हाथसे कपडे धोते समय कमरसे क्यों झुके ?
झुककर कपडे धोनेसे नाभिचक्र निरंतर जागृत स्थितिमें रहता है । वह देहकी पंचप्राणात्मक वायु-वहनको पोषित करता है ।
झुककर कपडे धोनेसे नाभिचक्र निरंतर जागृत स्थितिमें रहता है । वह देहकी पंचप्राणात्मक वायु-वहनको पोषित करता है ।
रात्रिकालमें तमोगुण प्रबल होता है । ‘भूमिसे प्रार्थना कर ‘समुद्रवसने देवी…’ श्लोक कहकर भूमिपर पैर रखनेसे, रात्रिकालमें देहमें आवेशित कष्टदायक स्पंदन भूमिमें विसर्जित हो जाते हैं ।
दिन और रात, इन दो मुख्य कालों में से रात के समय साधना करने में हमारी शक्ति का अधिक व्यय होता है; क्योंकि इस काल में वातावरण में अनिष्ट शक्तियों का संचार बढ जाता है । इसलिए यह काल साधना के लिए प्रतिकूल रहता है ।
संध्यासमय, अर्थात् दीप जलानेके समय देवता व तुलसीके समीप दीप जलानेसे घरके चारों ओर देवताओंकी सात्त्विक तरंगोंका सुरक्षाकवच निर्माण होता है ।
उंगलियोंसे दांत स्वच्छ करते समय दांत स्वच्छ होनेके साथ ही मसूडोंका मर्दन अपनेआप होता है तथा वे स्वस्थ रहते हैं ।