तनावमुक्ति हेतु दुर्गुण निकाले और गुण बढाएं ! – श्रीमती वैदेही पेठकर, सनातन संस्था

तनाव निर्मूलन हेतु व्यक्तित्व के दोष पर प्रभाव करें ऐसा गुण बढाने की आवश्यकता है । इसलिए अध्यापक और छात्रों में इस विषय में दिशादर्शन करने का प्रयास सनातन संस्था कर रही है, ऐसा प्रतिपादन सनातन संस्था की श्रीमती वैदेही पेठकर जी ने किया ।

महान संत विसोबा खेचर का शिष्य नामदेव को सिखाना

एक बार संत नामदेव महाराजजी से पांडुरंग बोले, ‘‘तुम्हारे जीवन में सद्गुरु नहीं हैं । जब तक तुम पर सद्गुरु की कृपा नहीं होती, तब तक तुम्हें मेरे निराकार सत्य स्वरूप की पहचान नहीं होगी । तुम विसोबा खेचर से जाकर मिलो । वे महान सत्पुरुष हैं । वे तुम्हें दीक्षा देंगे ।

संतश्रेष्ठ ज्ञानेश्वर महाराज एवं संत नामदेव !

संत नामदेव समान प्रिय भक्त की संगत (सत्संग) सभी को मिले; इसलिए ज्ञानेश्वर महाराजजी ने स्वयं पंढरपुर में आकर नामदेव की भेंट ली और वे उनके साथ तीर्थयात्रा के लिए निकले ।

साधना कर गुरुकृपा से अल्प समय में समाधानी एवं आनंदी होनेवाले साधक !

सनातन संस्था में साधना करनेवाला साधक प.पू. डॉक्टरजी के कारण कितना भाग्यवान है, इसकी कल्पना आई; कारण सनातन संस्था के मार्गदर्शनानुसार साधना करनेवाले साधक को भी कुछ महीनों में ही उनके जीवन की सर्व समस्याओं के कारण एवं हमें क्या करना चाहिए, यह समझ में आता है ।

मनुष्यजन्म का महत्त्व ध्यान में लेकर मनःशांति पाएं !

अमेरिका अथवा पश्चिमी देश आर्थिकदृष्टि से भले ही कितने भी समृद्ध हो गए हों, तब भी उन देशों के लोगों को शांति है क्या ? उन देशों में चोरियां-डाके, धोखाधडी बंद हुई है क्या ? धनसंपन्नता का अर्थ शांति नहीं । क्या धनाढ्य व्यक्ति शांति से सो सकता है ?

अनेक विकारों पर औषधि : पान का बीडा

भारतीय संस्कृति में अनमोल ‘पान’, अर्थात खाने का ‘पान’ अर्थात बीडा । आयुर्वेदानुसार एवं व्यवहारानुसार इसके गुण-दोष हम देखेंगे ।

महर्षि द्वारा सप्तर्षि जीवनाडीपट्टी से आपातकाल एवं तीसरे महायुद्ध के विषय में साधकों को जागृत करना

गत कुछ वर्षाें से भारतभूमि के संत-महात्मा, सिद्धपुरुष, ज्योतिष्यशास्त्र के जानकार, नाडीपट्टीवाचक एवं कुछ द्रष्टाओं ने ‘वर्ष २०२० से वर्ष २०२५, यह काल कितना भयावह होनेवाला है’, इसके संकेत दिए हैं ।

संपूर्ण नागपंचमी पूजन विधि – मंत्र एवं अर्थ सहित

‘अपने कुटुंबियों की नागभय से सदासर्वकाल मुक्ति हो, इसके साथ ही नागदेवता का कृपाशीर्वाद प्राप्त हो’, इस हेतु प्रति वर्ष श्रावण शुक्ल पक्ष पंचमी को अर्थात नागपंचमी को नागपूजन किया जाता है ।

धर्मनिष्ठ समाज निर्मिति के लिए ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सवों’में सम्मिलित होइए ! – सनातन संस्था का आवाहन

इसके साथ ही 9 भाषाओं में ‘गुरुपूर्णिमा महोत्सव’ सनातन संस्था के ‘यू-ट्यूब चैनल्स’ पर प्रसारित किया जाएगा । गुरुपरंपरा का महत्त्व समाजमन पर अंकित करने, समाज को साधना के लिए प्रेरित करने तथा धर्मनिष्ठ समाज की निर्मिति के लिए गुरुपूर्णिमा में सम्मिलित होइए, ऐसा आवाहन सनातन संस्था द्वारा किया गया है ।