पुणे
धनकवडी
धनकवडी (सातारा मार्ग, पुणे) में सनातन प्रभात नियतकालिक के वाचकों का मेलावा १९ नवम्बर को संपन्न हुआ । यहां के सुबोध क्लासेस के सभागृह में संपन्न हुए इस मेलावा को ३४ वाचक उपस्थित थे । वाचकों का हृद्य तथा उत्स्फूर्त मनोगत, उन्हें प्राप्त हुई अनुभूतियां, साथ ही राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति कार्य में सम्मिलित होने की सिद्धता यह मेलावा की विशेषताएं सिद्ध हुई ।
श्रीमती शारदा हुमनाबादकर ने मेलावा का उद्देश्य, सनातन प्रभात द्वारा आयोजित अभियान के संदर्भ में वाचकों को जानकारी दी । श्रीमती ज्योती दाते ने कालानुसार गुरुकृपायोगानुसार साधना का महत्त्व, साधना के मूलभूत स्तरों का महत्त्व बताया । गुंटचर्चा के पश्चात् वाचकों ने धर्मकार्य में सम्मिलित होने की सिद्धता व्यक्त की ।
विशेषता
सुबोध क्लासेस के श्री. देशमुख सर ने वाचक मेलावा हेतु सभागृह का निःशुल्क प्रबंध किया ।
वाचकों का मनोगत
नामजप के पश्चात् आर्थिक अडचनें न्यून हुई ! – श्री. यदुवीर कुलकर्णी, पुरोहित
(साप्ताहिक सनातन प्रभात के नियमित वाचक हैं । पौरोहित्य करते समय वहां साधना, साथ ही धार्मिक कृती के पीछे क्या शास्त्र है ? इस की जानकारी भी देते हैं ।)
प्रारंभ में मुझे प्रतिदिन के कार्य छोडकर नामजप कैसे कर सकते हैं ? इस की चिंता थी । मुझे आर्थिक अडचनें भी थी; किन्तु साधकों की अनुभूतियां सुनकर, साथ ही उनके प्रोत्साहन के कारण मैंने नामजप आरंभ किया । तत्पश्चात् मेरे आर्थिक प्रश्न न्यून हुए । युवावस्था अर्थात् मनुष्यजन्म उमडी हुई अवस्था है । इसी कालावधी में साधना कर हम ईश्वर तक शीघ्र गति से पहुंच सकते हैं !
(श्री. यदुवीर कुलकर्णी के दोपहिए पर जाते समय अनेक अपघात हुए हैं । सनातन संस्था के मार्गदर्शनानुसार साधना आरंभ करने के पश्चात् साधकों ने कुछ दृष्टीकोण दिए । उसी के अनुसार दोपहियां चलाते समय ‘अपने पीछे ईश्वर ही है,’यह भाव रखना आरंभ किया । उसके पश्चात् उनका एक बार भी अपघात नहीं हुआ । )
शास्त्र पूरीतरह से स्पष्ट करना ही सनातन प्रभात की विशेषता है ! – डॉ. रोहिणी साठे, वैद्य
(चिकित्सालय में रुग्णों को पढने के लिए सनातन प्रभात के अंक तथा ग्रंथों की व्यवस्था की है ।)
प्रत्येक घटना के पीछे का शास्त्र स्पष्ट करना ही सनातन प्रभात की विशेषता है । यह बात परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने अत्यंत सुलभ एवं सहज शब्द में बताई है ।
अनेक वाचकों ने बताया कि, ‘सनातन प्रभात नियतकालिकों का अधिक प्रसार करने के प्रयास करेंगे ।’ साथ ही सभी वाचकों ने प्रत्येक माह में न्यूनतम दो बार इकट्ठा होने की इच्छा व्यक्त की ।
हडपसर
यहां ४० से अधिक वाचक सम्मिलित हुए थे । हिन्दु राष्ट्र स्थापना हेतु सनातन प्रभात का महत्त्व तथा योगदान इस विषय पर श्री. सम्राट देशपांडे ने मार्गदर्शन किया, तो जीवन में साधना का महत्त्व इस विषय पर श्रीमती प्रीति कुलकर्णी ने वाचकों के साथ विचारविमर्श किया ।
श्रीमती अनिता रेपे – अध्यात्म के लिए सनातन प्रभात जीवन में अत्यंत मार्गदर्शक है ।
सनातन संस्था बालकों पर संस्कार करती है ! – नारायण गवळीआजोबा
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को भविष्य का कालावधी संस्कारहीन तथा भीषण होगा, इस बात का भान था; इसलिए उन्होंने सनातन प्रभात के माध्यम से वाचक तथा हितचिंतकों पर संस्कार करना आरंभ किया । सनातन को किए जानेवाले विरोध की ओर देखते हुए यह बात ध्यान में आती है कि, उसकी प्रगति भी शीघ्र गति से हो रही है । शिक्षण के कारण केवल पदवी तथा नौकरी प्राप्त होती है; किन्तु संस्कार केवल माता-पिता तथा सनातन संस्था ही कर सकती है । छोटी आयु में ही बालकों को सनातन में भेजना चाहिए ।
गुंटचर्चा में सनातन प्रभात का चैतन्य तथा उस माध्यम से प्राप्त होनेवाला धर्मशिक्षण का प्रसार समाज में प्रत्येक घर में करने का सभी उपस्थितों ने निश्चय किया ।
पुणे शहर (गावठाण)
यहां ५० से अधिक वाचक तथा हितचिंतक सम्मिलित हुए थे । श्रीमती अर्चना घनवट ने उपस्थितों को वाचक मेलावा का उद्देश्य बताया । श्री. प्रवीण नाईक ने सनातन प्रभात का महत्त्व तथा श्रीमती रश्मी नाईक ने सभी उपस्थितों को साधना का महत्त्व बताया ।
मुझे सनातन प्रभात से साधना की दिशा प्राप्त हुई । – श्री. प्रशांत नाईक
१६ वर्षों से अधिक समय दैनिक तथा साप्ताहिक सनातन प्रभात के वाचक है । वे पृथक प्रकार के आटों का विक्रय करते हैं । आटा विक्रय करते समय वे सनातन के लघुग्रंथों का भी वितरण करते हैं ।
जीवन में लाभदायक सिद्ध होनेवाला सनातन प्रभात ! – श्रीकृष्ण नामजोशी
सनातन प्रभात का जीवन में अत्यंत लाभ हुआ । मैं समाज के अनेक समाचारपत्रिकाओं का वाचन करता हूं; किन्तु सनातन प्रभात ही एकमात्र दैनिक है, जो घटना का वास्तव तथा उसके पीछे का उचित संपादकीय दृष्टीकोण प्रकाशित करता है ।
गुंटचर्चा का परिणाम !
गुंटचर्चा में की गई मांग के अनुसार प्रत्येक शनिवार को सायंकाल के समय वाचकों के लिए यहां के काळाराम मंदिर में सत्संग आयोजित किया गया है ।
सातारा
शिरवळ (तहसील खंडाळा)
सनातन प्रभात में साधना के संदर्भ में जो अमूल्य मार्गदर्शन प्राप्त होता है, उसी से ही साधना की वास्तविक दिशा प्राप्त हुई । जीवन में आनेवाले कठीन प्रसंगों में स्थिर रहकर ईश्वर पर होनेवाली श्रद्धा वृद्धिंगत हुई । सनातन प्रभात के प्रति लगाव निर्माण हुआ है । सनातन संस्था तथा परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी की सीख के कारण ही मेरा जीवन सार्थक हुआ है ! निःस्वार्थ रूप से कार्य करनेवाला सनातन प्रभात ! – श्रीकांत बोराटे
समाज को उचित दिशा प्राप्त हो; इसलिए कितना भी विरोध होते हुए भी सनातन प्रभात निःस्वार्थ रूप से कार्य करता है । सनातन प्रभात ने निरंतर हिन्दुओं पर होनेवाले अत्याचार तथा राष्ट्रविरोधी कार्य सामने रखा है । वर्तमान में धर्माधिष्टीत हिन्दु राष्ट्र स्थापित होने के लिए सनातन प्रभात कार्य कर रहा है।
सनातन प्रभात के वाचन के कारण पूरे दिन की थकान दूर होती है ! – श्रीमती योगिनी बांदल
सनातन प्रभात के कारण त्योहार, उत्सव के संदर्भ में महत्त्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है । मैं अध्यापिका होने के कारण पूरे दिन व्यस्त रहती हूं ; किन्तु घर आने के पश्चात् पहले सनातन प्रभात का वाचन करती हूं । उससे पूरे दिन की थकान दूर होकर उत्साह बढ जाता है ।
दैनिक सनातन प्रभात के कारण मेरा हिन्दुत्व जागृत हुआ । राष्ट्र-धर्म की दिशा प्राप्त हुई । – श्री. धनंजय पवार
विशेषताएं
१. मोहरी खुर्द (तहसील भोर) के वाचक श्री. सागर पांगारकर ७ माह के छोटे बालक को साथ लेकर परिवार सहित ३० कि.मी. दूरी से वाचक मेलावा के लिए उपस्थित रहे थे ।
२. गुंटचर्चा के समय चार स्थानों से महिलाओं के धर्मशिक्षण वर्ग की मांग की गई ।
३. चार महिला वाचकों ने रविवार के दिन समाqष्ट सेवा के लिए समय व्यतीत करने की इच्छा व्यक्त की ।
४. वाचक श्री. लक्ष्मण सावंत ने बताया कि, ‘प्रवचन निाqश्चत करने के लिए तथा विशेषांक के लिए प्रायोजक प्राप्त करने के प्रयास करूंगा ।’
५. सारोळा के वाचक श्री. शिवदास सूर्यवंशी अपने आस्थापन में आनेवाले व्यक्ति को वाचन करने हेतु दैनिक सनातन प्रभात रखते हैं ।
६. अनेक वाचकों ने व्यष्टी के प्रयासों के संदर्भ में जिज्ञासा पूर्वक प्रश्न पूछे ।
कोल्हापुर
गिजवणे
मेलावा हेतु ५५ वाचक उपस्थित थे । हिन्दु जनजागृति समिति की श्रीमती आशा साठे ने सनातन प्रभात का महत्त्व बताया । सनातन संस्था की आधुनिक वैद्या श्रीमती शिल्पा कोठावळे ने उपस्थितों को ‘जीवन में साधना का महत्त्व’ इस विषय पर मार्गदर्शन किया ।
वाचकों का मनोगत
१. श्रीमती सुनिता कडुकर – सनातन प्रभात के कारण सर्व कठीन प्रसंगों का सामना करना सहज हुआ । पति को अनेक वर्षों से होनेवाले व्यसन से छुटकारा पाने के लिए बहुमूल्य सहायता हुई ।
२. श्रीमती रेखा कातकर – सनातन प्रभात से साधना के दृष्टीकोण अपनाने के कारण जीवन में अधिकांश परिवर्तन हुआ । धर्म के संदर्भ की नई जानकारी, धर्म पर आनेवाले संकट तथा उन पर की जानेवाली उपाययोजना क्या हैं, इस संदर्भ की गहरी तथा अभ्यासपूर्ण जानकारी केवल सनातन प्रभात में ही पढ सकते हैं ।
३. श्री. नारायण कुंभार – सनातन प्रभात सर्वांगीण प्रबोधन करता है । विभिन्न त्योहार-वार, उसके पीछे का अध्यात्मशास्त्र तथा त्योहार मनाने की शास्त्रोक्त जानकारी देनेवाला एकमात्र दैनिक है । सनातन प्रभात के नित्य वाचन के कारण पूरा दिन आनंदमय होता है ।
क्षणिकाएें
१. मंदिर के पुजारी ने बताया कि, ‘इस प्रकार के कार्यक्रमों के लिए निरंतर मंदिर के सभागृह का उपयोग करें ।’
२. ग्रामीण क्षेत्र के महिलाओं का सनातन प्रभात के प्रति तथा पूरे कार्यक्रम के प्रति होनेवाला भाव देखकर सभी वाचकों की भावजागृति हुई ।
३. गुंटचर्चा में सभी वाचकों ने उत्स्फूर्त रूप से सम्मिलित होकर शंकानिरसन किया ।
४. चार स्थानों पर प्रवचन आयोजित करने की, साथ ही एक स्थान पर धर्मशिक्षण वर्ग की आरंभ करने की मांग की गई ।
संभाजीनगर
संभाजीनगर में ५ स्थानों पर वाचक मेलावा आयोजित किया ।
वाचकों का मनोगत
श्री. लक्ष्मण मस्के – दु:ख का नाश कर यदि सुख की ओर जाना है, तो सनातन प्रभात का अंक सभी को पढना चाहिए ।
श्रीमती ज्योती जोशी – मैं पाठशाला में अध्यापिका हूं । छात्रों पर अच्छे संस्कार करने हेतु मैं सनातन प्रभात अन्यों को पढने देती हूं ।
श्रीमती उज्ज्वला राजेल्ली – दैनिक सनातन प्रभात के वाचन के कारण मेरा क्रोध न्यून हुआ ।
श्री. चंद्रकांत वैती – मूलतः मुझे वाचन में अधिक रस नहीं है; किन्तु सनातन प्रभात के कारण मुझे वाचन में रस निर्माण हुआ । मैं जहां जाता हूं, वहा जिज्ञासुओं के लिए सनातन प्रभात आरंभ करता हूं ।
क्षणिकाएें
१. स्वराज संदीप हिवाळे (आयु ५ वर्ष) (एक वाचक का पुत्र) ने उत्स्फूर्त रूप से अफजलखान हत्या का पूरा पोवाडा गाया तथा भगवदगीता का संस्कृत का सातवा अध्याय मुखोद्गत किया हुआ सुनाया ।
२. सनातन के वाचक मेलावा के कारण हमें हिन्दु राष्ट्र स्थापना की दिशा प्राप्त हुई ।
३. सामाजिक संकेतस्थलं तथा लघुसंदेशों द्वारा इस कार्य में सम्मिलित होने के लिए सभी ने अपना वॉटसअॅप क्रमांक दिए । कुछ वाचकों ने स्वयं ही सेवा में सम्मिलित होने की इच्छा व्यक्त की ।
४. सिडको केंद्र का वाचक मेलावा मंदिर में था । उस स्थान पर सेवा हेतु एक वाचक अपने २ बालकों को पूर्ण समय सेवा के लिए साथ लेकर आए थे ।
५. वाचक मेळावा के माध्यम से ३ वाचकों ने सनातन प्रभात आरंभ किया, तो एक वाचक ने कुछ कारण हेतु बंद किया सनातन प्रभात पुनः आरंभ किया ।
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात