भूमि खरीद और ठेकेदार से घर का निर्माण करवाते समय संभावित धोखाधडी टालने हेतु कानूनी बातों की आपूर्ति करें !

अनेक बार हम खाली भूमि खरीदते हैं अथवा खाली भूमि पर निर्माणकार्य करते हैं । सर्वप्रथम आपातकाल की दृष्टि से निर्माणकार्य के लिए भूमि का चुनाव करते समय उसके सभी मापदंडों की पडताल करें ।

आपातकाल की दृष्टि् से तैयारी करने के लिए नई अथवा पुरानी बैलगाडी, घोडागाडी अथवा उनके अंग (पुरजे) दान करें अथवा अल्प मूल्य में देनेवालों के विषय में जानकारी भेजें !

आपातकाल में डीजल-पेट्रोल उपलब्‍ध नहीं हो पाएंगा । तब, दैनिक आवश्‍यकताआें की पूर्ति के लिए प्राचीन काल की भांति बिना डीजल-पेट्रोल से चलनेवाले वाहनों (उदा. बैलगाडी, घोडागाडी) का उपयोग करना पडेगा । ये सब साधन प्राप्‍त करना, उन्‍हें चलाना, उनकी देखभाल और सुधार करना तथा उनसे जुडे पशुआें का पालन-पोषण करने का कौशल तुरंत सीख लेना आवश्‍यक है ।

सनातन धर्म अनेक रूपों में ईश्‍वर को पूजता है, ऐसा क्‍यों ?

हिन्‍दू धर्म में परमेश्‍वर, ईश्‍वर, अवतार तथा देवता ऐसी संकल्‍पना है । ‘ईश्‍वर’ शब्‍द सामान्‍यतः जगन्‍नियंता, सृष्‍टि-स्‍थिति-प्रलय के कर्ता, सर्वव्‍यापक, सर्वांतर्यामी और देवाधिदेव आदि अर्थों से उपयोग किया जाता है । प्रत्‍यक्ष में ईश्‍वर एक ही हैं, तथा वह निर्गुण, निराकार हैं ।

सनातन संस्‍था की श्रीचित्‌शक्‍ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी के करकमलों द्वारा हिन्‍दी, कन्‍नड और अंग्रेजी भाषाआें में ‘सनातन चैतन्‍यवाणी एप’ का उद़्‍घाटन !

‘सनातन चैतन्‍यवाणी’ एप ‘गूगल प्‍ले स्‍टोर’ पर सभी के लिए उपलब्‍ध है । अधिकाधिक लोग इस एप को डाउनलोड कर उसका उपयोग करें और सात्त्विक स्‍तोत्र, आरती, श्‍लोक, मंत्र, नामजप आदि का लाभ उठाएं ।

कोरोना महामारी के कारण उत्‍पन्‍न आपातकालीन स्‍थिति में दीपावली कैसे मनाएं ?

कोरोना महामारी की पृष्‍ठभूमि पर लागू की गई संचार बंदी यद्यपि उठाई जा रही है तथा जनजीवन पूर्ववत हो रहा है, तथापि कुछ स्‍थानों पर सार्वजनिक प्रतिबंधों के कारण सदैव की भांति दीपावली मनाना संभव नहीं हो पा रहा है । ऐसे स्‍थानों पर दीपावली कैसे मनाएं, इससे संबंधित कुछ उपयुक्‍त सूत्र और दृष्‍टिकोण यहां दे रहे हैं ।

दीपावली का वैश्विक स्वरूप !

नौकरी-व्‍यवसाय के उपलक्ष्य में पूरे विश्‍व में फैले भारतीय लोगों ने दीपावली के त्‍योहार को पूरे विश्‍व में प्रसारित कर दिया है । अन्‍य राष्‍ट्रों में दीपावली का त्‍योहार कैसे मनाया जाता है और उसे मनाते समय भारत की अपेक्षा उनमें क्‍या अलग होता है, इस लेख से हम इसे जानेंगे ।

श्री सरस्वतीदेवी की उपासना एवं सरस्वती यंत्रका कार्य

नववर्षारंभ तथा दशहरे के दिन सरस्वतीपूजन करें । ब्रह्मांड में नववर्षारंभ पर श्री सरस्वतीदेवी के तारक तत्त्व की तरंगें एवं दशहरे के दिन महासरस्वतीदेवी के मारक तत्त्व की तरंगें कार्यरत होती हैं ।

दिल्ली में नवरात्रि के अवसर पर ऑनलाइन प्रवचन

सनातन संस्‍था एवं हिन्‍दू जनजागृति समिति द्वारा नवरात्रि के अवसर पर एक ऑनलाइन साधना सत्‍संग का आयोजन किया गया । सत्‍संग में श्रीमती माला कुमार ने नवरात्रि का महत्त्व, उपासना के बारे में बताया ।

देवता के ‘तारक’ और ‘मारक’ नामजप का महत्त्व

कोई भी कार्य कालानुसार करने से अधिक लाभ होता है । ‘कालानुसार देवता के तारक और मारक तत्त्व का किस ढंग से नामजप करने पर अधिक लाभ होता है’, इस विषय में अध्यात्मशास्त्रीय अध्ययन कर, कुछ देवताओं के नामजप का अभिलेखन (रिकार्डिंग) किया गया है ।

नामस्मरण है श्रेष्ठ स्मरण भक्ति !

अर्थात भगवान का स्मरण करते जाएं । उनके नाम का अखंड जप करें । नामस्मरण कर संतुष्ट हों । सुख हो अथवा दु:ख मन उद्विग्न हो अथवा चिंता में, सर्वकाल और सभी प्रसंगों में नामस्मरण करते जाएं ।