गुरुपूर्णिमा के अवसर पर संतों के शुभसंदेश (2022)

भगवान की कृपा प्राप्‍त करने के प्रयास बढाएं ! – श्रीचित्‌शक्‍ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ
धर्मसंस्‍थापना हेतु स्‍वक्षमता अनुसार योगदान करें ! – श्रीसत्‌शक्‍ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळ

गुरुपूर्णिमा पूजाविधि (संपूर्ण गुरु पूजन मंत्र एवं अर्थसहित)

आषाढ पूर्णिमा अर्थात व्यासपूजन अर्थात गुरुपूर्णिमा । इस दिन ईश्वर के सगुण रूप अर्थात गुरु का मनोभाव से पूजन

अर्पणदाताओ, गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में धर्मकार्य हेतु धन अर्पित कर गुरुतत्त्व का लाभ लो !

गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में तन, मन एवं धन का अधिकाधिक त्याग कर गुरुदेवजी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर सभी को प्राप्त हुआ है । अतः जिज्ञासु एवं शुभचिंतक धर्मप्रसार का कार्य कर तथा उसके लिए धन अर्पित कर गुरुपूर्णिमा का आध्यात्मिक स्तर पर लाभ लें ।

श्रद्धा एवं भक्ति द्वारा आज भी वारी की परंपरारूपी धरोहर संजोनेवाले वारकरी !

संत ज्ञानेश्वरजी ने ज्ञानेश्वरी में ‘वारी’ यह शब्द ‘फेरा’, इस अर्थ से प्रयुक्त किया है । ‘यह वारी कब आरंभ हुई ?’, इस विषय में विद्वानों में मतभेद है । केवल इतना कहा जा सकता है कि ‘ज्ञानेश्वर महाराज ने ‘वारी’की महिमा में अत्यधिक वृद्धि की ।

आषाढी एकादशी – पंढरपुर में होनेवाला भागवतभक्तों का महासंगम

श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ एवं उनके साथ महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के साधक गुट ने एक पंढरी की वारी का एवं उसमें होनेवाले रिंगण का चित्रीकरण किया ।

पांडुरंग एवं एकादशी की महिमा !

आषाढ एवं कार्तिक माह के शुक्लपक्ष में आनेवाली एकादशी के समय श्रीविष्णु का तत्त्व पृथ्वीवर अधिक मात्रा में आने से श्रीविष्णु से संबंधित ये दो एकादशियों का महत्त्व अधिक है ।

नैसर्गिक आपत्तियों में संगठितरूप से आपत्कालीन सहायता कैसे करें ?

    अनुक्रमणिका१. आपत्तियों का सखोल अध्ययन करना आवश्यक१ अ. आपत्कालीन घटना का स्वरूप और व्याप्ति समझकर लेना१ आ. आपत्कालीन सहायताकार्य करने के विषय में प्राधान्यक्रम निश्चित करना१ इ. पूर्वतैयारी के लिए घटनास्थल की भौगोलिक स्थिति का अंदाज लेना२. आपत्कालीन सहायता करने की पद्धति३. सहायताकार्य करनेवाले स्वयंसेवकों में आवश्यक गुण और कौशल४. आपत्कालीन सहायताकार्य के … Read more

हिन्‍दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं को पू. परमात्‍माजी महाराज जी का आशीर्वाद !

हिन्‍दू राष्‍ट्र स्‍थापना के कार्य के पीछे परात्‍पर गुरु डॉ. आठवले जी की अद़्‍भुत शक्‍ति है । उनका मैं स्‍मरण करता हूं । हिन्‍दू राष्‍ट्र की स्‍थापना के लिए अखिल भारतीय हिन्‍दू राष्‍ट्र अधिवेशन का आयोजन करनेवाले हिन्‍दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताओं को मैं आशीर्वाद देता हूं । भगवान ने जो दिया है, वह सर्व हिन्‍दू राष्‍ट्र की स्‍थापना के लिए समर्पित करें ।

‘भाषसु मुख्या मधुरा दिव्या गिर्वाणभारती । ’

ऐसा कहा जाता है कि तंजावुर में विश्‍व का सबसे बडा शिलालेख इसप्रकार लिखा गया है कि सीधे पढने पर रामायण और उलटा पढने पर महाभारत !

अपने कार्य और आचरण से सबके सामने आदर्श रखनेवाली सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडये !

सनातनकी संत सदगुरु (कुमारी) स्वातीजी महाराष्ट्र के विविध जनपदों में प्रसारकार्य के लिए जाती हैं । सदगुरु (कुमारी) स्वातीजी के साथ से जो कुछ सीखा है, उसे यहां प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया है ।