महाराष्ट्र राज्य में कहीं भी किसी आधुनिकतावादी की हत्या हो जाए अथवा अन्य कोई हिन्दुत्ववादी किसी प्रकरण में पकडा (फंसाया) जाए, तो तत्काल किसी भी जांच की औपचारिकता पूरी किए बिना, हर प्रकरण में सीधे सनातन संस्था का नाम लिया जाता है । तत्काल सनातन संस्था पर प्रतिबंध की मांग की जाती है । इस प्रकरण में राज्य के गृहराज्यमंत्री श्री. दीपक केसरकर ने स्पष्ट किया है कि सरकार ने इस प्रकरण में सनातन संस्था का नाम नहीं लिया है । उन्होंने तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, किसी संगठन के कार्यकर्ताआें को नहीं । तब भी जानबूझकर सनातन संस्था को लक्ष्य बनाकर, कुछ उतावले राजनीतिक दलों के अनुत्तरदायी नेता प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं । सामान्यतः संविधान की जयजयकार करनेवाले नेता अब संवैधानिक प्रक्रिया पूर्ण होने की प्रतीक्षा क्यों नहीं करते ? क्या उनका लोकतांत्रिक प्रक्रिया से विश्वास उठ गया है ? प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ सनातन संस्था को समाप्त करने के लिए सनातन पर प्रतिबंध का शोर मचाना, धर्मविरोधियों का षड्यंत्र है ।
कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने सनातन पर प्रतिबंध की मांग की है । दाभोलकर की हत्या के उपरांत एक घंटे में ही कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कोई भी जांच किए बिना, इसमें दक्षिणपंथी विचारधारा का हाथ होने का आरोप लगाया और जांच संस्थाआें को भ्रमित किया । इसी कारण आज ५ वर्ष होने को हैं, पर वास्तविक हत्यारे नहीं मिल रहे । यही पद्धति अब अशोक चव्हाण अपना रहे हैं । ये अशोक चव्हाण शहीद सैनिकों के हिस्से की चोरी करनेवाले आदर्श घोटाले के प्रमुख आरोपी हैं । तो क्या पूरी कांग्रेस पर प्रतिबंध लगाने की मांग करनी चाहिए ? राष्ट्रवादी के नवाब मलिक सनातन पर प्रतिबंध की मांग करते हैं; जिनके दल के नेता जितेंद्र आव्हाड आतंकवादी इशरत जहां के घर २ लाख रु. की मदद कर जाते हैं, उसके नाम पर एम्बुलेन्स चालू करते हैं; जिनके विधायकों के विधायक-निवास में आतंकवादी रह लेते हैं, जिनके दल का महापौर मीरज दंगों का सूत्रधार है, ऐसी समाप्त न होनेवाली सूची रखनेवाला (अ)राष्ट्रवादी प्रतिबंध लगाने का पात्र है ! तथापि अभी तक जिस पर एक भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ, उस सनातन पर प्रतिबंध लगाने का प्रश्न कैसे उत्पन्न होता है ? पर सनातनद्वेष से पीडित धर्मविरोधियों में तो सारासार विचार करने का विवेक भी नहीं बचा ।
सनातन संस्था समस्त जनता से आवाहन करती है कि, किसी भी दुष्प्रचार में न फंसें ! आज तक ईश्वर की कृपा से, धर्म के अधिष्ठान के कारण और आप जैसे धर्मप्रेमी एवं राष्ट्रवादी समाज के आधार पर ही हमने यहां तक मार्गक्रमण किया है । आगे भी इसी प्रकार ऐरावत की भांति बढते रहेंगे, इसमें कोई शंका न रखें । धर्म की रक्षा करनेवाले की रक्षा धर्म (ईश्वर) करते हैं, इस धर्मवचन के अनुसार सनातन इस संकट से भी निखरकर, कुंदन बनकर बाहर निकलेगा, यह दृढ श्रद्धा रखें ।
– श्री. चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था