श्री गणेशोपासना एवं उससे संबंधित महत्वपूर्ण सूत्र

श्री गणेशजीकी उपासनामें नामजप जैसे विविध कृत्योंका अंतर्भाव होता है । पूजनमें दूर्वा, शमी एवं मदार की पत्तियां, लाल एवं सिंदूरी रंगकी वस्तुएं; उपयोगमें लाए जाते हैं ।

पूजनमें तुलसी का महत्त्व

भगवान श्रीकृष्णजीको तुलसी प्रिय है । तुलसीमें ५० प्रतिशत कृष्णतत्त्व होता है । जीवको इन तरंगोंका व्यावहारिक एवं आध्यात्मिक दोनों स्तरोंपर लाभ होता है ।

नारियल पूर्णिमा

नारियल पूर्णिमा प्राकृतिक परिवर्तनपर आधारित त्यौहार है । वर्षाकालके आरंभमें प्रथम दो महीने समुद्री व्यापार अथवा समुद्री-यात्रा करना संभव नहीं होता है । परंतु श्रावण पूर्णिमाके कालमें वर्षाका परिमाण घटता है ।

रक्षाबंधन

रक्षाबंधन अर्थात राखीका त्यौहार । यह भाई-बहनका त्यौहार है । यह त्यौहार श्रावण पूर्णिमाके दिन मनाया जाता है ।

श्रावण मास का व्रत – श्रावण साेमवार

श्रावण मास कहते ही व्रतोंका स्मरण होता है । उपासनामें व्रतोंका महत्त्व अनन्यसाधारण है । सामान्य जनोंके लिए वेदानुसार आचरण करना कठिन है । इस कठिनाईको दूर करनेके लिए पुराणोमें व्रतोंका विधान बताया गया है ।

नवरात्रीके विविध विधी

जगत्‌का पालन करनेवाली जगत्पालिनी, जगदोद्धारिणी मां शक्तिकी उपासना हिंदु धर्ममें वर्ष में दो बार नवरात्रिके रूपमें, विशेष रूपसे की जाती है ।

शारदीय नवरात्र

नवरात्रिकी कालावधिमें महाबलशाली दैत्योंका वध कर देवी दुर्गा महाशक्ति बनी । जगत्‌का पालन करनेवाली जगत्पालिनी, जगदोद्धारिणी मां शक्तिकी उपासना हिंदु धर्ममें विशेष रूपसे की जाती है ।

चातुर्मास का महत्त्व

चातुर्मासमें किए जानेवाले व्रतोंके कारण व्यक्तिके साथ साथ वायुमंडलकी सात्त्विकता भी बढती है । इस सात्त्विकताके प्रभावसे अनिष्ट शक्तियोंके आक्रमणकी तीव्रता घट जाती है ।

एकादशी

कालमाहात्म्यानुसार ज्येष्ठ शुक्ल एकादशीके दिन निर्जला व्रत करनेसे वर्षकी सभी एकादशी करनेका फल प्राप्त होता है । एकादशीका महत्त्व, एकादशी व्रतपालन करते समय ध्यान रखने योग्य कुछ निषेध कृत्य इसके बारेमें हम जानेंगे ।

आषाढी एकादशी

एकादशी यह भगवान श्रीविष्णुजीकी तिथि है ।एकादशी व्रत करनेसे, कार्यक्षमतामें वृद्धि होना, आयुवृद्धि होना एवं आध्यात्मिक उन्नति शीघ्र होनेमें सहायता मिलना ।