कुमकुम अथवा गंध लगाने की कुछ पद्धतियां एवं उनका आध्यात्मिक महत्त्व

अधिकांश हिन्दू स्त्रियां एवं कुछ पुरुष माथे पर कुमकुम अथवा गंध लगाते हैं । उनकी लगाने की पद्धति प्रांत अथवा संप्रदाय अनुसार भिन्न होती है । स्त्रियों एवं पुरुषों का माथे पर कुमकुम अथवा गंध लगाने का आध्यात्मिक महत्त्व आगे दिएनुसार है ।

नि:शुल्क; परंतु बहुमूल्य आयुर्वेदीय औषधियां : सेमल के फूल एवं मक्के के भुट्टे के केश (बाल)

पुणे के श्री. अरविंद जोशी नामक एक सद्गृहस्थ हैं जो विविध भारतीय उपचारपद्धतियों का अभ्यास करनेवाले हैं । उन्होंने अपनी शोध वृत्ति से इन फूलों का औषधीय गुणधर्म ढूंढा और अनेकों को उससे लाभ हुआ । उनके पास इसके अनेक उदाहरण हैं । उनका एक लेख पढकर मैंने भी कुछ रोगियों को ये फूल दिए, तो ध्यान में आया कि उन्हें भी बहुत लाभ हुआ है ।

जयपुर, राजस्थान के धर्माभिमानी और शिवभक्त श्री. वीरेंद्र सोनी (आयु ८६ वर्ष) संतपद पर विराजमान !

दोपहर १२ बजे ‘उच्च कोटि के संत घर आएंगे’, इस विचार से सोनी परिवार ने भावभक्ति से तैयारियां कीं । श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने उनके घर पहुंचने पर श्री. वारिद सोनी और उनके पिता श्री. वीरेंद्र सोनी के साथ कैलाश से लाए गए शिवलिंग की आरती की । आरती के निमित्त से छायाचित्र और चित्रीकरण आरंभ किया गया ।

आपातकालीन परिस्थिति उत्पन्न होने पर मानसिक समस्याओं पर कुछ उपाययोजना

मन अस्थिर होना, तनाव आना, चिंता लगना, भय लगना, परिस्थिति न स्वीकार पाना इत्यादि कष्ट होते हैं । अनेक लोगों को भविष्यकाल में संभाव्य आपत्तियों की कल्पना से भी ऊपर दिए गए कष्ट होते हैं । इसके साथ ही सगे-संबंधियों में भावनिकदृष्टि से अटकना होता है

रामनाथी (गोवा) सनातन आश्रम के ध्यानमंदिर में अनेक देवी-देवता होने का विश्लेश्ण

सनातन के आश्रम में २५० से अधिक साधक साधना कर रहे हैं । जितने व्यक्ति, उतनी प्रकृति, उतने साधनामार्ग इस साधना के अन्य एक मूलभूत तत्त्व के अनुसार आश्रम में साधना कर रहे अनेक साधकों में से प्रत्येक के उपास्यदेवता अलग-अलग हो सकते हैं ।

दंगलसदृश भीषण परिस्थिति का सामना करना संभव हो, इस उद्देश्य से स्वयंसूचना देकर अपना मनोबल बढाएं !

ऐसे समय पर सर्वत्र विध्वंस होना, आग लगना, गली-गली मृतदेहें पडी होना, ऐसी स्थिति सर्वत्र दिखाई देती है । ऐसी घटना देखकर अथवा सुनकर अनेकों का मन अस्थिर होना, तनाव आना, चिंता लगना, भय लगना, परिस्थिति न स्वीकार पाना इत्यादि कष्ट होते हैं ।

सनातन का ‘घर-घर रोपण’ अभियान

आजकल बाजार में मिलनेवाले हरी सब्जियां, फल इत्यादि पर हानिकारक रसायनों के फव्वारे किए जाते हैं । ऐसी सब्जियां एवं फल खाने से प्रतिदिन विषैले पदार्थ हमारे पेट में जाते हैं । इससे रोग होते हैं । साधना के लिए शरीर स्वस्थ रखना आवश्यक है ।

छोटे बच्चों की रोगप्रतिरोधक शक्ति में वृद्धि होने हेतु आयुर्वेद के निम्न उपचार करें !

प्रत्येक अभिभावक के मन में छोटे बच्चों की रोगप्रतिरोधक शक्ति बढाने के विषय में जिज्ञासा रहती है । रोगप्रतिरोधक शक्ति अच्छी रहने के लिए शरीर का बल और पाचनशक्ति उत्तम होना आवश्यक है ।

ब्रह्मतेज की धधकती ज्वाला शांत हुई ! – सनातन संस्था

छत्रपति शिवाजी महाराज की चरित्रगाथा अस्खलित शैली में लेखन और वक्तृत्व द्वारा प्रस्तुत करनेवाले शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे के निधन के कारण ब्रह्मतेज की धधकती ज्वाला शांत हुई है ।