संस्कृत मंत्रों के उच्चारण से स्मरणशक्ति बढती है !

वैदिक संस्कृत मंत्रों के उच्चारण से स्मरणशक्ति बढती है, अमेरिका के एक समाचार-पत्र ने ऐसा दावा किया है । इस समाचार के अनुसार डॉ. जेम्स हार्टजेल नामक न्यूरो शोधकर्ता ने अमेरिका की एक मासिक पत्रिका में अपना यह शोध प्रकाशित किया है ।

संस्कृत भाषा धर्म जितनी ही समृद्ध है !

माध्यमिक पाठशालाओं के स्तर पर संस्कृत की शिक्षा विशेष विषय के रूप में स्वीकारना अनिवार्य है । इससे विद्यार्थियों में देश की प्राचीन संस्कृति तथा अपने पूर्वजों के साहित्य के प्रति जिज्ञासा उत्पन्न होगी । उनके मन और चरित्र पर सकारात्मक परिणाम होकर उनके शुद्ध ज्ञान में बढोतरी होगी ।

आपातकाल में नमक-राई की कमी होने पर कुदृष्टि् उतारने की पद्धति

‘मैं एक साधक के लिए नामजपादि उपचार कर रहा था । उसका चैतन्य सहन न होने के कारण साधक का कष्ट अधिक बढ गया तथा उसके द्वारा मेरी ओर कष्टदायक शक्ति प्रक्षेपित होने लगी ।

कर्नाटक के मात्तूर गांव में होता है संस्कृत भाषा में संवाद

जनपद के मात्तूर गांव की भाषा संस्कृत होने से इस गांव के रहनेवाले मूल निवासियों में ३० प्राध्यापक बेंगळूरु, मैसूरु और मंगळूरु के विश्वविद्यालयों में संस्कृत पढा रहे हैं । विशेष बात यह कि इस गांव में प्रत्येक घर में न्यूनतम एक व्यक्ति संस्कृत का जानकार और तंत्रज्ञान क्षेत्र का अभियंता है ।

संत जनाबाई

संत जनाबाईने ‘काम में राम’ को ढूंढा । उन्होंने अपने प्रत्येक कार्य के साथ ईश्वर को जोडा इसलिए उन्हें लगता था कि मेरे कार्य मैं नहीं, अपितु ईश्वर स्वयं ही कर रहे हैं ।

मन को अंर्तमुख कैसे करें?

एकाग्र मन से नामजप करने पर हमें अधिक आनंद होता है । एकाग्रता से नामजप करने से अंतर्मन पर नामजप का संस्कार दृढ होता है और ईश्‍वर से अधिक सुरक्षा प्राप्त होती है ।

देवघर में देवताओं की रचना कैसे करनी चाहिए ?

पूजाघर में कुलदेवता, श्री गणपति, कुलाचार के अनुसार बालगोपाल, हनुमान एवं श्री अन्नपूर्णा रखें । इनके अतिरिक्त अन्य देवता जैसे शिव, दुर्गा समान किसी उच्चदेवता की उपासना करते हों, तो वह रखें ।

मृत्यु के उपरांत शरीर के अवयव दान न करें ।

आध्यात्मिक शोधकार्य से यह देखा गया है कि जब हम अवयव दान करते हैं, तब हम लेन-देन निर्माण करते हैं और अवयव (अंग) प्राप्त होनेवाले व्यक्ति के कर्मों द्वारा संचित पाप तथा पुण्य में सहभागी होते हैं ।

कुछ ईश्‍वर को मानते हैं और कुछ नहीं, ऐसा क्यों ?

जिसे आप विज्ञान समझते हैं, वह केवल भौतिक विज्ञान है । भारतीय ज्ञान का एक छोटा-सा भाग है विज्ञान ! भौतिक विज्ञान अर्थात सायंस जिस भारतीय विज्ञान का एक हिस्सा है । वह विज्ञान भी अध्यात्म (ज्ञान) का एक हिस्सा है ।

सनातन संस्‍था एवं हिन्‍दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित किए जानेवाले ऑनलाइन सत्‍संगों के चित्रीकरण के लिए विविध उपकरणों की आवश्‍यकता !

सनातन संस्‍था एवं हिन्‍दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित किए जानेवाले ऑनलाइन सत्‍संगों के चित्रीकरण के लिए विविध उपकरणों की आवश्‍यकता है ।