अरेयूरु (कर्नाटक) के श्री वैद्यनाथेश्वर शिव के दर्शन लेने के उपरांत श्रीचित्‌‌शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ को हुई अनुभूतियां !

आपातकाल आरंभ होने से साधकों को वैद्यनाथ शिवजी का आशीर्वाद आवश्यक है; इसलिए सप्तर्षियों ने श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ को गुरुपूर्णिमा के दिन श्री वैद्यनाथेश्वर मंदिर भेजा है’, ऐसा मुझे लगा ।

समीर गायकवाड के बंदी बनाए जाने के प्रकरण में जानकारी देनेवाले पुलिस अधिकारी संजय कुमार, श्री तुळजाभवानी मंदिर घोटाले के प्रकरण में मौन क्यों ? – सनातन संस्था

अपर पुलिस महानिदेशक संजय कुमार ने 20 सितंबर 2017 को करोडों हिंदू भक्तों की आस्था से संबंधित श्री तुलजाभवानी मंदिर संस्थान में करोडों रुपये के घोटाले की जांच रिपोर्ट गृह विभाग को सौंपी, किन्तु जनता को इस संवेदनशील विषय के बारे में सूचित नहीं किया । दूसरी ओर,…

आनंदी जीवन के लिए आयुर्वेद समझ लें !

जागतिक आरोग्य संगठन की भी आरोग्यविषयी व्याख्या केवल ‘रोग न होना अर्थात आरोग्य’ ऐसी न होकर, अपितु उसमें दैवीय उपायों का समावेश है । इसमें मंत्रोपचार भी आता है । कुछ असाध्य रोग तीव्र प्रारब्ध के कारण होते हैं । व्यक्ति को असाध्य रोग होना, यह उसके गत कुछ जन्मों के पापकर्म का फल भी होता है ।

बादल फटना क्या है ? और वह कैसा था ?

ये मेघ (बादल) गरजते हुए आंधी-तूफानी वर्षा लेकर आते हैं । इन बादलों का नाम ‘कुमुलोनिम्बस’ है । यह ‘लैटिन’ शब्द है । ‘क्युम्युलस’ अर्थात एकत्र होते जानेवाले और ‘निम्बस’ अर्थात बादल । संक्षेप में, अत्यंत वेग से एकत्र होते जानेवाले वर्षा के बादल, यह प्रारंभ होता है ।

भीषण आपातकाल की तीव्रता, उसका स्वरूप एवं ईश्वर से मिलनेवाली सहायत, इस विषय में प्राप्त सूक्ष्मज्ञान

कुछ त्रिकालदर्शी (द्रष्टा) संत, परात्पर गुरु डॉक्टर आठवले एवं भविष्यवेत्ता अनेक वर्षाें से जिस भीषण आपातकाल के विषय में बता रहे थे, उसका आरंभ हो चुका है ।

परात्पर गुरुदेव डॉ. आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष में दिल्ली में स्वच्छता अभियान

प.पू. गुरूदेव जी की कृपा से कल दिनांक 18 मई2022 को परात्पर गुरुदेव डॉ. आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष में रघुनाथ मंदिर, कालंकाजी, अलकनंदा , नई दिल्ली में मनोती माँगने तथा प्रार्थना उपक्रम किया गया जिसमें सनातन संस्था की साधिका श्रीमती मंजुला कपूर, साधना सत्संग के जिज्ञासु तथा वाचक ने सहभाग लिया । उपस्थित  जिज्ञासुओ … Read more

श्रवणभक्ति द्वारा संगीत का स्वाद चखनेवाले रसिक भक्त खरे अर्थ में जीवनमुक्त हो सकता है !

भगवान के प्रति उत्कट भाव जागृत होने के कारण संतों द्वारा स्वच्छंद रचे हुए ‘अभंग’ ये उत्स्फूर्तता से होनेवाली कला के आविष्कार का मूर्त अथवा साकार उदाहरण है ।

चीनी कपूर के दुष्परिणाम !

गत कुछ दिनों से सामाजिक माध्यमों से चीनी कपूर के वृक्षों के विषय में वेग से संदेश फैलाया जा रहा है । वैसे तो कपूर से सभी परिचित हैं; परंतु ‘वह कहां मिलता है ? कैसे निर्माण होता है ?’ इस विषय में अनेक लोगों को पता नहीं । ‘कपूर के पेड अपने आसपास आधा किलोमीटर परिसर तक की हवा शुद्ध करते हैं’, ऐसी अशास्त्रीय जानकारी सामाजिक जालस्थलों के माध्यम से फैलाई जा रही है ।

घर के घर में ही पौधों की निर्मिति कर रोपण कैसे करें ?

किसी पेड अथवा पौधे से नया रोप तैयार करने के लिए यह जानना महत्त्वपूर्ण है कि उस पेड का कौनसा भाग उपयोगी है । कुछ पौधे टहनियों से, कुछ बीजों से, कुछ जडों से, तो कुछ पत्तों से किए जा सकते हैं ।