सनातन के आश्रम पर स्थापित किए जानेवाले कलशों का वसंतपंचमी के शुभमुहूर्त पर किया गया विधिवत पूजन !

आगामी आपातकाल में साधकों की रक्षा हो व ब्रह्मांड से आनेवाले देवताआें के स्पंदन साधकों को मिलें, जिससे वे चैतन्यमय हों, इस हेतु महर्षि ने मंत्रशक्ति से प्रभारित तीन कलश भेजे हैं ।

वर्ष २०१६ में भारत में विपुल सुवृष्टि हो तथा आपात्काल का निवारण होे इस हेतु सौमिक सुवृष्टि योजनांतर्गत सोमयागों का आयोजन !

वर्ष २०१६ में भारत में विपुल सुवृष्टि हो व आपात्काल का निवारण हो, इस हेतु महाराष्ट्र के बार्शी (सोलापुर) स्थित श्री योगीराज वेद विज्ञान आश्रम की ओर से अश्‍वमेधयाजी प.पू. नाना काळे गुरुजी के मार्गदर्शन में सौमिक सुवृष्टि योजनांतर्गत २५ सोमयागों का नियोजन किया गया है ।

आध्यात्मिक पहेलियां (उत्तरोंसहित)

सनातन प्रभात आध्यात्मिक नियतकालिक होने से इस लेखमाला में आध्यात्मिक स्तर की पहेलियां दी हैं । इन पहेलियों से यह समझ में आएगा कि मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक स्तर की पहेलियां क्या होती हैं ।

आगामी आपातकाल की संजीवनी : सनातन की ग्रंथमाला !

आगामी महायुद्धकाल में चिकित्सा-सुविधाएं दुर्लभ होंगी, तब इस ग्रंथमाला का महत्त्व समझ में आएगा ! समाज की सहायता हेतु आगामी आपातकाल की संजीवनी का प्रचार अत्यावश्यक !

धर्मो रक्षति रक्षितः – धर्माचरण में है वर्तमान सभी समस्याआें का समाधान !

वर्तमान स्थिति को देखते हुए लगता है कि अब देश विनाश की ओर ही जानेवाला है । इस स्थिति में परिवर्तन लाने के लिए हिन्दू राष्ट्र लाना ही एकमात्र पर्याय है ।

७८ वर्षीय प.पू. रामभाऊस्वामीजी के चिकित्सकीय परीक्षण की जानकारी

तमिलनाडू के तंजावुर स्थित ७८ वर्षीय परम पूजनीय रामभाऊस्वामीजी ने वर्ष १९७५ से जलप्राशन नहीं किया है । वर्ष १९७७ से वे केवल दो केले और एक प्याली दूध, दिन में केवल एक ही बार ले रहे हैं । ऐसा होते हुए भी वे पूर्णतः कार्यक्षम हैं ।

महान योगी प.पू. रामभाऊस्वामीजी ने किया सनातन संस्था के गोवा स्थित आश्रम में उच्छिष्ट गणपति यज्ञ !

मकर संक्राति के शुभ अवसर पर साधकों की रक्षा तथा हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु संस्था के आश्रम में उच्छिष्ट गणपति यज्ञ भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ ।

सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्त्वाधान में ग्रंथ एवं फलक-प्रदर्शनी !

जोधपुर (राज.) – यहां प्रतिवर्ष लगनेवाले पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प उत्सव मेले में विभिन्न विषयों के ग्रंथ एवं सात्त्विक उत्पादों के साथ धर्मशिक्षा, गोरक्षा एवं धर्माचरण संबंधी फलक-प्रदर्शनी लगाई गई थी ।

केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में अर्पण किया जानेवाला तथा सहस्र वर्ष से भी अधिक परंपरावाला ओणविल्लू

भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी को वामन एकादशी अथवा वामन जयंती कहा जाता है । इस दिन केरल में ओणम् नामक त्योहार मनाया जाता है ।

वैज्ञानिक दृष्टि से ॐ का महत्त्व !

कुछ दिन पहले नासा (नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन, अमेरिकन संस्थान) द्वारा सूर्य के नाद का उपग्रह के माध्यम से किया ध्वनिमुद्रण यू-ट्यूब नामक जालस्थल पर उपलब्ध है ।