हो गया है । 

 

सनातन पर संभावित प्रतिबंध के संबंध में मान्यवरों की प्रतिक्रियाएं

पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू के पक्ष में खडे रहनेवाले सनातन को समर्थन देना ही चाहिए ! – श्री. वडतकर, योग वेदांत सेवा समिति

जब सभी पूज्यपाद संतश्री आसारामजी बापू के विरोध में थे, तब केवल सनातन ही हमारे पक्ष में था । तत्पश्चात सबकी आलोचनाएं भी सहन कीं । बापू कारागृह का भोजन नहीं करते थे, तब अधिवक्ता संजीव पुनाळेकरजी ने न्यायालय में न्याय मांगकर उनके लिए घर का भोजन प्रारंभ करवाया । इसलिए अब सनातन को समर्थन देना ही चाहिए !

स्रोत : दैनिक सनातन प्रभात

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