पेट में वेदना (Abdominal pain) इस बीमारी पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

पेट में सौम्य से तीव्र वेदना विविध कारणों से हो सकती है । प्रत्येक कारण के अनुसार उसका विशिष्ट उपचार लेना आवश्यक होता है; परंतु पेटदर्द का निश्चित निदान होने तक हम आगे दिए अनुसार औषधोपचार आरंभ कर सकते हैं ।

संत मुक्ताबाई !

संतश्रेष्ठ ज्ञानेश्वर महाराज की बहन संत मुक्ताबाई ने जलगांव जिले के एदलाबाद (आज का मुक्ताईनगर) में समाधि ली थी । मुक्ताबाई का जन्म इंद्रायणी नदी के तट पर बसे आळंदी गांव के निकट सिद्धबेट पर अश्विन शुद्ध प्रतिपदा शुक्रवार शके १२०१ अर्थात इ. सन. १२७९ में हुआ ।

हिन्दू नववर्षारंभ (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) से व्यक्तिगत एवं सामाजिक जीवन में रामराज्य स्थापित करने का संकल्प करें !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का नववर्ष के अवसर पर संदेश

श्री मारूती स्तोत्र

अन्य देवताओंकी तुलनामें हनुमानजीमें अत्यधिक प्रकट शक्ति है । अन्य देवताओंमें प्रकट शक्ति केवल १० प्रतिशत होती है, जबकि हनुमानजीमें प्रकट शक्ति ७० प्रतिशत होती है । अत: हनुमानजीकी उपासना अधिक मात्रामें की जाती है । हनुमानजीकी उपासनासे जागृत कुंडलिनीके मार्गमें आई बाधा दूर होकर कुंडलिनीको योग्य दिशा मिलती है । साथही भूतबाधा, जादू-टोना, अथवा … Read more

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के कक्ष में उत्तर की दीवार पर पडे दाग-धब्बों में बुद्धिअगम्य परिवर्तन और उसका आधारभूत शास्त्र !

परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के कक्ष की दीवार पर, इसके साथ ही फर्श पर पडे दाग-धब्बों के ११ से १३.३.२०२१ तक छायाचित्र खींचे गए । उसीप्रकार इनके वर्ष २०१३ एवं वर्ष २०१८ में भी छायाचित्र खींचे गए थे । इन छायाचित्रों का तुलनात्मक अध्ययन किया गया ।

होमियोपैथी ‘स्वउपचार’विषयी मार्गदर्शक सूत्र

अब हम देखेंगे ‘अपनी बीमारी पर अचूक गुणकारी औषधि ढूंढना, कुछ बीमारियों के विषय में आरंभ में लक्षणों की तीव्रता न्यून करनेवाली औषधि लेना क्यों आवश्यक होना, औषधि तैयार करने की पद्धति और औषधि का परिणाम कैसे पहचानें ?’, इत्यादि संबंधी जानकारी ।

महाराष्ट्र में सुप्रसिद्ध कुछ देवियों की जानकारी और उनका इतिहास

नवरात्रि में जिस देवी की पूजा की जाती है, वह देवी मानव के लिए जो उत्कृष्ट गुण होते हैं उनसे सुशोभित होती है । दुर्गा का स्तवन और पूजा करते समय अभिषेक के समय उनकी नामावली कही जाती है । उस नामावली से नारी में कौनसे गुण होने चाहिए, इसका निर्देश मिलता है ।

वर्तमान के ‘ऑनलाईन’ काल में आंखों की उचित देखभाल के लिए आगे दी गईं बातें ध्यान में रखें !

आंखों की देखभाल के विविध उपाय एवं आंखें निरोगी रहने के लिए आदर्श दिनचर्या कैसी होनी चाहिए ? इस विषय में समझ लेंगे ।

शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य की देखभाल ऐसे करें !

शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और सामाजिक स्वास्थ्य अर्थात सुखसंवेदना अनुभव करने की अवस्था अर्थात स्वास्थ्य ।

महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2024)

‘महाशिवरात्रि’ के काल में भगवान शिव रात्रि का एक प्रहर विश्राम करते हैं । महाशिवरात्रि दक्षिण भारत एवं महाराष्ट्र में शक संवत् कालगणनानुसार माघ कृष्ण चतुर्दशी तथा उत्तर भारत में विक्रम संवत् कालगणनानुसार फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को मनाई जाती है । इस वर्ष महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024 को है ।