ब्रह्मपुर, ७ मार्च – यहां के मराठा समाज मंडल, शिवाजीनगर की ओर से तिथीनुसार उत्सव का आयोजन किया गया था । कार्यक्रम के लिए प्रमुख वक्ता उज्जैन के पूर्व संघप्रचारक श्री. आशिष शुक्ल, सनातन की साधिका श्रीमती विमल कदवाने, कु. साक्षी शिंदे, चि. नकुल शिंदे के साथ मंडल के अध्यक्ष श्री. मधुकर कदम, श्री. दिलीप दिवेकर तथा कार्यकर्ता अधिक संख्या में उपस्थित थे ।
तत्पश्चात् कु. साक्षी शिंदे ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन पर आधारित पोवाडा प्रस्तुत किया । चि. नकुल शिंदे ने भाषण किया । तत्पश्चात् सनातन की साधिका श्रीमती विमल कदवाने ने यह वक्तव्य किया कि, ‘जिजामाता ने छत्रपति शिवाजी महाराज पर बचपन से ही सुसंस्कार किए । जिजामाता स्वयं नामजप, धर्माचरण करती थी । उनके अनुसार हमें भी कुलदेवता का नामजप करना चाहिए । धर्मशास्त्रानुसार तिथी ने अनुसार जन्मदिन मनाना चाहिए । सद्यस्थिती में महिलाओं पर होनेवाले अत्याचार, हिन्दूत्वनिष्ठों की निरंतर होनेवाली हत्या, मंदिर सरकारीकरण अधिनियम के होनेवाले दुष्परिणाम में प्रतिदिन वृद्धि हो रही है । बालकों पर संस्कार करने के लिए हम न्यून पड रहे हैं ।’
उस समय ग्रंथकक्ष तथा पाक्षिक सनातन प्रभात का कक्ष आयोजित किया गया था । इस कार्यक्रम के लिए ४०० धर्माभिमानी उपस्थित थे ।
सर्वप्रथम दीपप्रज्वलन तथा माल्यार्पण कर छत्रपति शिवाजी महाराज को अभिवादन किया गया । दीपप्रज्वलन करते समय उस स्थान पर मोमबत्ती का उपयोग किया जा रहा था; किन्तु श्रीमती कदवाने ने तत्परता से उन्हें तेल के दिए से दीपप्रज्वलन करने का महत्त्व बताया । संयोजकों ने त्वरित तेल का दिया उपलब्ध कर उससे दीपप्रज्वलन किया गया । (धर्मशास्त्र ज्ञात होने के पश्चात् त्वरित कृती में लानेवाले, ही वास्तव में हिन्दु धर्म की शक्ति हैं ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )