क्षात्र एवं ब्राह्म तेज की हुंकार देनेवाली सातारा की भव्य ‘हिन्दू एकता फेरी’ !

सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी सनातन धर्म का प्रसार एवं हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के ध्येय की दिशा में कार्यरत अवतारी पुरुष हैं । उनके ८० वें जन्मोत्सव के निमित्त सातारा में २४ मई को भव्य ‘हिन्दू एकता फेरी’ निकाली गई । फेरी का शुभारंभ शंखनाद से हुआ । फेरी निर्विघ्नरूप से संपन्न होने के लिए भगवान श्रीकृष्ण एवं सातारा शहर के….

भगवान श्रीगणेश की सांगली में ‘हिन्दू एकता फेरी’ के निमित्त डेढ सहस्र हिन्दुओं की एकता की हुंकार !

श्रीगणेश की सांगली में ‘जय श्रीराम’, ‘जयतु जयतु हिन्दुराष्ट्रम’, ‘हिन्दू धर्म की जय’, इन नारों के साथ मार्गक्रमण करती अत्यंत अनुशासित एवं हिन्दू एकता की हुंकार देनेवाली हिन्दू एकता फेरी ने सांगलीवासियों का मन जीत लिया ।

६१ प्रतिशत स्तर पर माया से मुक्त हो जाते हैं, अर्थात क्या होता है, इस पर सूझे विचार एवं ६१ प्रतिशत से आगे जाने के लिए किए जानेवाले प्रयत्न

प्रस्तुत लेख में ६१ प्रतिशत प्राप्त करने और आगे जाने के लिए वास्तव में कौनसे प्रयत्न करने चाहिए, यह दिया है । उनकी दृष्टि से साधना के कौनसे सूत्र महत्त्वपूर्ण हैं, यह इस लेख से स्पष्ट होता है ।

अरेयूरु (कर्नाटक) के श्री वैद्यनाथेश्वर शिव के दर्शन लेने के उपरांत श्रीचित्‌‌शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ को हुई अनुभूतियां !

आपातकाल आरंभ होने से साधकों को वैद्यनाथ शिवजी का आशीर्वाद आवश्यक है; इसलिए सप्तर्षियों ने श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ को गुरुपूर्णिमा के दिन श्री वैद्यनाथेश्वर मंदिर भेजा है’, ऐसा मुझे लगा ।

समीर गायकवाड के बंदी बनाए जाने के प्रकरण में जानकारी देनेवाले पुलिस अधिकारी संजय कुमार, श्री तुळजाभवानी मंदिर घोटाले के प्रकरण में मौन क्यों ? – सनातन संस्था

अपर पुलिस महानिदेशक संजय कुमार ने 20 सितंबर 2017 को करोडों हिंदू भक्तों की आस्था से संबंधित श्री तुलजाभवानी मंदिर संस्थान में करोडों रुपये के घोटाले की जांच रिपोर्ट गृह विभाग को सौंपी, किन्तु जनता को इस संवेदनशील विषय के बारे में सूचित नहीं किया । दूसरी ओर,…

आनंदी जीवन के लिए आयुर्वेद समझ लें !

जागतिक आरोग्य संगठन की भी आरोग्यविषयी व्याख्या केवल ‘रोग न होना अर्थात आरोग्य’ ऐसी न होकर, अपितु उसमें दैवीय उपायों का समावेश है । इसमें मंत्रोपचार भी आता है । कुछ असाध्य रोग तीव्र प्रारब्ध के कारण होते हैं । व्यक्ति को असाध्य रोग होना, यह उसके गत कुछ जन्मों के पापकर्म का फल भी होता है ।

बादल फटना क्या है ? और वह कैसा था ?

ये मेघ (बादल) गरजते हुए आंधी-तूफानी वर्षा लेकर आते हैं । इन बादलों का नाम ‘कुमुलोनिम्बस’ है । यह ‘लैटिन’ शब्द है । ‘क्युम्युलस’ अर्थात एकत्र होते जानेवाले और ‘निम्बस’ अर्थात बादल । संक्षेप में, अत्यंत वेग से एकत्र होते जानेवाले वर्षा के बादल, यह प्रारंभ होता है ।

भीषण आपातकाल की तीव्रता, उसका स्वरूप एवं ईश्वर से मिलनेवाली सहायत, इस विषय में प्राप्त सूक्ष्मज्ञान

कुछ त्रिकालदर्शी (द्रष्टा) संत, परात्पर गुरु डॉक्टर आठवले एवं भविष्यवेत्ता अनेक वर्षाें से जिस भीषण आपातकाल के विषय में बता रहे थे, उसका आरंभ हो चुका है ।

परात्पर गुरुदेव डॉ. आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष में दिल्ली में स्वच्छता अभियान

प.पू. गुरूदेव जी की कृपा से कल दिनांक 18 मई2022 को परात्पर गुरुदेव डॉ. आठवलेजी के जन्मोत्सव के उपलक्ष में रघुनाथ मंदिर, कालंकाजी, अलकनंदा , नई दिल्ली में मनोती माँगने तथा प्रार्थना उपक्रम किया गया जिसमें सनातन संस्था की साधिका श्रीमती मंजुला कपूर, साधना सत्संग के जिज्ञासु तथा वाचक ने सहभाग लिया । उपस्थित  जिज्ञासुओ … Read more