सनातन संस्‍था पर प्रतिबंध लगाने की मांग दुर्भाग्‍यजनक

विधानसभा में भाजपा विधायक मंगलप्रभात लोढा गरजे रजा अकादमी पर प्रतिबंध क्‍यों नहीं लगाया जाता ? ‘जो हिन्‍दू हित की बात करेगा, वही देश पर राज करेगा !’ – विधायक मंगलप्रभात लोढा का विधानभा में नारा   सनातन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करनेवालों का मुंह-तोड खंडन करनेवाले विधायक मंगलप्रभात लोढा का आभार ! – … Read more

बाबा वेंगा की वर्ष २०२२ के लिए भविष्यवाणी !

वैश्विक तापमान बढने का परिणाम भारत पर भी होने वाला है । इस कारण देश के अनेक भागोें का तापमान लगभग ५० अंश सेल्सियस के आसपास पहुंचेगा ।

सनातन पर लगाए आरोप झूठे एवं राजनीतिक हेतु से प्रेरित ! – सनातन संस्था

महाराष्ट्र राज्य के पर्यावरणमंत्री मा. आदित्यजी ठाकरे को मिली धमकियों का सनातन संस्था तीव्र शब्दों में निषेध करती है । हम ऐसी धमकी देनेवाले दोषियों पर कठोर कारवाई करने की मांग करते हैं;…

हिन्‍दू राष्‍ट्र की स्‍थापना वर्ष २०२५ तक होगी ! – परात्‍पर गुरु डॉ. आठवलेजी

पूर्वानुमान से संतों ने बताया हुआ आपातकाल भले ही आगे गया हो, तब भी उसका आरंभ कभी भी हो सकता है । कोरोना जैसी महामारी के माध्यम से हमने इसका अनुभव लिया ही है । तीसरे विश्वयुद्ध का आरंभ कभी भी हो सकता है । इसलिए साधक आपातकाल की तैयारी जारी रखें ।

विश्वयुद्ध, भूकंप आदि आपदाओं का प्रत्यक्ष सामना कैसे करें ? (भाग ४)

इस लेख में भूकंप के विषय में जानकारी दी गई है । भूकंप आने से पहले की जानेवाली कुछ तैयारियां, प्रत्यक्ष भूकंप आए तो क्या करना है और भूकंप होने पर क्या करें, इसकी जानकारी दी गई है ।

रासायनिक, जैविक और प्राकृतिक कृषि में अंतर !

आपातकाल में रासायनिक अथवा जैविक खाद उपलब्ध होना कठिन है । प्राकृतिक कृषि पूर्णतः स्वावलंबी कृषि है तथा आपातकाल के लिए, साथ ही सदैव के लिए भी अत्यधिक उपयुक्त है ।

विश्‍वयुद्ध, भूकंप आदि आपदाओं का प्रत्‍यक्ष सामना कैसे करें ? (भाग ३)

जैविक अस्‍त्रों द्वारा होनेवाले आक्रमण – ‘जैविक अस्‍त्र’ क्‍या है ?
मनुष्‍य, पशु तथा फसल पर बीमारी फैलाने हेतु उपयोग में लाए जानेवाले सूक्ष्म जीवाणुओं अथवा विषाणुओं को ‘जैविक अस्‍त्र’ कहते हैं । पशुओं का संक्रामक रोग (एंथ्रेक्‍स), ग्रंथियों का रोग (ग्‍लैंडर्स), एक दिन छोडकर आनेवाला ज्‍वर (ब्रुसेलोसिस), हैजा (कॉलरा), ‘प्‍लेग’, ‘मेलियोआइडोसिस’ इत्‍यादि रोगों के जीवाणुओं एवं विषाणुओं का उपयोग ‘जैविक अस्‍त्र’ के रूप में किया जाता है ।

नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित करने के पश्चात राजकीय स्तर पर बहुत उतार-चढाव होने से वहां की जनता ने अनुभव की भयावह आपातकालीन स्थिति !

२०.९.२०१५ को नए संविधान के अनुसार नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र्र घोषित किया गया । नया संविधान स्वीकारने के पश्चात राजकीय स्तर पर बहुत उतार-चढाव हुए और अब भी हो रहे हैं । अनाज और औषधियों से लेकर औद्योगिक साहित्य तक नेपाल भारत पर ही निर्भर है ।

भोलापन, प्रीति और उत्कट राष्ट्र तथा धर्म प्रेम से युक्त फोंडा, गोवा के सनातन के संत पू. लक्ष्मणजी गोरेजी के सम्मान समारोह के प्रमुख सूत्र

६ दिसंबर २०२१ के दिन भोलापन, प्रीति और उत्कट राष्ट्र तथा धर्म प्रेम से युक्त फोंडा, गोवा के सनातन के ८० वर्षीय साधक श्री. लक्ष्मण गोरे सनातन के ११४ वें व्यष्टि संतपद पर विराजमान हुए । श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने पू. गोरेजी के संतत्व के विषय में परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का संदेश पढकर सुनाया ।