गौरी लंकेश की हत्या के प्रकरण में बंदी बनाए गए
हिन्दुत्वनिष्ठों का सनातन से संबंध दिखाने हेतु ‘पुणे मिरर’द्वारा अत्यंत झूठा समाचार प्रसारित !
सनातन की अपकीर्ति करने हेतु ‘पुणे मिरर’ जैसे समाचारपत्र किस स्तर पर
जा सकते हैं, इसका यह उदाहरण है ! ऐसे समाचार पत्र समाजहित क्या साधेंगे ?
मुंबई – गौरी लंकेश की हत्या के प्रकरण में बंदी बनाए गए परशुराम वाघमारे, सनातन से संबंधित हैं, यह दिखाने के लिए ‘पुणे मिरर’ नामक अंग्रेजी समाचार पत्र ने झूठा समाचार प्रसारित किया है । इस पार्श्वभूमि पर ‘पुणे मिरर’ पर संबंधितों द्वारा कानूनन कार्यवाही की जानेवाली है ।
सनातन संस्था के प्रवक्ताओं ने विविध चर्चासत्र, इसके साथ ही विविध प्रसिद्धीपत्रक के माध्यम से यह अनेक बार स्पष्ट किया है कि बंदी बनाए गए हिदुत्वनिष्ठों में से सर्वश्री वैभव राऊत, सुधन्वा गोंधळेकर एवं श्रीकांत पांगारकर, ये सनातन के साधक नहीं हैं; अपितु सनातन संस्था अथवा हिन्दू जनजागृति समिति के विविध उपक्रमों में वे सहभागी होते हैं ।’ परंतु ‘ये सभी सनातन के साधक हैं’, यह दिखाने के लिए जानबूझकर पुणे मिरर’ने २९ अगस्त २०१८ के अंक में सनातन प्रभात में प्रसारित होनेवाले दैवी बालकों के स्तंभ में महर्लोक से पृथ्वी पर जन्म लेनेवाले कु. आदित्य वाघमारे के लेख की छायांकित प्रत प्रसारित की है । इसके साथ ही समाचार में अत्यंत ही झूठा वाक्य डाला है कि कु. आदित्य वाघमारे, गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में बंदी बनाए गए परशुराम वाघमारे का पुत्र है’, ऐसे झूठा वाक्य भी ‘पुणे मिरर’ ने प्रसारित किया है । वास्तव में कु. आदित्य एवं श्री. परशुराम वाघमारे में कोई भी नाता नहीं है । इस पार्श्वभूमि पर कु. आदित्य के अभिभावक ‘पुणे मिरर’ पर कानूनन कार्यवाही करने की तैयारी में हैं ।
‘टीवी ९ मराठी’ वृत्तवाहिनी का भी झूठ हुआ उजागर !
‘टीवी ९ मराठी’ इस समाचार वाहिनी ने भी रामनाथी, गोवा में सनातन के आश्रम में रहनेवाले कु. आदित्य वाघमारे, यह बंदी बनाए गए परशुराम वाघमारे का पुत्र है । (ऐसा समाचार दिखाने से पूर्व भी ‘टीवी ९ मराठी’ वृत्तवाहिनी ने क्या किसी से इसकी निश्चिति की थी ? सनातनद्वेष से ग्रस्त ऐसी समाचारवाहिनियां क्या कभी तत्वनिष्ठा से पत्रकारिता करेंगी ? – संपादक) ऐसे झूठे समाचार दिखाने के प्रकरण में सनातन संस्था ‘टीवी ९ मराठी’के विरोध में अधिवक्ताओं से परामर्श ले रही है ।