वाराणसी (उत्तरप्रदेश) – उत्तरप्रदेश तथा बिहार राज्य में सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से २७ जुलाई को गुरुपूर्णिमा महोत्सव मनाया गया । वाराणसी में संस्था के पूर्व भारत प्रसारसेवक पू. नीलेश सिंगबाळ के हाथों परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के जीवन पर हिन्दी भाषा की ‘जीवन दर्शन पुस्तिका- भाग २’ का प्रकाशन किया गया । उस समय अधिवक्ता अवनीश राय ने उपस्थितों को मार्गदर्शन करते समय बताया कि, ‘धर्मप्रसार करते समय कुछ लोग हमें पागल कहते हैं । मेरे लिए ‘पागल’ का अर्थ है ‘पा’ अर्थात् प्रभु को पाना तथा ‘गल’ का अर्थ है प्रभु कार्य के लिए गलना ।
हिन्दू जनजागृति समिति हिन्दू राष्ट्र निर्मिति का महान कार्य
कर रही है ! – ‘रफी अहमद किडवई इंटर कॉलेज’ के प्राचार्य डॉ. महेश सिंह
गोरखपुर में गुरुपूर्णिमा महोत्सव को ‘रफी अहमद किडवई इंटर कॉलेज’ के प्राचार्य डॉ. महेश सिंह उपस्थित थे । उन्होंने बताया कि, ‘‘हिन्दू जनजागृति समिति हिन्दू राष्ट्र निर्मिति का महान कार्य कर रही है । हिन्दू राष्ट्र निर्मिति के इस महायज्ञ में मैं भी यथाशक्ति आहुति दूंगा । मैं निरंतर अतंर्मन से समिति के साथ ही रहूंगा ।
डॉ. सिंह ने ही महाविद्यालय का महाराना प्रताप सभागृह महोत्सव के लिए उपलब्ध करवाया । महोत्सव के पश्चात् साधकों ने उन्हें बताया कि, ‘यदि हमारी ओर से कुछ चूक हुई है, तो हमें क्षमा करें ।’ इस पर उन्होंने बताया कि, ‘‘समिति के कार्यकर्ता अत्यंत सीधे हैं । उनके वक्तव्य में भाव तथा नम्रता है । तुम ऐसे हो, तो तुम्हारे गुरु कितने महान होंगे ? ऐसे गुरु से मुझे भेंट करना है ।’’
क्षणिकाएं
सैदपूर (उत्तरप्रदेश) में संपन्न हुई गुरुपूर्णिमा महोत्सव में मार्गदर्शन करनेवाले वक्ता तथा सूत्रसंचालक शुद्ध हिन्दी में वक्तव्य कर रहे थे । उन्होंने एक भी अंग्रेजी अथवा उर्दू शब्द का उपयोग नहीं किया । हिन्दी पाक्षिक सनातन प्रभात के वाचक श्री. ऋषिराज सिंह ने उनकी आर्थिक परिस्थिति मध्यम होते हुए भी सनातन के ५५ ग्रंथ खरीद लिए । इस संदर्भ में उन्होंने इतना ही बताया कि, ‘आज के साधु तथा संत इतने सारे विषय का तथा उसका व्यापक विचार कहां करते हैं ? मुझे बचपन से ही ग्रंथ वाचन करने में रस है । ग्रंथवाचन का मुझे लाभ होता है तथा उससे हल्कापन प्रतीत होता है ।
मुझफ्फरपुर (बिहार) में प्रातः से भारी वर्षा होने के कारण सभी पथ पर पानी था । अतः गुरुपूर्णिमा महोत्सव की सेवा करने में साधकों को अडचनों का सामना करना पडा । साधकों ने प्रार्थना करने के पश्चात् वर्षा पूरीतरह से रूकी तथा अल्प कालावधी में सेवा भी पूर्ण करना संभव हुआ । वर्षा के कारण व्यासपिठ का सामान तथा अन्य साहित्य कार्यक्रम स्थल पर समय पर नहीं पहुंच सका । अपितु साधकों ने परिस्थिति का स्वीकार कर सेवा चालू रखी तथा कार्यक्रम समय पर आरंभ हुआ ।
वाराणसी के साधक वेदप्रकाश गुप्ता ने प्राप्त किया ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर
श्री. वेदप्रकाश गुप्ता (दायी ओर) का आदर करते हुए पू. नीलेश सिंगबाळ वाराणसी
वाराणसी – सेवा की लगन, सेवा परिपूर्ण करना, निरपेक्षता तथा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी पर श्रद्धा इत्यादि गुण अंतर्भूत होनेवाले वाराणसी के साधक श्री. वेदप्रकाश गुप्ता (आयु ७४ वर्ष) ने ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त करने का आनंदी समाचार यहां संपन्न हुए कार्यक्रम में घोषित किया गया । वह सुनकर उपस्थित सभी साधकों की भावजागृति हुई । उस समय सनातन के संत पू. नीलेश सिंगबाळ के हाथों श्री. गुप्ता का श्रीकृष्ण की प्रतिमा देकर आदर किया गया ।