रसोईघर कैसा हो ?
अन्न खुला न रखें, अन्न को ढककर रखें । स्थूलरूप से अन्न की रक्षा हेतु, अन्न में कोई जीव-जंतु न जाए आदि कारणों से हम उसे ढककर रखते हैं । स्थूल के साथ सूक्ष्मरूप से भी अन्न की रक्षा हो, इसके लिए उ से ढकना आवश्यक है ।
अन्न खुला न रखें, अन्न को ढककर रखें । स्थूलरूप से अन्न की रक्षा हेतु, अन्न में कोई जीव-जंतु न जाए आदि कारणों से हम उसे ढककर रखते हैं । स्थूल के साथ सूक्ष्मरूप से भी अन्न की रक्षा हो, इसके लिए उ से ढकना आवश्यक है ।
आठ गुप्ततर योगिनी मुख्य देवताके नियंत्रणमें विश्वका संचलन, वस्तुओंका उत्सर्जन, परिणाम इत्यादि कार्य करते हैं । ‘संधिपूजा’ नामक एक विशेष पूजा अष्टमी एवं नवमी तिथियोंके संधिकालमें करते हैं ।
अनुक्रमणिका१. अर्थ, कुछ अन्य नाम एवं रूपअ. अर्थआ. कुछ अन्य नामइ. तारक एवं मारक रूप :२. निर्मिति व निवासअ. निर्मितिआ. निवासइ. सरस्वतीलोक की विशेषताएं३. श्री सरस्वतीदेवी के कोप से कष्ट एवं नरकप्राप्ति होनाअ. श्री सरस्वतीदेवी की अवहेलना करनेवालों को एवं दुष्कृत्य करनेवालों को विद्या एवं कला प्राप्त न होना, आत्मज्ञान न होना तथा नरकप्राप्ति होनाआ. … Read more
दिल्ली – दिल्ली में २१.०४.२०२२ को महाराष्ट्र के वनिता समाज में सनातन संस्था की ओर से ग्रंथ व वस्तु प्रदर्शनी लगाई गई । मराठी समाज की ओर से चैत्रोत्सव के अवसर हलदी – कुमकुम का कार्यक्रम था व अलंकार के संदर्भ में भी कार्यक्रम में बताया गया । ग्रंथ प्रदर्शनी का लाभ लगभग ४० महिलाओ … Read more
7 अप्रैल को संसदीय राजभाषा समिति की 37वीं बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री श्री. अमित शाह ने ”हिन्दी अंग्रेजी का विकल्प हो सकती है और हिन्दी देश की आधिकारिक भाषा हो सकती है”, ऐसा वक्तव्य दिया था । तमिलनाडु में इस वक्तव्य का राजनीतिक विरोध हुआ । तमिलनाडु भाजपा ने भी श्री. शाह का यह वक्तव्य अमान्य घोषित किया ।
प्रस्तुत लेख में पारिजातक, बेल, खस, अश्वगंधा, गेंदा, उपलसरी (सारिवा अथवा अनंतमूल), जैसी कुछ महत्त्वपूर्ण औषधि वनस्पतियों का महत्त्व, पहचान एवं घरेलु स्तर पर रोपण करने की पद्धति के विषय में जानकारी दी है ।
प्रस्तुत लेख में ब्राह्मी, वेखंड, शतावरी, हलदी, नीम, जैसी कुछ महत्त्वपूर्ण औषधि वनस्पतियों का महत्त्व, पहचान एवं घरेलु स्तर पर रोपण करने की पद्धति के विषय में जानकारी दी है ।
प्रस्तुत लेख में पर्णबीज, माका, गुडहल, पुनर्नवा, जैसी महत्त्वपूर्ण औषधीय वनस्पतियों का महत्त्व, पहचान तथा घरेलु स्तर पर रोपण कैसे करें ?, इस विषय में जानकारी दी है ।
निर्गुंडी, सहजन, हरी चाय, दूर्वा (दूब), पानबेल (पान के पत्तों की बेल), अपामार्ग इन वनस्पतियों का महत्त्व, पहचान तथा राेपण करने की पद्धति के विषय में जान लेंगे ।
औषधि वनस्पतियों की संख्या अगणित है । ऐसे समय पर कौन-सी वनस्पति लगाएं ? ऐसा प्रश्न निर्माण हो सकता है । प्रस्तुत लेख में कुछ महत्त्वपूर्ण औषधि वनस्पतियों का घरेलु स्तर पर रोपण कैसे करें ?, इस विषय में जानकारी दी है । ये वनस्पतियां रोपण करने के लगभग ३ महिने पश्चात औषधियों के रूप में उपयोग में लाई जा सकती हैं ।