सांगली, कोल्हापुर एवं सोलापुर जिलों में ‘ऑनलाईन प्रथमोपचार शिविर’ संपन्न !
इस शिविर में मूलभूत जीवित रक्षा सहाय, हृदय-श्वसन पुनरुज्जीवन तंत्र का उपयोग, सुरक्षित आरामदायी स्थिति, पीठ में चोट लगने पर प्रथमोपचार करते समय क्या सावधानी बरतें, त्रिकोणी पट्टी की सहायता से झोली (स्लिंग) बांधना, रास्ते पर दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के सिर से शिरस्त्राण (हेलमेट) निकालना, रोगी को अन्यत्र ले जाने की विविध पद्धतियां, ऐसे विविध विषयों पर मार्गदर्शन किया गया ।
महामारी एवं तीसरे महायुद्ध से अपनी रक्षा होने हेतु, इसके साथ ही तनावमुक्ति के लिए साधना करना आवश्यक ! – पू. अशोक पात्रीकर, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था
महामारी एवं तीसरे महायुद्ध से अपनी रक्षा करने के लिए साधना करना आवश्यक है । आपातकाल में तनाव बढता है । स्वसूचना देने से उसे दूर कर सकते हैं । तनावमुक्ति के लिए साधना के अतिरिक्त विकल्प नहीं, ऐसा मार्गदर्शन सनातन संस्था के धर्मप्रचारक पू. अशोक पात्रीकर ने किया ।
केरल एवं पुद्दुचेरी (टीकेपी) आध्यात्मिक समिति’ की महिलाओं के लिए ‘नामजप का महत्त्व’ विषय पर संपन्न ‘ऑनलाईन’ व्याख्यान !
कोची कालिकत में ‘तमिलनाडू, केरल एवं पुद्दुचेरी (टीकेपी) आध्यात्मिक समिति’ की संचालिका श्रीमती स्नेहलता मालपाणीने अपनी समिति की महिलाओं के लिए ‘नामजप का महत्त्व’ इस विषय पर ‘ऑनलाईन’ प्रवचन आयोजित किया था । इस अवसर पर सनातन संस्था की श्रीमती शिल्पा मगदूम ने संस्था का परिचय, कुलदेवता एवं दत्त के नामजप का महत्त्व बताया
नामजप न करते हुए और नामजप के साथ प्राणायाम
२१ जून विश्वभर में आंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है । योग इस शब्द का उगम ‘युज’ धातु से हुआ है । युग का अर्थ है संयोग होना । योग इस शब्द का मूल अर्थ जीवात्मा का परमात्मा से मिलन होना है । योगशास्त्र का उगम लगभग ५००० वर्षाें पूर्व भारत में हुआ है ।
कोई भी पूर्व सूचना दिए बिना ‘फेसबुक’ के ‘पेजेस्’ (पृष्ठ) बंद करने के विरोध में सनातन संस्था की ओर से मुंबई उच्च न्यायालय में आवाहन !
‘फेसबुक’ के पृष्ठ (‘पेजेस्’) बंद करना, यह अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के विरोध में है । ‘फेसबुक’ की यह कृति केंद्र सरकार के अधिकारों का उल्लंघन करती है और बिना किसी कानूनी प्रक्रिया का सहारा लिए भारतीय नागरिकों के मूलभूत अधिकारों पर अंकुश लगाने वाली है, ऐसा कहते हुए सनातन संस्था ने ‘फेसबुक’ के पेज बंद करने की कार्यवाही का मुंबई उच्च न्यायालय में आवाहन किया है ।
जलवायू परिवर्तन से होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती ! – वैज्ञानिकों का दावा
विश्व जलवायु परिवर्तन से होने वाली हानि अब इस स्तर पर पहुंच गई है कि उसे सुधारा नहीं जा सकता । इस कारण उसके साथ ही जीना पड़ेगा, ऐसा प्रतिपादन वैज्ञानिक प्रा. मार्कस रेक्स ने किया है ।
हिन्दु राष्ट्र की स्थापना करने के लिए राजनेताएं तथा जनप्रतिनिधी नहीं, तो संत ही सक्षम हैं !
‘भारत की परिस्थिती में कुछ परिवर्तन होगा’ इसकी अपेक्षा करना अत्यंत अनुचित तथा घातक है । इस पर एकमात्र उपाय यही है कि, संतों के नेतृत्व में सात्त्विक लोगों को संगठित होकर हिन्दु राष्ट्र की स्थापना करना !
साधकसंख्या अल्प होते हुए भी भावपूर्वक एवं लगन से गुरुकार्य करनेवाले अयोध्या के पू. डॉ. नंदकिशोर वेद !
डॉ. नंदकिशोर वेद से हमारा लगभग १७ वर्षाें से निकट का संबंध था । हम सभी प्रेम से उन्हें ‘नंदकिशोर काका’ कहते थे । मैं उत्तर भारत में सेवा हेतु आया, तब से अयोध्या केंद्र का दायित्व उन्हीं के पास था ।