प्रारब्ध 

‘अध्यात्म विषयक बोधप्रद ज्ञानामृत’ लेखमाला से भक्त, संत तथा ईश्‍वर, अध्यात्म एवं अध्यात्मशास्त्र तथा चार पुरुषार्थ ऐसे विविध विषयों पर प्रश्‍नोत्तर के माध्यम से पू. अनंत आठवलेजी ने सरल भाषा में उजागर किया हुआ ज्ञान यहां दे रहे हैं । इस से पाठकों को अध्यात्म के तात्त्विक विषयों का ज्ञान होकर उनकी शंकाओं का निर्मूलन होगा तथा वे साधना करने के लिए प्रवृत्त होंगे ।

चिपळुण (जनपद-रत्नागिरी) में बाढ पीडितों के लिए सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति एवं स्थानीय संस्था-संगठनों की ओर से ‘सहायता अभियान’ !

सनातन संस्था, हिन्दू जनजागृति समिति एवं स्थानीय संस्था-संगठनों की ओर से चिपळुण में बाढ पीडितों को खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है ।

भीषण रेल दुर्घटना में भी केवल गुरुकृपा से रक्षा होने के विषय में श्री श्याम राजंदेकर की अनुभूति

भीषण रेल दुर्घटना में भी केवल गुरुकृपा से तीव्र प्रारब्ध में कैसे रक्षा होती है यह श्री श्याम राजंदेकर की अनुभूति विस्तृत में जान लेंगे |

आपातकाल में आधार देनेवाली छतवाटिका (Terrace Gardening – टेरेस गार्डनिंग) भाग २

अपने घर में घर के लिए आवश्यक सब्जी, फल उगाना संभव हो, तो क्यों न उस हेतु प्रयास करें ? इससे घर की उत्कृष्ट सब्जी भी मिलेगी, साथ ही पैसे और श्रम की भी बचत होगी । वर्तमान में जैविक अथवा प्राकृतिक खेती के अंतर्गत छत पर खेती (टेरेस गार्डनिंग) की नई संकल्पना उदित हो रही है । इस विषय

स्मृतिकार एवं गोत्रप्रवर्तक पराशर ॠषि का तपोस्थल एवं ‘पराशर ताल’

हिमाचल प्रदेश को ‘देवभूमि हिमाचल’ कहा जाता है । युग-युग से हिमाचल प्रदेश देवताओं एवं ऋषि-मुनियों का निवासस्थान रहा है । यहां वसिष्ठ, पराशर, व्यास, जमदग्नि, भृगु, मनु, विश्वामित्र, अत्री आदि अनेक ऋषियों की तपोस्थली, साथ ही शिव-पार्वती से संबंधित अनेक दिव्य स्थान हैं ।

दिल्ली के स्कूल में सनातन संस्था द्वारा ऑनलाइन प्रवचन

 रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस के अवसर पर दिल्ली के साईदुला जेब, एमबी रोड स्थित लिटिल वन पब्लिक स्कूल में सनातन संस्था द्वारा ऑनलाइन प्रवचन का आयोजन किया गया ।

आपातकाल में आधार देनेवाली छतवाटिका (Terrace Gardening) भाग-१

वर्तमान में जैविक अथवा प्राकृतिक खेती के अंतर्गत छत पर खेती (टेरेस गार्डनिंग) की नई संकल्पना उदित हो रही है । इस लेख से हम अपने घर शाक-तरकारी कैसे उगाएं ? इस विषय में जानकार लेंगे ।

अर्पणदाताओ, गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में धर्मकार्यार्थ धन अर्पण कर गुरुतत्त्व का लाभ लें !

संत तथा राष्ट्र व धर्म की रक्षा हेतु कार्य करनेवाली संस्था को दान करना, धर्मकार्य में अपना सहयोग देना है । ऐसा करने से ईश्वर की कृपा दृष्टि शीघ्र होने में सहायता मिलती है ।

वर्ष २०३० में चंद्रमा की कक्षा में परिवर्तन होने के फलस्वरूप पृथ्वी पर जलप्रलयसम परिस्थिति निर्माण होगी ! – नासा

वर्ष २०३०  में जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र में जल का स्तर बढ़ेगा और चंद्रमा अपनी वर्तमान कक्षा से सरकेगा । अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एक प्रतिवेदन के अनुसार  इससे विनाशकारी बाढ़ आने की संभावना है।