जीवामृत : सुभाष पाळेकर प्राकृतिक खेतीतंत्र का ‘अमृत’ !

‘पद्मश्री’ पुरस्कारप्राप्त सुभाष पाळेकर ने ‘सुभाष पाळेकर प्राकृतिक कृषितंत्र’ की खोज की । आज भारत सरकार ने इसका अनुमोदन कर इस तंत्र का प्रसार करने का निश्चय किया है । इस कृषितंत्र में ‘जीवामृत’ नामक पदार्थ का उपयोग किया जाता है ।

बाजार में मिलनेवाली किसी भी प्रकार की खाद का उपयोग न कर जीवामृत का उपयोग कर उपजाऊ मिट्टी कैसे बनाएं ?

सूखी घास, विघटनशील कचरा, पत्तों का कचरा, नारियल की शिखाएं, रसोईघर का गीला कचरा, इन सभी का विघटन कर हम पेडों के लिए आवश्यक ‘उपजाऊ मिट्टी’ बना सकते हैं ।

सनातन संस्था द्वारा निर्धन बच्चों को सनातन की ‘संस्कार बहियों’ और ग्रंथों का निःशुल्क वितरण

सनातन संस्था द्वारा समय-समय पर समाजोपयोगी उपक्रम चलाए जाते हैं । बच्चों में व्यक्तित्व का विकास हो और अध्ययन में उन्हें सहायता मिले; इस दृष्टि से इन ग्रंथों का वितरण किया गया ।

कोरोना के लिए उपयुक्त औषधियां

यदि ऑक्सीजन की मात्रा कम हो तो, आरंभ में कार्बोवेज २०० की २ बूंदें हर २ घंटे में और बाद में २ बूंदें दिन में ३ बार लें । आरंभ में ऐस्पिडोस्पर्मा Q की १० बूंदें पाव कप पानी में हर २ घंटे में और बाद में दिन में १० बूंदें ३ बार लें । ये दोनों औषधियां लें ।

कुटुंब के व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव’ होते हुए श्री. अतुल देव को नामजप एवं गुरुकृपा के संदर्भ में हुई अनुभूति

साधकों में साधना की गंभीरता टिकी रहे, इस हेतु संत निरंतर भान करवाते रहते हैं । ‘काल अपना मुंह खोले निगलने के लिए खडा है और प्रारब्ध का पहाड सिर पर है’, इस संतवचन की प्रचीति कोरोना महामारी के रूप में आए आपातकाल में मुझे कुछ मात्रा में अनुभव हुई । इस विषय में गत २ माह की अवधि में आए अनुभव यहां दिए हैं ।

पति को ’कोरोना विषाणु’का संसर्ग होने के उपरांत श्रीमती भक्ती भिसे को हुए अनुभव एवं अनुभूतियां !

पति श्री. नित्यानंद की ‘कोरोना विषाणु’ की जांच की गई । जांच की रिपोर्ट आने पर पता चला कि उन्हें कोरोना हुआ है । तब से मेरे नकारात्मक और डर के विचार बढ गए । जब उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भरती किया गया, तब मेरे मन में भय के विचार और अधिक बढ गए और मुझे असुरक्षित लगने लगा ।

समर्थ रामदास स्वामी का प्रवृत्तिवाद के विषय में मार्गदर्शन

मनुष्य पहले अपना व्यवहार भली-भांति करे और फिर परमार्थ का विचार करे । हे विवेकी जन ! इसमें आलस न करना । प्रपंच को अनदेखा कर यदि तुम परमार्थ साधने का प्रयत्न करोगे, तो तुम्हें कष्ट होगा । यदि तुम प्रपंच और परमार्थ दोनों ठीक से करोगे, तब तुम विवेकी कहलाओगे ।

छत्रपति संभाजी महाराज का बलिदानदिन और हिन्दू नववर्षारंभ दिन ‘चैत्रप्रतिपदा’ (गुढीपाडवा) का एक-दूसरे से संबंध नहीं !

छत्रपति संभाजी महाराज का बलिदानदिन और हिन्दू नववर्षारंभ दिन चैत्रप्रतिपदा एक-दूसरे से लगकर आते हैं । वर्ष २०१३ में महाराष्ट्र राज्य के खानदेश और मराठवाडा में कुछ जातिवादियों ने कहा कि चैत्रप्रतिपदा के दिन गुढी (बांस अथवा लाठी पर उलटा टांगा गया कलश) खडी करने से छत्रपति संभाजी का अपमान होता है । इसलिए, उन्होंने वहां के हिन्दुओं को ऐसा नहीं करने दिया और जिन्होंने गुढी खडी की थी, उसे नीचे खींच दिया ।

सुपर मार्केट और किराना दुकानों में वाइन विक्रय का निर्णय महाराष्ट्र की संस्कृति को कालिख पोतनेवाला !

महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही निर्णय लिया है कि सुपर मार्केट और किराना दुकानों मेें वाइन का विक्रय कर सकते हैं । इस समाजघाती निर्णय की सनातन संस्था सार्वजनिक रूप से निंदा करती है ।

ब्राह्ममुहूर्त पर उठने के ९ लाभ !

ब्राह्ममुहूर्त यह सवेरे ३.४५ से ५.३० तक ऐसे दो घंटों का होता है । इसे रात्रि का ‘चौथा प्रहर’ अथवा ‘उत्तररात्रि’ भी कहते हैं । इस काल में अनेक बातें ऐसी होती रहती हैं कि जो दिनभर के काम के लिए लगनेवाली ऊर्जा करती हैं । इस मुहूर्त पर उठने से हमें एक ही समय पर ९ लाभ मिलते हैं ।