महाराष्ट्र में चित्रपट पर प्रतिबंध डालने की मांग
इतिहास के अनादर के विरोध में बढता हुआ जनक्षोभ देखकर केंद्र सरकार इस प्रकार के चित्रपटों पर प्रतिबंध क्यों नहीं डालती ?
चोपडा : संजय लीला भन्साळी दिग्दर्शित पद्मावती इस चित्रपट के विरोध में ३० नवम्बर को चोपडा के क्षत्रिय राणा राजपुत समाज तथा हिन्दु जनजागृति समिति की ओर से तहसीलदार कार्यालय पर मोर्चा आयोजित किया गया था । उस मोर्चा में १ सहस्त्र से अधिक हिन्दुत्वनिष्ठ सम्मिलित हुए थे । उस समय मोर्चा के शिष्टमंडल ने नायब तहसीलदार पेंढारकर की ओर निवेदन प्रस्तुत कर महाराष्ट्र में पद्मावती चित्रपट पर प्रतिबंध लगाने की मांग की । उस समय उपस्थित विधायक चंद्रकांत सोनावणे ने बताया कि, ‘महापुरुपषों का अनादर सहन नहीं किया जाएगा ।’
१. इस मोर्चा में महिला, युवक-युवतियां तथा पृथक संगठनों के प्रतिनिधी अधिक संख्या में उपस्थित थे । अखिल भारतीय कोळी समाज संगठन, अखिल भारतीय गुर्जर महासभा, हिन्दु जनजागृति समिति, सनातन संस्था, साथ ही अनेक हिन्दु संगठनों के प्रतिनिधी उत्स्फूर्त रूप से सम्मिलित हुए थे ।
२. नायब तहसीलदार पेंढारकर को निवेदन प्रस्तुत कर इस चित्रपट की प्रदर्शनी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई । निवेदन पर राजपुत समाज के सहस्त्रों नागरिकों ने हस्ताक्षरं किए । इस निवेदन में यह प्रकाशित किया गया है कि, महारानी पद्मावती का इतिहास आपत्तिजनक पद्धति से प्रस्तुत कर प्रतिमा मलिन करने का प्रयास किया गया है । इससे राजपुत समाज तथा हिन्दु समाज साथ ही भारतियों की भावना आहत हुई हैं । अन्य राज्यों के समान महाराष्ट्र में भी इस चित्रपट पर निरंतर के लिए प्रतिबंध लगाईएं ।
३. उस समय रणरागिणी शाखा की श्रीमती क्षिप्रा जुवेकर ने भी अपना मनोगत व्यक्त किया ।
४. मोर्चा के समय नारी का अनादर, नहीं सहेगा हिन्दुस्थान !, माता पद्मावती के आदर में हर हिन्दु मैदान में !, ऊठ राजपुत जागृत हो । राजपुत एकता का धागा हो !, इत्यादि घोषणाओं से शहर गूंज ऊठा ।
५. मोर्चा में चोपडा तहसील के विधायक प्रा. चंद्रकांत सोनवणे, पंचायत सभापति आत्माराम म्हाळके, उपसभापती एम्.वी. पाटिल, व्यापारी महामंडल के अध्यक्ष अमृतराज सचदेव, नगरसेवक प्रकाश राजपुत, किशोर चौधरी, राजाराम पाटिल, शिवसेना शहर प्रमुख तथा नगरसेवक श्री. महेंद्र धनगर, भूतपूर्व पंचायत सदस्य रमेश राजपुत, दीपक राजपुत तथा राजपुत समाज के अन्य बांधव तथा हिन्दुत्वनिष्ठ उपस्थित थे।
क्षणिकाएं
१. इस मोर्चा में चोपडा के अलकारिवाडा की महिलाएं, युवक-युवतियां तथा पुरुष अधिक संख्या में सम्मिलित हुए थे । वे सभी हिन्दु जनजागृति समिति के धर्मशिक्षण वर्ग में तथा स्वसंरक्षण प्रशिक्षण वर्ग में उपस्थित रहते हैं । आंदोलन में सम्मिलित होना सहज हो; इसलिए ये सभी एक दिन खेत में कार्य करने हेतु नहीं गए । उनका उदरनिर्वाह खेत पर ही है; किन्तु उन्होंने एक दिन धर्म हेतु
व्यतीत किया ।
२. अलकरिवाडा से मोर्चा ५ किलोमीटर अंतर पर था; अपितु वहां के हिन्दु पैदल जाकर मोर्चा में सम्मिलित हुए । उन्होंने बताया कि, ‘यदि हम खेत में कार्य करने हेतु ५ किमी. का अंतर पैदल जा सकते हैं, तो क्या धर्म के लिए एक दिन पैदल नहीं जा सकते ? हमें वाहन की क्या आवश्यकता है ?’
३. धर्मशिक्षणवर्ग में उपस्थित अनेक युवक-युवतियों ने मोर्चा में सेवा की ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात