- गोमूत्र के कारण कर्कव्याधी अच्छी हो सकती है । यदि यह सिद्ध हुआ है, अपितु गोमूत्र के लिए भारत में गौएं तो शेष रहनी चाहिए !
- यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि, भाजप सरकार के कारण भारत विश्व में सर्वाधिक गोमांस निर्यात करनेवाला देश बना है !
- यह वस्तुस्थिति है कि, देश में पूरीतरह से गोवंश हत्या बंदी नहीं है तथा जिस राज्य में वह है, वहां उसकी कार्यवाही पूरीतरह से नहीं की जाती !
- गोहत्या करने का समर्थन करनेवाले क्या इस संदर्भ में कुछ वक्तव्य कर सकते हैं ?
जुनागड (गुजरात) – यहां के जुनागड कृषि विद्यापीठ के संशोधकों ने यह दावा किया है कि, गोमूत्र के कारण मुंह, यकृत, मूत्रपिंड, त्वचा तथा स्तन का कर्करोग ठीक हो सकता है । कृषि विद्यापीठ की श्रद्धा भट, रुकमसिंग तोमर तथा कविता जोशी ने पूरे वर्ष संशोधन कर यह निष्कर्ष निकाला है । (गोमूत्र के कारण अनेक व्याधियों पर उपचार कर सकते हैं, यह प्राचीन समय से भारतियों को ज्ञात होने के कारण प्रत्येक घर में गाय का पालन किया जाता था; किन्तु ब्रिटीशों ने हेतुपुरस्सर भारत में गोहत्या करनेवाला पशुवधगृह निर्माण कर, गौएं नष्ट करने के प्रयास किए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
१. श्रद्धा भट ने बताया कि, ‘यह संशोधन अत्यंत धोखादायक था; किन्तु हम कर्कव्याधी की पेशियों पर संशोधन कर रहे थे कि, जो हम ने एक बोतल में रखी थी । दिन को कितना गोमूत्र प्राशन करने से कर्कव्याधी ठीक हो सकती है, इस की जांच करने में हमें सफलता प्राप्त हुई है । आगे एक मूषक पर इसकी जांच की जाएगी । यदि वह जांच सफल हुई, तो हम विभिन्न कर्कव्याधी के लिए गोलियां बनाएंगे ।
२. रुकमसिंग तोमर ने बताया कि, ‘केमो थेरपी’ आरोग्यदायी पेशी नष्ट करती है, तो गोमूत्र केवल कर्कव्याधी से पीडित पेशी नष्ट करता है । (विज्ञान द्वारा की गई जांच का ऐसा भी दुष्परिणाम ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात