असत्य समाचार देनेवाले प्रचारमाध्यम !
आरोपी जिनपर कार्यवाही हुई है वे सनातन के साधक ही हैं, ऐसा
समाचार देनेवाले प्रचारमाध्यम राज्यकर्ताआें समान ही पूर्वाग्रह दूषित !
नालासोपारा प्रकरण में बंदी बनाए गए हिन्दुत्वनिष्ठ सनातन के ही साधक हैं, ऐसा मानकर ही माध्यम ३ दिन तक समाचार दे रहे थे । वैभव राऊत, अविनाश पवार और श्रीकांत पांगारकर का अपना-अपना संगठन है, वे सनातन के साधक नहीं हैं, ऐसा बार-बार बताने पर भी वे सनातन से संबंधित हैं, इसलिए संदेह सनातन पर ही जाता है, ऐसा बताया जा रहा था । इनमें से कळसकर, अंधुरे, सुरळे बंधु और रेगे के नाम तो सनातन ने पहली बार ही सुने हैं !
सनातन द्वारा अपना सत्य पक्ष प्रस्तुत करने पर
सनातन ने पल्ला झाडा, ऐसा मिथ्या आरोप लगानेवाले कुटिल माध्यम !
उक्त सूत्र पहले दिन से ही सर्व माध्यमों में और प्रेस विज्ञप्ति द्वारा स्पष्ट किया है, तब भी १८ दिन पश्चात भी माध्यम हास्यास्पद विधान कर रहे थे कि आपने यह पहले ही क्यों नहीं बताया ?, सनातन ने पल्ला झाडा । सनातन की पत्रकार परिषद के उपरांत टीवी ९ मराठी ने यह तलपट्टी देना प्रारंभ किया ।
एबीपी माझा वाहिनी पर सनातन के प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस को कोर्टमार्शल कार्यक्रम में आप १८ दिन उपरांत पत्रकार परिषद में वे साधक नहीं , ऐसा क्यों कह रहे हैं ?, ऐसा हास्यास्पद प्रश्न किया ! तब श्री. राजहंस ने स्पष्ट किया कि हम पहले दिन से ही यह बता रहे हैं तथा प्रेस विज्ञप्ति भी प्रकाशित की है ।
माध्यमों के सोर्स (सूत्र) कौन ?
समाचार वाहिनियां कह रही हैं कि सनातन संस्था पर लगाए जा रहे आरोप एटीएस और सीबीआई द्वारा मिली अनधिकृत जानकारी के आधार पर अर्थात सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर ही लगाए जा रहे हैं । प्रत्यक्ष में महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दल ने पत्रकार परिषद लेकर स्पष्ट किया था कि इस प्रकरण में किसी भी विशिष्ट संगठन का नाम नहीं लिया है । अभी पुलिस जांच प्राथमिक अवस्था में है । इसलिए सहज ही यह प्रश्न उठता है कि इन समाचारों के पीछे निश्चित रूपसे कौन से सूत्र (सोर्स) हैं ?
समाचार वाहिनियों द्वारा तिल का ताड बनाकर उन्हें कट्टरवादी, आतंकवादी दिखाने का प्रयास !
टीवी ९ मराठी समाचार वाहिनी गोरक्षक श्री. वैभव राऊत के ध्वनिचित्रमुद्रित किए हुए पुराने चलचित्र (वीडियो) दिखाकर उनकी अपकीर्ति कर रही थी, जिसमें वे जनप्रबोधन कर रहे थे । हिन्दुत्वनिष्ठों की बंदी के समाचार देते समय जैसे वे आतंकवादी हैं, हिन्दू आतंकवादी गिरफ्तार, हिन्दू कट्टरवादियों को बंदी बनाया गया, इस आशय के समाचार दिए जा रहे थे; परंतु नक्सलवादियों की गिरफ्तारी प्रारंभ होने पर एबीपी माझा के निवेदक प्रसन्न जोशी ने उनका उल्लेख करते हुए कथित नक्सल समर्थक कहा !
सनातन के विरोध में कोई सनसनी न मिलने के कारण मनगढंत कहानी रचना !
अभी तक हुई गिरफ्तारी के पश्चात सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. अभय वर्तक और श्री. विवेक नाफडे तथा अन्य संदिग्ध वर्तमान में अंडरग्राउंड (भूमिगत) हैं । उनके देश छोडकर भागने की संभावना व्यक्त की जा रही है, ऐसा झूठा समाचार टीवी ९ मराठी समाचार वाहिनी ने २६ अगस्त को प्रसारित किया । इससे दो दिन पूर्व अंग्रेजी समाचार वाहिनी टाइम्स नाऊ पर अभय वर्तक किससे मिलने जाते हैं ? यह समाचार दिया था ।
न्यायाधीश की भूमिका में सनातन को आरोपी घोषित कर उसकी मानहानि करनेवाले माध्यम !
एक भी तंत्र ने वैधानिक रूप से सनातन का संबंध नहीं बताया है । तब भी तलपट्टियां, समाचार और चर्चासत्रों के माध्यम से मराठी समाचार वाहिनियों ने बडी मात्रा में सनातन की अपकीर्ति (बदनामी) कर मानहानि की । इस कारण सनातन के हजारों साधकों और लाखों हितचिंतकों की भी समाज में मानहानि हुई ।
जी २४ तास समाचार वाहिनी पर सनातन के संबंध में कुछ मनगढंत टिप्पणियां !
- पत्रकार, आधुनिकतावादियों के विरुद्ध बदनामी के अभियोग चलाना, सनातन की रणनीति का भाग है !
- युवाआें के यौन शोषण से संबंधित अभिभावकों की शिकायतें थीं । वे अभिभावक आश्रम के बाहर खडे रहते थे । ये शिकायतें आने पर उन युवाआें का आपस में विवाह करवा दिया गया !
- सनातन संस्था प्रतिवर्ष कट्टर हिन्दू सम्मेलन आयोजित करती है । वहां धर्म का विरोध करनेवालों के नाम लेकर / घोषित कर, टारगेट निश्चित किए जाते हैं !
- धर्मादाय आयुक्त कार्यालय में संस्था पंजीकृत है; परंतु धर्मादाय आयुक्त उसकी पूछताछ करने का साहस नहीं कर पाते !
- इस आश्रम में किसी को प्रवेश नहीं दिया जाता । इस आश्रम में क्या चलता है, यह वहां के ग्रामीणों को भी पता नहीं है । यहां का संपूर्ण कारोबार संदेहास्पद है । सनातन प्रभात मुख्यालय में संस्था के ध्येय तथा नीतियों की समय सारणी है । अब किसी को भी सनातन में प्रवेश नहीं है । पंजीकरण कुछ वर्ष पूर्व ही बंद हो गया है । अब चल रहा है दुर्जनों का नाश करने का चरण !
- सनातन में ब्रेन वॉशिंग किया जाता है कि उन्हें उच्च जीवन का मार्ग दिखाया जाता है । इस हेतु शोध तंत्रों को आवाहन किया गया है।
हिन्दू जनजागृति समिति के हिन्दूसंगठन का कार्य रोकने का षड्यंत्र !
हिन्दू जनजागृति समिति समाज में धर्मशिक्षा देकर हिन्दूसंगठन का कार्य करती है । इसलिए विविध विचारों तथा कार्यप्रणालियों से युक्त हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों को संगठित करने का कार्य समिति के माध्यम से किया जाता है । इससे देशभर के संगठन जुड रहे हैं । हिन्दुआें का प्रभावी संगठन होकर आज हिन्दुआें पर हो रहे अन्याय के विरोध में बडे प्रमाण में आंदोलन हो रहे हैं । इससे यही स्पष्ट होता है कि हिन्दूविरोधी शक्तियां यह कार्य बंद करवाने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति को लक्ष्य कर रहीे हैं ।