कोसीकलान (उत्तरप्रदेश) में हिन्दुसंगठन बैठक
कोसीकलान (उत्तरप्रदेश) – यहां ‘दिनदयाल उपाध्याय स्मृति मंच’ द्वारा हिन्दू संगठन बैठक आयोजित की गई थी । उस समय सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस वक्तव्य कर रहे थे । अपने वक्तव्य में उन्होंने यह प्रतिपादित किया कि, ‘राजनीतिक परिवर्तन अथवा किसी राजनीतिक दल के सरकार के कारण हिन्दू समाज का कल्याण एवं रक्षा नहीं होगी । विद्यमान धर्मनिरपेक्ष लोकशाही की रचना ही मूल हिन्दूविरोधी तथा अल्पसंख्यकप्रेमी है । भारतीय राज्यघटना द्वारा अल्पसंख्यंकों को सुरक्षा दी गई है । अतः इस राज्यव्यवस्था में योगी अथवा मोदी ऐसा कोई भी हिन्दू नेता यदि जीतकर आएं, तो भी हिन्दुओं के कल्याण की अपेक्षा करना असभंव है । हिन्दुओं का कल्याण करने के लिए हिन्दुओं को ‘धर्मनिरपेक्ष’ लोकशाही नहीं, तो धर्माधिष्ठीत हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए ।’ उस समय हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य का परिचय समिति के श्री. श्रीराम लुकतुके ने किया । इस बैठक के पश्चात् प्रत्येक १५ दिनों में एक बार धर्मशिक्षणवर्ग आरंभ करने का निश्चित किया गया ।
प्राचीन समय से भारत हिन्दू राष्ट्र था ! – चेतन राजहंस
आगरा – यहां हिन्दुसंगठन बैठक का आयोजन किया गया था । उस समय सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस वक्तव्य कर रहे थे ।
अपने वक्तव्य में उन्होंने यह प्रतिपादित किया कि, ‘भारत में धर्मनिरपेक्ष शासनपद्धति कभी भी नहीं थी । त्रेतायुग के राजा हरिश्चंद्र, प्रभु श्रीराम, द्वापर युग के महाराज युधिष्ठिर, कलियुग के सम्राट चंद्रगुप्त, छत्रपति शिवाजी महाराज, विजयनगर के कृष्णदेवराय, अफगाणिस्तान का राजा दाहीर तथा राजस्थान के महाराणा प्रताप इत्यादि सभी राजे धर्मनिरपेक्ष नहीं थे । इन सभी राजाओं के राज्यं हिन्दू राष्ट्रं थी । स्वतंत्रता के समय ५६३ राजसंस्थान हिन्दू पद्धति से राज्यव्यवहार कर रही थी । वर्ष १९४७ में भारत हिन्दू राष्ट्र था । वर्ष १९७६ में इंदिरा गांधी ने भारत को धर्मनिरपेक्ष घोषित किया । इस धर्मनिरपेक्ष लोकशाही ने भारत की तथा हिन्दुओं की अधिक मात्रा में हानी की; इसलिए आज भारत को पुनःश्च हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए सक्रिय हिन्दुओं को तथा हिन्दूत्वनिष्ठ संगठनों को संगठित रूप से कार्य करने की आवश्यकता है ।’ उस समय हिन्दू जनजागृति समिति के आगरा समन्वयक श्री. ठाकुर सिंह ने बैठक का उद्देश्य स्पष्ट किया । उस समय हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. श्रीराम लुकतुके भी उपस्थित थे । इस बैठक के लिए आगरा के विभिन्न हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधी उपस्थित थे । प्रत्येक १५ दिनों के पश्चात् हिन्दू संगठनों ने हिन्दूसंगठन बैठक आयोजित करने का निश्चित किया ।