घटस्थापना के विधिओं का शास्रीय आधार तथा उनका आध्यात्मिक परिणाम
नवरात्रिके प्रथम दिन घटस्थापना करते हैं । घटस्थापना करना अर्थात नवरात्रिकी कालावधिमें ब्रह्मांडमें कार्यरत शक्तितत्त्वका घटमें आवाहन कर उसे कार्यरत करना ।
नवरात्रिके प्रथम दिन घटस्थापना करते हैं । घटस्थापना करना अर्थात नवरात्रिकी कालावधिमें ब्रह्मांडमें कार्यरत शक्तितत्त्वका घटमें आवाहन कर उसे कार्यरत करना ।
जालस्थलमें उपयोग की गर्इं कुछ आध्यात्मिक परिभाषाओंका अर्थ : आध्यात्मिक उपाय, काली शक्ती, सूक्ष्म इत्यादी ।
असली एवं नकली रुद्राक्षकी विशेषताआेंको समझने हेतु रुद्राक्षके लाभ, असली एवं नकली रुद्राक्षकी विशेषताएं तथा अंतर आदिके बारेंमें प्रस्तूत लेखद्वारा अवगत कराया गया है।
गुरु ईश्वरके सगुण रूप होते हैं । उन्हें तन, मन, बुद्धि तथा धन समर्पित करनेसे उनकी कृपा अखंड रूपसे कार्यरत रहती है ।
गुरुदेव वे हैं, जो साधना बताते हैं, साधना करवाते हैं एवं आनंदकी अनुभूति प्रदान करते हैं । गुरुका ध्यान शिष्यके भौतिक सुखकी ओर नहीं, अपितु केवल उसकी आध्यात्मिक उन्नतिपर होता है ।
हिंदूओंमें धर्मनिष्ठा एवं राष्ट्रनिष्ठा बढे, उन्हें संगठित करनेमें सहायता हो, लोकमान्य तिलकने इस उदात्त हेतु सार्वजनिक गणेशोत्सव आरंभ किया; परंतु आजकल सार्वजनिक गणेशोत्सवोंमें होनेवाले अनाचार एवं अनुशासनहीनताके कारण उत्सवका मूल उद्देश्य विफल होनेके साथ उसकी पवित्रता भी नष्ट होती जा रही है । ‘सार्वजनिक श्रीगणेशोत्सव कैसा न हो तथा कैसा हो’, आगे दिए सूत्रोंसे इसकी जानकारी हो सकती है ।
शौच एवं लघुशंका जैसी कृति करते समय पैरके संपर्कमें आई रज-तमात्मक तरंगोंका पैर धोनेसे जलमें विसर्जन होता है तथा देह शुद्ध हो जाता है । हाथ-पैर धोना तथा कुल्ला करनेके संदर्भमें आचारके संदर्भमें देखते है…
‘हिन्दू धर्म की रक्षा करना प्रत्येक हिन्दू का पहला कर्तव्य कैसे है’ इस विषय में तथा एक ‘हिन्दूू होने के नाते हम धर्मरक्षा के लिए क्या-क्या कर सकते हैं’, यह इस लेख से समझने का प्रयास करेंगे ।
प्रभु श्रीराम की जीवन हम सभी को हर स्थिति में कैसे रहना है, इसका संदेश देती है । प्रभु श्रीराम स्वयं भगवान विष्णु के अवतार थे ।