संसार के सामने सत्य प्रस्तुत करनेवाला समाचार पत्र सनातन
प्रभात बंद करने आैर सनातन संस्था पर प्रतिबंध का षड्यंत्र असफल करें !
– राष्ट्रीय वारकरी सेना के संस्थापक पू. ह.भ.प. धर्माचार्य निवृत्ती महाराज वक्ते
पंढरपूर – सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति, श्री शिवप्रतिष्ठान, हिन्दुस्थान, विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल आदि संगठनों के माध्यम से धर्मप्रसार करनेवालों को फंसाने के लिए हिन्दू धर्मविध्वंसक आधुनिकतावादी आैर धर्म की अपकीर्ति करनेवाले लोग कुप्रचार कर दबाव बना रहे हैं । उनके विरोध में सर्व संगठनों को संगठित होकर लडना चाहिए । संत, देवता, धर्म का अपमान रोकने के लिए सभी संस्थाआें, संगठनों तथा वारकरियों ने एकत्रित आना काल की आवश्यकता है । सनातन संस्था जैसी वैदिक धर्म का प्रचार करनेवाली संस्थाएं तथा देव, संत, धर्म, महाराज आदि का पक्ष लेकर सत्य संसार के सामने प्रस्तुत करनेवाला समाचारपत्र सनातन प्रभात बंद करने का षड्यंत्र विफल करना चाहिए । गांव गांव में बसे वारकरियों को इसमें सम्मिलित कर लें !, एेसा आवाहन पू. ह.भ.प. निवृत्ती महाराज वक्ते ने किया । वे यहां आयोजित राष्ट्रीय वारकरी सेना की बैठक में बोल रहे थे । इस समय पर राष्ट्रीय वारकरी सेना के युवा अध्यक्ष ह.भ.प. शुभम महाराज वक्ते, ह.भ.प. मारुति महाराज तुणतुणे शास्त्री, ह.भ.प. बापू महाराज रावकर, ह.भ.प. अरुण महाराज, ह.भ.प. गजानन महाराज कायंदे, वारकरी पाईक संघ के रामकृष्ण महाराज वीर आदि उपस्थित थे ।
इस अवसर पर राष्ट्रीय वारकरी सेना के माध्यम से संपूर्ण महाराष्ट्र में सर्व संस्थाआें आैर संगठनों को संगठित करने तथा आधुनिकतावादी कहलानेवाले नास्तिकवादी धर्मविध्वंसक लोगों का खरा चेहरा सामने लाने हेतु जनजागृति करने का निश्चय किया गया ।
सनातन संस्था पर प्रतिबंध की मांग अर्थात सत्ता
अथवा पद बचाने का शासनकर्ताआें का प्रयास ! – ह.भ.प.
सुधाकर इंगळे महाराज, जनपद अध्यक्ष, अखिल भारतीय वारकरी मंडल, सोलापुर
हम सदैव धर्म से संबंधित सनातन संस्था के साधकों के साथ हैं तथा भविष्य में भी रहेंगे; परंतु अभी जो मराठा आरक्षण का सूत्र है, उसे अलग मोड देने के लिए शासन वैभव राऊत का विषय सामने लेकर आया है । राऊत के घर में जो बम मिले हैं, उनकी कागद पर किसी प्रकार की प्रविष्टि न कर पुलिस सीधे उठाकर ले जाती है । हमें इन लोगों को कानून सिखाना पड रहा है, इस जैसा दूसरा दुर्भाग्य नहीं है । सनातन संस्था पर प्रतिबंध के लिए निरंतर आरोप लगाए जा रहे हैं, वह केवल राजनीतिक लोगों का स्वयं की सत्ता अथवा कुर्सी बचाने का प्रयास है । मैं इसका सार्वजनिक निषेध करता हूं ।
कानूनी प्रक्रिया के पहले ही सनातन पर प्रतिबंध की
मांग करना, यह पूर्वग्रह ! – अविनाश धर्माधिकारी, भूतपूर्व राजपत्रित अधिकारी
कानूनी साक्ष्य आैर प्रमाणों की जांच कर सर्व प्रक्रिया पूर्ण होने दें । उससे पूर्व ही सनातन संस्था पर प्रतिबंध की मांग करना पूर्वग्रह दिखार्इ देता है । इसके पीछे राजनीति है, एेसी प्रतिक्रिया पुणे के भूतपूर्व राजपत्रित अधिकारी एवं वरिष्ठ राजकीय विश्लेषक श्री. अविनाश धर्माधिकारी ने व्यक्त की है ।
सनातन संस्था पर प्रतिबंध हमें स्वीकार नहीं है ! – अधिवक्ता (श्रीमती) अपर्णा रामतीर्थकर
अनेक वर्षों से निद्रिस्त समाज को जागृत करने का कार्य परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी ने लगनपूर्वक प्रारंभ किया है । उन्होंने धर्म पर आनेवाले संकट, देवीदेवताआें का हो रहा अनादर जो कभी हिन्दू समाज तक नहीं पहुंचता था, वह सनातन संस्था के माध्यम से हिन्दू समाज तक पहुंचाया । धर्मशिक्षा अत्यंत आवश्यक है तथा वह घर घर में दी जानी चाहिए, इसलिए साधना सिखार्इ । सनातन ने कभी व्यक्ति का विरोध नहीं किया, विरोध था उसके धर्मविरोधी विचारों का ! धर्म के विरोध में जो वक्तव्य करेगा, उसको सनातन ने फटकार लगार्इ, उन विचारों का कडा विरोध किया । स्वयं का धर्म बलवान बनाने के लिए क्षात्रतेज जगाया । क्या स्वयं के धर्म को बलवान बनाना अपराध है ? हिन्दू युवकों में क्षात्रतेज निर्माण होना आवश्यक है, वह काम सनातन ने किया है । जब हिन्दू संगठित होता है, तब आधुनिक विचारधारा के व्यक्तियों को पेट में वेदना तो होगी ही । इसलिए हमें लगता है कि, सनातन का कार्य धर्म के लिए ही चल रहा है, किसी का भी द्वेष, मत्सर करने के लिए नहीं । अतः हमें सनातन पर प्रतिबंध स्वीकार नहीं है । जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम् !
किसी भी संगठन पर प्रतिबंध लगाने से उसका कार्य
नहीं रुकता ! – सर्वोत्तम गावरसकर, बीड के ‘दैनिक सुराज्य’ के संपादक
किसी भी संगठन पर प्रतिबंध लगाने से उसका कार्य नहीं रुकता । जो वास्तव में दोषी हैं, उन्हें खोजकर उन पर कठोर कार्यवाही करने से कोर्इ भी एेसा कृत्य नहीं करेगा ।