शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद के नियमों का पालन करें !

शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् । अर्थात, धर्माचरण के लिए (साधना करने के लिए) शरीर का स्वस्थ रहना अत्यंत आवश्यक है ।

तुमकुरू की श्री महालक्ष्मी मद्दरलक्कम्म के आगमन के पश्चात उनके भक्तों का सनातन के विषय में गौरवोद्गार और साधकों को हुई अनुभूतियां

मंगळूरु सेवाकेंद्र में तुमकुरू की श्री महालक्ष्मी मद्दरलक्कम्मा के आगमन के पश्चात उनके भक्त श्री. पवनकुमार यजमान के सनातन के विषय में गौरवोद्गार और साधकों को हुई अनुभूति

बिहार एवं उत्तर प्रदेश में दत्त जयंती निमित्त ‘ऑनलाइन प्रवचन’ तथा ‘सामूहिक जप’ का नियोजन

समाज को धर्मशिक्षा मिले इस हेतु भगवान दत्तात्रेय की जयंती के अवसर पर २६ दिसंबर २०२० को सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘ऑनलाइन साधना सत्संग’ का आयोजन किया गया ..

सनातन संस्था की ओर से आयोजित सामूहिक नामजप कार्यक्रम को जिज्ञासुओं का उत्स्फूर्त प्रतिसाद

हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्था की ओर से दत्तजयंती निमित्त से ऑनलाईन स्वरूप में आयोजित सामूहिक नामजप कार्यक्रम को समाज से उत्स्फूर्त प्रतिसाद मिला ।

सनातन आश्रम पनवेल के साधक डॉ. दीपक जोशी ‘कोरोना योद्धाʼपुरस्कार से सम्मानित

पृष्ठभूमि पर बेंगळूरु की ‘स्मृति साधनाʼनामक स्वयंसेवी संस्था द्वारा ऐसे लोगों को ‘कोरोना योद्धा’ पुरस्कार देकर गौरवान्वित किया है । सनातन के पनवेल के साधक डॉ. दीपक जोशी ने लॉकडाउन के काल में अनेक रोगियों को समुपदेशन करना, उन्हें धीरज देना, साधना बताकर स्थिर जीवन जीने की दिशा देना आदि विशेष प्रयत्न किए थे, इसके लिए उन्हें यह पुरस्कार देकर गौरवान्वित किया ।

भक्ति के सुंदर उदाहरण वाला जनाबाई के जीवन का प्रसंग

जनाबाई जैसे भक्त बनने के लिए उनकी ही तरह हर काम में, हर प्रसंग में ईश्‍वर को अपने साथ अनुभव करना, उनसे हर प्रसंग का आत्मनिवेदन करते रहना, उनको ही अपना सब मानकर अपनी सब बातें बताना आवश्यक है ।

कंधों में वेदना होने पर किए जानेवाले कुछ महत्त्वपूर्ण व्‍यायाम प्रकार

कंधों की वेदना की तीव्रता ६० प्रतिशत से अधिक होने पर चिकित्‍सक से परामर्श लेना चाहिए । वेदना की तीव्रता ६० प्रतिशत से अल्‍प हो, तो स्नायु शक्‍तिशाली बनाने के लिए आगे दिए गए व्‍यायाम चरण दर चरण करने चाहिए ।

धनुर्मास की महिमा

१६.१२.२०२० से १३.१.२०२१ तक धनुर्मास था । इस मास के पांच गुरुवार और शुक्रवार अत्यंत महत्त्वपूर्ण होते हैं । चंद्र की संक्रांति की अधिकतावाले इस मास में भगवान की आराधना, भगवान का नामजप, भागवत कथा श्रवण, व्रत, दान, दीपदान, सत्संग और निष्काम कर्म करने का विशेष माहात्म्य है । इस मास में आनेवाली एकादशी को ‘वैकुंठ एकादशी’ कहते हैं । धनुर्मास में इस दिन को सर्वाधिक महत्त्व होता है ।

देश के अनेक राज्यों में अचानक मर रहे हैं पक्षी !

इटली की राजधानी रोम में ईसाई नववर्ष के अवसर पर की गई आतिषबाजी के कारण सड़कों पर सहस्त्रों (हजारों) पक्षियों के मरने के चार दिन ही बाद, भारत के कुछ राज्यों में भी अचानक पक्षियों के मरने की सूचना मिली है।

दत्त जयंती निमित्त ‘ऑनलाईन’ सत्संग एवं सामूहिक नामजप का आयोजन

देहली – दत्तजयंती निमित्त सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से हाल में ही एक ‘ऑनलाईन’ सत्संग का आयोजन किया गया । इस समय सनातन की साधिका कु. पूनम चौधरी और श्रीमती. राजरानी माहुर ने उपस्थितों का मार्गदर्शन किया । कु. चौधरी ने श्री दत्तके द्वारा किये २४ गुण गुरुओं के संदर्भ में … Read more