श्रीराम की इच्छा बिना कुछ भी नहीं होता, इसकी साधकों को अनुभूति देनेवाले श्रीब्रह्मचैतन्य गोंदवलेकर महाराज !

श्रीब्रह्मचैतन्य गोंदवलेकर महाराजजी का जन्म माघ शुक्ल पक्ष द्वादशी को (१९ फरवरी १८४५ को) सातारा जिले की माण तालुका गोंदवले बुद्रुक में हुआ । जन्म के समय उनका नाम गणपति रखा गया था । श्रीब्रह्मचैतन्य श्रीराम के उपासक थे । वे स्वयं को ब्रह्मचैतन्य रामदासी कहते थे ।

चरकसंहिता में गोमांस निषिद्ध ही है !

वैज्ञानिक पी.एम. भार्गव द्वारा गोमांस के विषय में किए गए वक्तव्य का प्रतिवाद वैज्ञानिक (?) पी.एम. भार्गव द्वारा किया गया वक्तव्य कि आयुर्वेद के अनुसार गोमांस अनेक व्याधियों पर समाधान !, यह वक्तव्य अर्धसत्य है । चरकसंहिता में गोमांस के गुणधर्म बताए गए हैं । १. प्राचीन समय में आयुर्वेद का अध्ययन करने से पूर्व … Read more

सनातन आश्रम, ऋषि-मुनियों का तपोस्थान !

सनातन के रामनाथी आश्रम का स्थान ऋषि-मुनियों का तपोस्थान है । मेरे आश्रम निवास में मुझे इसकी प्रतीती हो रही है । मेरे जीवन का यह काल, एक महान कार्य के लिए दिया गया है ।

टाटानगर के संत पू. विद्यानंद सरस्वतीजी का सनातन संस्था को सहयोग देने का आश्‍वासन

पू. (डॉ.) पिंगळेजीने २६.१०.१५ को टाटानगर में जूना आखाडा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्री महंत विद्यानंद सरस्वती महाराजजी की भेंट ली । तब उन्होंने सनातन के कार्य को आशीर्वाद दिए ।

राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश में धर्मशिक्षा फलक एवं ग्रंथ प्रदर्शनी !

दादरी में आयोजित रामलीला तथा बीकानेर के श्री करणीमाता मंदिर में सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा धर्मप्रसार किया गया ।

सनातन संस्था द्वारा योग शिविर में धर्मशिक्षा प्रदान !

यहां भारत स्वाभिमान पतंजली योग समिति की ओर से योग शिविर का आयोजन किया गया था । इस शिविर में उन्होंने सनातन संस्था को दो दिन आध्यात्मिक जानकारी देने के लिए आमंत्रित किया था ।

जमशेदपुर के विद्यालयों में दीपावली पर प्रबोधन !

दीपावली के अवसर पर सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा जमशेदपुर के कुछ पाठशालाआें में कुल २५०० विद्यार्थियों का शुभ-दीपावली, सुरक्षित दीपावली अभियान के अंतर्गत प्रबोधन किया गया ।

सनातन संस्था के प्रेरणास्थान प.पू. रामानंद महाराज की धर्मपत्नी श्रीमती सुशीला (अक्का) निरगुडकर का निर्वाण

सनातन के आस्थाकेंद्र प.पू. भक्तराज महाराज के शिष्य प.पू. रामानंद महाराज (दादा) की धर्मपत्नी श्रीमती सुशीला रामचंद्र निरगुडकर (आयु ८२ वर्ष) का १२ नवंबर कोे निर्वाण हुआ । गत ढाई वर्ष से वे व्याधिग्रस्त थीं ।

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