स्थूलता (मोटापा) घटाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार
स्थूलता घटाने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करें, औषधि से मर्दन (मालिश) करें, उचित आहार के साथ औषध का सेवन भी करें । ये सब प्रयत्न करने पर शरीर में जमा अनावश्यक मेद (चरबी) घटता है ।
स्थूलता घटाने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करें, औषधि से मर्दन (मालिश) करें, उचित आहार के साथ औषध का सेवन भी करें । ये सब प्रयत्न करने पर शरीर में जमा अनावश्यक मेद (चरबी) घटता है ।
मैंने प्रथम ऐसा जप ‘कोरोना विषाणुओं’की बाधा दूर करने के लिए ढूंढा था । उसकी परिणामकारकता ध्यान में आने पर मुझे अन्य विकारों पर भी जप ढूंढने की प्रेरणा मिली । यह जप अर्थात आवश्यकतानुसार विविध देवताओं के एकत्रित जप है ।
साधना छोडकर अन्य सभी विषयों में वार्षिक परीक्षा होती है । परीक्षा के पहले केवल २ – ३ माह अध्ययन करने पर भी अनेक लोग उत्तीर्ण हो जाते हैं, जबकि साधना में प्रतिदिन, प्रत्येक क्षण परीक्षा होती है । उसमें उत्तीर्ण होना पडता है, तब ही ६१ प्रतिशत एवं उसका अगला स्तर साध्य कर सकते हैं ।
श्री रामनाथ देवस्थान, फोंडा, गोवा में दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का भावपूर्ण और उत्सापूर्ण वातावरण मे आरंभ हुआ । यह अधिवेशन १८ जूनतक चलनेवाला है तथा इस अधिवेशन में विभिन्न राज्यों से आए ४५० प्रतिनिधि उपस्थित हैं ।
हिन्दू राष्ट्र की अवधारणा को सर्वप्रथम सभी के सामने रखनेवाले सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवलेजी ने हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लक्ष्य से प्रेरित ‘हिन्दू जनजागृति समिति’ द्वारा आयोजित 10वें ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के प्रारंभ होने के अवसर पर कार्यक्रम के लिए उपस्थित हिंदुत्ववादियों को दिया प्रेरक संदेश !
दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन के द्वितीय सत्र ‘राष्ट्रीय कार्य एवं संवैधानिक सुधार’ इस विषय अंतर्गत मान्यवरों के विचार रामनाथी – ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना का (नमाज के पहले हाथ-पैर धोने का स्थान) पानी लगातार तीन दिन तक निकालने पर वहां भव्य शिवलिंग मिला । जिस समय मुझे उस भव्य शिवलिंग के दर्शन हुए, उस … Read more
‘भाद्रपद शुद्ध चतुर्थी पर मिट्टी का गणपति बनाते हैं । उसे बाएं हाथ पर रखकर वहीं उसकी ‘सिद्धिविनायक’ इस नाम से प्राणप्रतिष्ठा एवं पूजा कर तुरंत ही विसर्जन करें’
संपूर्ण शरीर को अथवा शरीर के किसी भाग को तेल लगाकर मालिश करना, इसे ‘अभ्यंग’ कहते हैं ।अभ्यंग के कारण शरीर की थकान एवं वात दूर होता है । रंग में निखार एवं कांति आने में सहायता होती है ।
परात्पर गुरुजी की शिक्षाओं पर चलना, भारत के युवा वर्ग का कर्तव्य है ! – पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैनजी, अध्यक्ष, हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस
शोभायात्राओं में शुभचिंतकों ने परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का छायाचित्र रखी पालकी का पूजन किया, तथा अनेक जिज्ञासुओं ने धर्मध्वज और पालकी पर पुष्पवर्षा की । इन शोभायात्राओं को मिला हुआ उत्स्फूर्त प्रत्युत्तर सनातन के कार्य का समर्थन करनेवाली फलोत्पत्ति ही है !