तिथि
मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष प्रतिपदा
महत्त्व
कुलस्वामी, कुलस्वामिनी एवं इष्टदेवताके अतिरिक्त अन्य देवताओंकी पूजा भी वर्षमें किसी एक दिन करना तथा उनको भोग प्रसाद अर्पण करना आवश्यक होता है । यह इस दिन किया जाता है ।
पूजन
इस दिन अपने कुलदेवता तथा इष्टदेवतासहित, स्थानदेवता, वास्तुदेवता, ग्रामदेवता और गांवके अन्य मुख्य उपदेवता, महापुरुष, वेतोबा इत्यादि निम्नस्तरीय देवताओंकी पूजा कर उनकी रुचिका प्रसाद पहुंचानेका कर्तव्य पूर्ण किया जाता है । देवदीपावलीपर पकवानोंका महानैवेद्य (भोग) चढाया जाता है ।