नई देहली – अमेरिका के ‘साइन्स चैनल’ वाहिनी ने विशेषज्ञ तथा पुरातत्व विभाग द्वारा बनाया ब्यौरा प्रसारित किया है । इस ब्यौरे के अनुसार भारत तथा श्रीलंका के मध्य स्थित रामसेतु ७ सहस्र वर्ष प्राचीन है । साथ ही यहां ३० मील क्षेत्र में फैली रेत पूर्णतः प्राकृतिक है । इस संदर्भ में ब्यौरे में प्रमाण भी दिए गए हैं ।
हिन्दू धर्मग्रंथों में श्रीराम ने लंका यात्रा करते समय रामेश्वरम् से श्रीलंका की भूमि तक पत्थरों का सेतु बनाने का उल्लेख मिलता है । समुद्र में स्थित इस सेतु की गहराई ३ फुट से ३० फुट तक है । भारत में इसे रामसेतु, तो विश्व में ‘एडम्स ब्रिज’ के नाम से जाना जाता है । वर्ष २००७ में तत्कालीन सरकार ने रामसेतु तोडकर नौकाआें के लिए मार्ग बनाने का प्रयास किया था ।
साइन्स चैनल द्वारा प्रसारित समाचार में विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुत सूत्र
१. रामसेतु अंशतः भी काल्पनिक नहीं है ।
२. हिन्दू धर्मग्रंथों में प्रभु श्रीराम द्वारा सेतु बनाए जाने का उल्लेख मिलता है ।
३. यह सेतु प्राकृतिक नहीं, मानवनिर्मित है ।
४. रामसेतु के पत्थर प्राचीन तथा अन्य पत्थरों से भिन्न हैं ।
५. रामसेतु के लिए प्रयुक्त पत्थर अन्य स्थान से लाए जाने की संभावना है । (१४.१२.२०१७)
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात