सामाजिक माध्यमों द्वारा श्रीगणेश के नाम पर पारपत्र प्रसारित कर श्रीगणेश का अनादर !

‘भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी को श्रीगणेश का आगमन होगा’, इस संकल्पना पर श्रीगणेश का चित्रयुक्त पारपत्र (पासपोर्ट) सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित कर श्रीगणेश का अवमान किया गया । इस पारपत्र पर भाग्यनगर (हैद्राबाद) पारपत्र कार्यालय की मोहर एवं पारपत्र प्रदान अधिकारी पी. कृष्णा चार्या का नाम एवं हस्ताक्षर हैं । यह पारपत्र विनोद के रूप में सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित किया गया है ।

देहली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन.सी.आर्.) में ‘ऑनलाईन’ प्रवचन एवं सामूहिक नामजप का आयोजन !

सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त विद्यमान से गणेशोत्सव निमित्त एक विशेष ‘ऑनलाईन’ सत्संग का आयोजन किया गया था । इस अवसर पर सनातन की कु. टुपुर भट्टाचार्य ने श्री गणेशचतुर्थी का महत्त्व, श्री गणेश का पूजन, गणेशमूर्ति का विसर्जन कैसे करें ?

गोमूत्र की सहायता से जलप्रदूषण पर परिणामकारी उपाय !

शिवाजी विश्वविद्यालय के युवा शोधकर्ता छात्र प्रशांत सावळकर एवं ऋतुजा मांडवक ने देसी गीर गाय के मूत्र की (गोमूत्र की) सहायता से चांदी धातु का विघटन कर उससे रुपहले सूक्ष्म कण (नैनो पार्टिकल्स) तैयार किए हैं । इस शोध से यह बात सामने आई है कि ‘चांदी के यह अरबांश कण (सिल्वर नैनो पार्टिकल्स) वस्रोद्योग से बाहर निकलनेवाले अत्यंत विषैले पानी के शुद्धिकरण के लिए उपयोग किए जा सकते हैं ।

कोरोना का बुखार एवं उसके लिए किए जानेवाले आयुर्वेदीय उपचार

बुखार आना आरंभ होने पर लंघन करें (भूखे रहें), बुखार में पाचनशक्ति बढानेवाली औषधियां दें, बुखार उतरना आरंभ हो, तो समूल नष्ट होने तक औषधि दें और बुखार आना पूर्णरूप से रुकने पर विरेचन (दस्त की औषधि) दें, ऐसा बताया गया है ।

हिंद महासागर के बढते तापमान के कारण भारत में बाढ की स्थिति निर्माण हाेने की संभावना ! – संयुक्त राष्ट्र का प्रतिवेदन

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र अंतर सरकारी पैनल (आई.पी.सी.सी.) का ६ वां प्रतिवेदन ‘जलवायु परिवर्तन २०२१ – भौतिक विज्ञान आधार’ प्रकाशित कर दिया गया है।

श्रावण मास की जानकारी

अनुक्रमणिका१. नागपंचमीतिथिइतिहासनागकी महिमापूजनभावार्थनिषेध२. श्रावण पूर्णिमा (नारियल पूर्णिमा)समुद्रपूजन३. रक्षा (राखी) बंधनइतिहासभावनिक महत्त्वराखी बांधनाप्रार्थना करनाराखी के माध्यम से होनेवाला देवताओं का अनादर रोकिए !४. श्रावणी (उपकर्म एवं उपाकरण)तिथिमहत्त्वविधि करने की पद्धति५. श्रावणी सोमवार एवं शिवमुष्टिव्रतश्रावणी सोमवार (शंकर व्रत)शिवमुष्टिव्रत६. मंगलागौरी७. जरा-जीवंतिका पूजन८. हरियाली (पिठोरी अमावस्या, दीपपूजा)विधि९. हरितालिकातिथिइतिहास एवं उद्देश्यव्रत करने की पद्धति १. नागपंचमी तिथि श्रावण शुक्ल पक्ष … Read more

‘कोरोना महामारी के इस कठिन काल में समाज के लोगों को प्रेम से आधार देना’,समष्टि साधना ही है !

कुटुंब के सदस्य अथवा सगे-संबंधियों को कोरोना होने की बात सुनकर कुटुंब के अन्य सदस्यों को चिंता होने लगती है । ऐसे समय में रोगी को प्रेम से आधार देने की आवश्यकता होती है । उसे कहना चाहिए ‘तुम अवश्य ठीक हो जाओगे । भगवान तुम्हारे साथ हैं । तुम भगवान का नाम लो । कुछ भी सहायता लगेगी, तो मैं करूंगा ।’ ऐसा प्रेमपूर्वक आधार देने की नितांत आवश्यकता है’, ऐसा ध्यान में आया है ।

यज्ञयाग का मनुष्य एवं पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पडता है ! – शोध के निष्कर्ष

हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि यज्ञयाग से मनुष्य का तनाव अल्प होने के साथ-साथ वातावरण के प्रदूषण का स्तर भी न्यून होता है ।

विश्‍वयुद्ध, भूकंप इत्‍यादि विपत्तियों का प्रत्‍यक्ष सामना कैसे करें ? (भाग १)

अणुबम अर्थात क्‍या ?, उसकी तीव्रता कैसी होती है ?, उसका परिणाम और उससे बचने का प्रयास कैसे करें ?, इसकी जानकारी आज के लेख में दे रहे हैं ।

‘म्युकरमाइकोसिस’ अथवा ‘ब्लैक फंगस’ रोग के लक्षण और उस पर होमियोपैथिक औषधियों के उपचार !

‘ब्लैक फंगस’ एक प्रकार की फफूंद है तथा वह घासफूस तथा प्राणियों के गोबर के स्थान पर दिखाई देती है । इसका बीज हवा से वातावरण में फैलता है और श्‍वास द्वारा हमारी नाक में जाता है । हमारी प्रतिरोधक शक्ति अच्छी हो, तो हमारे शरीर पर उसका परिणाम नहीं होता ।