देवद (पनवेल) तथा मिरज के सनातन संस्था के आश्रम में भावपूर्ण वातावरण में चार दिन का ‘युवा साधक प्रशिक्षण शिविर’ प्रारंभ !

मिरज आश्रम

शिविर के माध्यम से आदर्श युवा साधक बनना है ! – सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडये

सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडये
मिरज के शिविरार्थी

मिरज, २४ अक्तूबर – सनातन संस्था के मिरज आश्रम में युवा साधक प्रशिक्षण शिविर प्रारंभ हुआ । उस समय अनावरण के समय सनातन संस्था की सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडये ने शिविर का उद्देश्य बताया । अपने वक्तव्य में उन्होंने यह मार्गदर्शन किया कि,‘साधना एवं नामजप का महत्त्व, स्वभावदोष – निर्मूलन, आध्यात्मिक उपाय, भावजागृति के प्रयास, समष्टी सेवा के साथ अनेक बातें युवा साधक प्रशिक्षण शिविर में सीखने मिलेंगी । ‘मैं-मेरा जनपद’ इस वलय से बाहर निकलकर हमें ‘यह विश्व ही मेरा घर’, इस संकल्पना तक जाना है । शिविर के माध्यम से हमें आदर्श युवा साधक बनना है ।’ इस शिविर में सातारा, सांगली, सोलापुर, कोल्हापुर जनपद के ५३ युवा साधक सम्मिलित हुए हैं ।

शिविर के प्रारंभ में सनातन संस्था के साधक श्री. श्रीराम लुकतुके ने शंखनाद किया, तो ६६ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तरवाली कु. वैभवी भोवर ने परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का संदेश पढा ।

विशेषता – शिविर को उपस्थित रहने से पश्चात् क्या प्रतीत हुआ, यह बताते समय भोर की कु. भक्ति बांदल के भावाश्रू अनावर हुए ।

 

देवद आश्रम

युवा साधक प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से साधना
की नींव दृढ होगी ! – श्रीमती संगीता घोंगाणे, प्रसारसेविका

शिविरार्थियों को मार्गदर्शन करते समय श्रीमती संगीता घोंगाणे (बायी ओर) तथा श्रीमती धनश्री केळशीकर
देवद के शिविरार्थी

देवद (पनवेल), २४ अक्तूबर – २४ अक्तूबर के दिन यहां के सनातन आश्रम में आरंभ हुए ‘युवा साधक प्रशिक्षण शिविर’ में ६९ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर होनेवाली प्रसारसेविका श्रीमती संगीता घोंगाणे मार्गदर्शन कर रही थी । अपने मार्गदर्शन में उन्होंने यह वक्तव्य किया कि, ‘युवा साधक प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से आप सभी प्रगल्भ होंगे । साधना की नींव भी दृढ होगी । हिन्दु राष्ट्र स्थापना के पश्चात् आप सभी को सेवा करवाना है, इसलिए आयोजित किया गया यह शिविर अर्थात् भगवंत का नियोजन है ।’ उस समय उनके साथ सनातन संस्था की श्रीमती धनश्री केळशीकर भी उपस्थित थी । उन्होंने उस समय ‘गुरुकृपायोगानुसार साधना का महत्त्व’ इस विषय पर मार्गदर्शन किया । यह शिविर २७ अक्तूबर को संपन्न होगा । इस शिविर में मुंबई, ठाणे तथा रायगड जनपद के तथा गुजरात राज्य के कुलमिलाकर ३६ युवा सम्मिलित हुए हैं ।

शिविरार्थियों के स्वागत के लिए देवद आश्रम में रखा गया स्वागत का फलक

शिविर का प्रारंभ युवा शिविरार्थी श्री. हर्षल भगत द्वारा किए गए शंखनाद से हुआ । तत्पश्चात् हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. बळवंत पाठक ने सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के संदेश पढा । हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सागर चोपदार ने शिविर का उद्देश्य बताया । रणरागिणी शाखा की श्रीमती सुनिता पाटिल ने परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का परिचय किया, तो श्री. चोपदार ने समिति के कार्य की जानकारी दी ।

शिविर के माध्यम से सभी युवा साधक सक्रिय तथा प्रेरित बनें ! – परात्पर गुरु पांडे महाराज

परात्पर गुरु पांडे महाराज

‘‘युवा साधक प्रशिक्षण शिविर’ का आयोजन किया गया है, यह देखकर अत्यंत आनंद हुआ । शिविर के माध्यम से सभी युवा साधक सक्रिय तथा प्रेरित बनें ! युवा साधकों के अंतर्मन में राष्ट्र एवं धर्म का कार्य करने की सुप्त शक्ति पहले से ही है । वह इस शिविर द्वारा जागृत होगी । युवा साधक स्वभावदोष एवं अहं निर्मूलन करने के लिए भी प्रयास करें !’’

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