सनातन संस्था पर प्रतिबंध की मांग आैर हिन्दुत्वनिष्ठों पर हो रही अन्यायपूर्ण कार्यवाही का निषेध !

मुंबई में भांडुप, अंधेरी, धारावी एवं सानपाडा (नर्इ मुंबई) में राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन

मुंबई, ९ सितंबर (संवाददाता) – नालासोपारा विस्फोटक प्रकरण आैर दाभोलकर हत्या प्रकरण के अनुषंग से गत एक महीने में ९ हिन्दुत्वनिष्ठों को बंदी बनाया गया है । इनमें से कोर्इ भी सनातन संस्था का साधक नहीं है, तब भी सनातन संस्था पर प्रतिबंध लगाने की मांग कुछ राजनीतिक दल, संगठन, तथाकथित आधुनिकतावादी, मुसलमान नेता आदि कर रहे हैं । दूसरी आेर कोरेगाव-भीमा प्रकरण में बंदी बनाए गए नक्सलवादियों के समर्थकों को बचाने की दोमुंही वृत्ति का निषेध ८ सितंबर को भांडुप, अंधेरी, धारावी एवं सानपाडा (नर्इ मुंबई) में राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलनों द्वारा किया गया ।

इन आंदोलनों में हिन्दू जनजागृति समिति, सनातन संस्था के साथ बजरंग दल, युवा हितकारणी, योग वेदांत समिति, विश्व हिन्दू परिषद, श्री शिवकार्य प्रतिष्ठान (विक्रोळी), श्री शिवकार्य प्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, हिन्दू महासभा, वज्रदल पंचशील मित्रमंडल, सिद्धिविनायक क्रीडा मंडल, साईलीला मित्रमंडल (भांडुप) आदि स्थानीय संगठनों के पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता सम्मिलित हुए थे ।

 

कोपरखैरणे में पुलिस ने आंदोलन हेतु अनुमति नहीं दी !

९ सितंबर को कोपरखैरणे में राष्ट्रीय हिन्दू आंदोलन का आयोजन किया गया था; परंतु पुलिस ने इस आंदोलन हेतु अनमति नहीं दी । (वैधानिक मार्ग से किए जानेवाले आंदोलन को अनुमति न देना, यह हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों का गला घोंटने के समान है ! – संपादक)

 

अंधेरी

गोरक्षक राऊत के घर में बम मिलने का दावा हमें स्वीकार नहीं है ! – संदीप सिंह

क्रूर आतंकवादी भी स्वयं के परिवार के प्राण संकट में डालकर घर में बम नहीं रखेंगे । इसलिए गत अनेक वर्षों से वैधानिक मार्ग से गोरक्षा का कार्य करनेवाले वैभव राऊत के घर में बम मिले हैं, यह दावा हमें स्वीकार नहीं है । इससे पहले भी साध्वी प्रज्ञासिंह तथा कर्नल पुरोहित पर इसी प्रकार के आरोप लगाए गए थे; परंतु वे निर्दोष मुक्त हुए तथा यह सिद्ध हुआ कि उसमें आतंकवादविरोधी दल का ही हाथ था ।

सनातन संस्था पर प्रतिबंध की मांग, यह धर्मविरोधियों का षड्यंत्र ! – श्रीमती नीता चव्हाण, सनातन संस्था

सनातन संस्था गत २८ वर्षों से अध्यात्म की सहायता से आनंदी जीवन जीने की शिक्षा दे रही है । इसलिए समाज के लोग धर्माचरणी बनने लगे हैं । अतः सनातन संस्था पर हो रही प्रतिबंध की मांग धर्मविरोधी लोगों का षड्यंत्र है ।

लोकमान्य तिलक तथा स्वतंत्रतावीर सावरकर द्वारा अंग्रेजों के विरोध में
किए गए कार्य को भी क्या ‘हिन्दू आतंकवाद’ कहेंगे ? – रोहन पातेने, धर्मप्रेमी

सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति हिन्दुआें का संगठन कर देश की विविध समस्याआें का विरोध करती हैं, इसलिए उसे यदि आतंकवाद कहते होंगे, तो छत्रपति शिवाजी महाराज ने हिन्दुआें का संगठन कर हिन्दवी स्वराज्य स्थापित किया था, लोकमान्य तिलक ने अंग्रेजों के विरुद्ध हिन्दुआें को संगठित किया था, स्वतंत्रतावीर सावरकर ने अखंड हिन्दू राष्ट्र का जयघोष करते हुए हिन्दुआेंका संगठन किया तथा अंग्रेजों की गुलामी में छेद किया, क्या उसे भी हिन्दू आतंकवाद कहेंगे ?

नक्सलवादी समर्थक तथाकथित विचारकों पर सरकार कार्यवाही करे ! – संतोष बंदरकर, धर्मप्रेमी

सनातन संस्था आतंकवाद, नक्सलवाद, लव जिहाद, राष्ट्रविरोधी विचारधारा का खंडन तथा उसके संबंध में जागृति करती है । सनातन संस्था पर प्रतिबंध की मांग करनेवाले, भारत के टुकडे करनेवालों तथा नक्सलवाद का समर्थन करते हैं । इसलिए सरकार एेसे तथाकथित विचारकों पर कार्यवाही करे ।

सनातन संस्था का निर्दोषत्व इससे पूर्व ही सिद्ध हो चुका है, तब भी
उसे पुनः फंसाने के लिए सनातन द्वेषियों की प्रतिबंध की मांग !– संकेत काणेकर

सनातन संस्था पर लगाए जा रहे आरोप बेसिर पैर के हैं । इससे पूर्व भी मडगाव, गडकरी, मालेगाव बमस्फोट प्रकरण में सनातन को फंसाने का प्रयास हुआ था; परंतु हर बार सनातन का निर्दोषत्व सिद्ध हुआ है । कुछ सनातन द्वेषी किसी भी प्रकार से सनातन को फंसाने का प्रयास कर रहे हैं । वर्तमान में हो रही प्रतिबंध की मांग उसी का एक भाग है ।

क्षणिकाएं :

१. पुलिस का अच्छा सहयोग मिला ।

२. विषय सुननेवाले भी आंदोलनकारियों के साथ नारे लगा रहे थे ।

 

भांडुप

भ्रष्टाचारी लोग सनातन संस्था को नहीं चाहते ! – सागर चोपदार, मुंबई समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति

विरोधी सनातन का विरोध क्यों कर रहे हैं ? विखे पाटील ने किसानों के पैसे खाए, उनका घोटाला हिन्दू विधिज्ञ परिषद ने उजागर किया । कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने जाकिर नाईक जैसे आतंकवादी को ५० लाख रुपये दिए । प्रसारमाध्यमों द्वारा सनातन संस्था पर प्रतिबंध की मांग करनेवाले इन सभी की पृष्ठभूमि देखनी चाहिए । भ्रष्टाचारी लोगों को सनातन संस्था नहीं चाहिए । नक्सलवादी देशद्रोही हैं, तब भी मुंबई में धर्मप्रेमियों को पुलिस पूछताछ के लिए बुलाती है । यह सर्व षड्यंत्र है । इस षड्यंत्र आैर प्रसारमाध्यमों की पूछताछ होनी चाहिए ।

र्इश्वर के वचन ‘धर्म को ग्लानी प्राप्त होने पर मैं अवतार लेता हूं’ की प्रतीति ईश्वर
सनातन संस्था आैर हिन्दू जनजागृति समिति के माध्यम से दे रहे हैं ।– श्री राजेश कार्येकर, धर्मप्रेमी

एल्गार परिषद के नेताआें का संबंध नक्सलवादियों से होते हुए भी उन्हें
नजरकैद तथा हिन्दुत्वनिष्ठों को पुलिस कोठरी, यह कैसा न्याय है ?– श्री. हरिदास जाधव, धर्मप्रेमी

प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री हिन्दुत्वनिष्ठों की धरपकड रोकें ! – श्री. सचिन घाग, साईलीला मित्र मंडल, भांडुप

जेएनयू में आतंकवादी कार्यवाहियां होती हैं । उन पर कार्यवाही न करते हुए हिन्दुआें को एकत्रित करनेवाली सनातन संस्था आैर हिन्दू जनजागृति समिति का कार्य करनेवाले कार्यकर्ताआें की धरपकड प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री को रोकनी चाहिए ।

हिन्दुआें के लिए रचे गए षड्यंत्र के विरोध में कारागृह तथा न्यायालय
तक संघर्ष करना पडेगा ! – अधिवक्ता संतोष दुबे, विश्व हिन्दू परिषद, जनपद सहमंत्री

हिन्दुत्वनिष्ठ, गोरक्षक, सनातन संस्था आदि को झूठे केस में फंसाया जा रहा है । हिन्दू एकत्रित न हों, यह विदेशी तंत्र का षड्यंत्र है । इसके लिए कारागृह से न्यायालय तक संघर्ष करना पडेगा ।

क्षणिका – ४ नागरिक स्वयं उसमें सम्मिलित हुए थे ।

सानपाडा

इशरत जहाँ तथा नक्सलवादियों का समर्थन करनेवालों पर
कार्यवाही की जाए !– आधुनिक चिकित्सक उदय धुरी, हिन्दू जनजागृति समिति

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि सनातन का नाम सामने नहीं आया है, तब भी प्रसारमाध्यम वह नहीं दिखाते । इससे उनकी दोमुंही भूमिका ध्यान में आती है । आतंकवादी इशरत जहां का समर्थन करनेवाले अब नक्सलवादियों के समर्थन में बोल रहे हैं । एेसे दलों के लोगों पर कार्यवाही की जाए । न्यायालय ने सनातन के साधकों को निर्दोष मुक्त किया है, वह प्रसारमाध्यम क्यों नहीं दिखाते ?

इस देश में जो सहिष्णु हैं, उन्हें आतंकवादी कहा जाता है ! – राजकुमार सिंह, गोरक्षक

बंगाल में दुर्गापूजा भी नहीं कर पाते, एेसी स्थिति उत्पन्न हो गर्इ है । जो असहिष्णु थे वे धर्मनिरपेक्ष बन गए हैं तथा जो सहिष्णु हैं, उन्हें आतंकवादी कहा जाता है, एेसी देश की स्थिति हो गर्इ है । जो हिन्दू धर्म के विरोध में बोलते हैं, उन्हें देश में रहने का अधिकार नहीं है ।

क्षणिका – पुलिस ने सर्व आंदोलन का ध्वनिचित्रीकरण किया ।

संदर्भ : दैनिक सनातन प्रभात

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