पटना (बिहार) – देवभूमि जनकल्याण ट्रस्ट द्वारा आयोजित हिन्दुसंगठन बैठक में सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस मार्गदर्शन कर रहे थे । उस समय उन्होंने यह मार्गदर्शन किया कि, ‘भारतीय जनतंत्र में अनेक त्रुटियां हैं । इन त्रुटियों के कारण समाजव्यवस्था ठीक रखना असंभव रहता है । किंबहुना इन त्रुटियों के कारण नागरिकों को आनंदी जीवन जीने में बाधाओं का सामना करना पडता है । भारत में निरक्षर तथा अपराधी लोक अधिनियम बनाते हैं । उसमें परिवर्तन होना आवश्यक है । वास्तविक अधिनियम पारित करना विद्वानों का कार्य है; किंतु संसद में अधिकांश मात्रा में विद्वान लोगों का अभाव है । वहां धनबली तथा बाहुबली कार्य कर रहे हैं; इसलिए समग्र व्यवस्था परिवर्तित होना आवश्यक है । धर्माधिष्ठत हिन्दु राष्ट्र-स्थापना से ही यह कार्य संभव है ।’ उस समय हिन्दू जनजागृति समिति के पूर्व भारत समन्वयक पू. नीलेश सिंगबाळ भी उपस्थित थे ।
उस समय पू. सिंगबाळ ने यह वक्तव्य किया कि,‘‘जिस देश की राज्यघटना अलिखित स्वरूप की है, उस इंगलैंड ने भारत को लिखित राज्यघटना कर देश चलाने के लिए बताया था । वस्तुतः विद्यमान राज्यघटना के अनुसार देश नहीं चलता, तो राजनेताएं अपनी मनमानी कर देश का कार्य करते हैं । वे संविधान के तत्त्वों को अस्वीकार करते हैं । अतः राज्यघटना की असफलता के लिए आजतक के शासनकर्ता तथा व्यवस्था के घटकों को अपराधी मानना चाहिए ।’’