बरूराज (बिहार) – यह देश प्राचीनकाल से ही हिन्दू राष्ट्र है । त्रेतायुग के राजा हरिश्चंद्र और प्रभु श्रीराम, द्वापरयुग के महाराजा युधिष्ठिर, कलियुग के राजा हर्षवर्धन, अफगानिस्तान के राजा दाहिर, मगध के सम्राट चंद्रगुप्त, राजस्थान के महाराणा प्रताप, महाराष्ट्र के छत्रपति शिवाजी आदि के राज्य कभी ‘सेकुलर’ (धर्मनिरपेक्ष) नहीं थे; सब हिन्दू राष्ट्र ही थे । वर्ष १९४७ में भी ५६६ हिन्दू राज्य थे । वर्ष १९७६ में संविधान में ‘सेकुलर’ शब्द डाला गया । परंतु, इस शब्द की व्याख्या ही नहीं लिखी गई । इससे पता नहीं चलता कि सेकुलर कौन है, देश अथवा संविधान अथवा भारत का नागरिक ? यह विचार हिन्दू जनजागृति समिति के पूर्व भारत के मार्गदर्शक पूज्य नीलेश सिंगबाळ ने व्यक्त किया है । वे यहां ‘ब्राह्मण विकास मोर्चा’ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे । इसके पश्चात, सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री चेतन राजहंस ने हिन्दू राष्ट्र की स्थापना से संबंधित विविध उपक्रमों और जीवन में साधना का महत्त्व इन विषयों पर वहां उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन किया ।
हिन्दू संगठन, लोकतंत्र की विफलता के विषय में समाज
को निरंतर बताते रहें ! – श्री चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था
हिन्दू संगठनों का कार्य हिन्दू समाज, राष्ट्र और धर्म पर आए हुए अथवा आनेवाले संकटों का प्रतिकार करना है । वर्तमान में हिन्दुआें की जितनी समस्याएं हैं, उनके मूल में आज का विफल लोकतंत्र ही है । इस लोकतंत्र ने हिन्दुआें का ही नहीं, सामान्य नागरिकों का भी भला नहीं किया है । राज्यकर्ताआें के कोरे आश्वासनों तथा लोकतंत्र के माध्यम से होनेवाला हिन्दू समाज का शोषण रोकने के लिए, हमारे हिन्दू संगठन समाज को लोकतंत्र की विफलता के विषय में निरंतर बताते रहें । ऐसा होने पर, आगामी काल में इस देश को धर्माधिष्ठित हिन्दू राष्ट्र बनाया जा सकेगा ।