संत मीरा बाई
संत मीरा बाई ने बताया है कि श्रीकृष्ण के प्रति अटूट आस्था के कारण, उनपर दृढ श्रद्धा के कारण उन्होंने अपने जीवन के कठिन से कठिन प्रसंग भी पार किए हैं ।
संत मीरा बाई ने बताया है कि श्रीकृष्ण के प्रति अटूट आस्था के कारण, उनपर दृढ श्रद्धा के कारण उन्होंने अपने जीवन के कठिन से कठिन प्रसंग भी पार किए हैं ।
गुरुआज्ञा मानकर ही तो संत सूरदास जी ने अपने को कृष्ण भक्ति में ऐसा डुबो दिया था कि आज भी उनके समान दूसरे भक्त कवि नहीं हुए ।
हमारे द्वारा किए जा रहे नमस्कार में जब भाव आता है, तब उसका रूपांतरण वंदन में होता है और इस भाव से नमस्कार करते जानेपर धीरे-धीरे उस नमस्कार का रूपांतरण भक्ति में होता है । उसी का नाम है वंदनभक्ति !
कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि पर लागू की गई यातायात बंदी, साथ ही अन्य प्रतिबंधों के कारण कुछ स्थानों पर सामान्य की भांति नवरात्रोत्सव मनाने पर मर्यादाएं आनेवाली हैं ।
वर्तमान में हिन्दुओं के उत्सव-त्योहारों में विकृतियां बढने लगी है, उस अनुषंग से एवं पौरोहित्य करते समय मातृवर्ग द्वारा जो समस्या प्रस्तुत की जा रही हैं, इस कारण यह लेख लिखना प्रतीत हुआ
दोनों हाथों के तलुवे एक-दूसरे के साथ जोडकर दोनों हाथों के अंगूठों का स्पर्श भ्रूमध्य के स्थान पर अर्थात दोनों भौवों के मध्य में करें ।
तनिक भी अहंभाव न रख नमस्कार करने से दोषों के पहाड भस्म हो जाते हैं, पतितजन पावन हो जाते हैं । लीनतापूर्वक नमस्कार कर शरणागत होने से भवसागर पार हो जाते हैं ।
हॉलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री सलमा हायक ने ‘इंस्टाग्राम’ सामाजिक माध्यम पर एक पोस्ट की है । जिसमें उन्होंने लिखा है कि माता श्री लक्ष्मी देवी आंतरिक सौंदर्य की प्रेरणा देती हैं ।
माता लक्ष्मी, माता सीता, साथ ही भरत और केवट की भांति भगवान की पादसेवन भक्ति करने हेतु संपूर्ण सृष्टि आतुर है ।
भक्ति की इस पद्धति में भक्त को ईश्वर के सामने नतमस्तक होना, उनके चरणों के पास होना, ईश्वर के सामने मैं कुछ भी नहीं हूं और मेरा कोई अस्तित्व नहीं है, यह भान होता रहता है ।